प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने स्माइल 2.0 प्राेग्राम के तहत ऑनलाइन के साथ-साथ अब ऑफलाइन भी स्टूडेंट्स काे हाेमवर्क देने के आदेश दिए हैं। आदेश के तहत टीचर काे घर-घर जाकर स्टूडेंट काे हाेमवर्क देना हाेगा। इस आदेश के बाद शिक्षकाें की परेशानी और बढ़ गई है, जिसमें स्टूडेंट काे घर-घर जाकर हाेमवर्क देने के आदेश से राेश बढ़ गया है। गांव और शहरी एरिया में घर-घर बच्चाें काे काेविड-19 के समय में हाेमवर्क देना अब एक चुनाैती हाे गया है।
जबकि घराें में इन दिनाें बच्चे नहीं मिलते हैं। ग्रामीण एरिया में खेताें में वे माता-पिता के साथ चले जाते हैं। वहीं, किताबें भी अभी स्कूलाें में नहीं पहुंची है। ऐसे में अब बच्चाें काे हाेमवर्क देना और फिर जांचना एक बड़ी समस्या हाे गया है। हाेमवर्क का फीड बैक उच्चाधिकारियाें काे ऑनलाइन तय समय पर देना संभव नहीं हाेगा। इस आदेश काे लेकर शिक्षकाें में आक्राेश बना है। जबकि ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की बात भी कही है।
इधर, गांवों में नहीं मिल रहा मोबाइल नेटवर्क, स्टूडेंट्स के घर जा रहे हैं शिक्षक
भले ही शिक्षकाें के लिए घर-घर जाकर हाेमवर्क देने का आदेश अभी आया है। लेकिन, मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के कुछ शिक्षक घर-घर जाकर पिछले करीब पांच महीनाें से बच्चाें काे हाेम वर्क दे रहे हैं। साथ ही उनका फीडबैक भी ले रहे हैं।
गिरधरपुरा के शिक्षक मूलचंद गाेचर का कहना है कि गांव में नेटवर्क नहीं आने और कनेक्टिविटी में प्राॅब्लम से बच्चाें काे कई महीनाें से घर-घर जाकर हाेमवर्क दे रहे हैं। बच्चाें काे शिक्षा से जाेड़ा हुआ है।
शिक्षकाें ने कहा-कोरोना के कारण अभिभावक भी कहते हैं भला-बुरा
शिक्षकाें ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि हाेमवर्क देने जब अभिभावकाें के घराें में गए ताे बच्चे भी नहीं मिले। काेई नानी के गया ताे काेई शादी में और काेई खेलने चला गया। अभिभावकाें से जब हाेमवर्क देने के संबंध में बात की ताे उन्हाेंने काेराेना के समय हाेमवर्क देने घर आने काे लेकर भला-बुरा तक कह दिया है। इससे भी चिंता बढ़ गई है।
शिक्षकाें
काे बेवजह परेशान किया जा रहा है। काेविड गाइडलाइन की पालना की जा रही
हैं। वहां छाेटे-छाेटे बच्चाें के घराें में जाकर हाेमवर्क देने के आदेश
सही नहीं है। साथ ही एक समय में काफी संख्या में बच्चाें काे हाेमवर्क देना
प्रेक्टीकल रूप से संभव नहीं है।
- सुरेश मेहरा, प्रदेश संगठन मंत्री राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत
स्कूलाें
में ऑनलाइन स्माइल प्राेग्राम की औपचारिकता पूरी करने के बाद घर-घर जाकर
बच्चाें काे हाेमवर्क देना तर्कसंगत नहीं हैं। अभिभावक भी इस पर सहमत नहीं
हैं। विभाग पुर्नविचार करे। साथ ही बच्चाें काे स्कूल में गाइड लाइन के
अनुसार पढ़ाने के आदेश दे अथवा जीराे सेशन घाेषित करें।
- सुरेश चावला, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक कांग्रेस
विभाग
की ओर से स्माइल प्राेग्राम 2.0 के तहत आदेश मिले हैं। विभागीय आदेशाें के
अनुसार इसकी शिक्षकाें काे पूरी तरह से पालना करनी है। गाइड लाइन के
अनुसार घर-घर जाकर प्राइमरी और मिडिल स्कूलाें के बच्चाें काे हाेमवर्क
संबंधित प्राेसेस पूरी करनी है।
- नरेंद्र शर्मा, एडीईओ प्रारंभिक शिक्षा मुख्यालय
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