बूंदी. ऑनलाइन पढ़ाई कैसी हो रही, इसमें शिक्षकों का क्या योगदान रहा और बच्चों को कितना समझ में आ रही? कितना फायदा मिल रहा। फिलहाल धरातल पर विभाग की क्या कमजोरी रही, इसकी जांच करने सोमवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी बूंदी पहुंचे। यहां शिक्षा विभाग के शासन उप सचिव शिक्षा (गु्रप-1) भारतेंद्र जैन ने पहले दिन 5 स्कूलों का निरीक्षण कर ऑनलाइन क्लासेज के बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। निरीक्षण के
दौरान शासन उप सचिव ने तीन स्कूलों की ओर से ऑनलाइन शिक्षण कार्य नहीं करने को लेकर गहरी नाराजगी प्रकट की। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों को घर-घर जाकर विद्यार्थियों को अभ्यास पुस्तिका में गृहकार्य आंवटन किया जाने के निर्देश दिए। प्रभारी अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान कहा कि फोटो व वीडिय़ो भी विभाग को उपलब्ध कराने होंगे, ताकि हर जिले की रैकिंग को भी क्रॉस चेक किया जा सके। निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री के ओएसडी रघुवीर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी (मा.) तेजकंवर, समग्र शिक्षा अभियान के राजेंद्र भारद्वाज आदि साथ रहे। कोरोनाकाल में सरकारी
स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसको लेकर कई योजनाएं ऑनलाइन ही
संचालित हो रही। विभाग ने स्माईल-1, 2 प्रोग्राम के साथ कई योजना संचालित
कर रखी। ऑनलाइन पढ़ाई का बच्चों को कितना फायदा मिल रहा और फिलहाल धरातल पर
विभाग की क्या कमजोरी रही, इसकी जांच करने अधिकारी पहुंचे थे। निरीक्षण के
बाद सभी जिलों की रिपोर्ट पर 14 दिसम्बर के बाद मंथन होगा। गौरतलब है कि
कई जिलों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा का पूरा फायदा नहीं मिलने की
बात सामने आने के बाद विभाग ने ऑनलाइन शिक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं की
जमीनी हकीकत जानने के लिए यह निर्णय किया।
इन स्कूलों का किया निरीक्षण, खामियों पर जताई नाराजगी
शासन
उप सचिव ने अकतासा, महात्मा गांधी उच्च माध्यामिक विद्यालय नमाना, स्वामी
विवेकानंद मॉडल स्कूल बरूंधन, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय करजूना व
बूंदी शहर के निजी स्कूल कुडोज का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान
घर-घर जाकर विद्यार्थियों को अभ्यास पुस्तिका में गृहकार्य आंवटन किए जाने
के निर्देश दिए। उन्होंने अकतासा, करजूना और महात्मा गांधी विद्यालय के
प्रति नाराजगी जाहिर की।
स्वयं के मोबाइल से कराएं शिक्षण कार्य
निरीक्षण
के दौरान अधिकारी ने शिक्षा विभाग के समस्त विद्यालयों में शिक्षकों
द्वारा किए जा रहे है कार्यों को संतोषप्रद मांगते हुए निर्देशित किया कि
शत-प्रतिशत बालक-बालिकाओं को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन गृह कार्य सहित निर्धारित
पाठ्यक्रम का शिक्षण कार्य स्वयं के मोबाइल से करवाया जाएं। इसके साथ ही
ऑनलाइन क्लासेज, स्माइल-1 व 2 प्रोग्राम व निर्माण के तहत ऑनलाइन एवं
ऑफलाइन लाभान्वित हो रहे बालक-बालिकाओं की समीक्षा की।
होमवर्क के बारे में ली जानकारी
शासन
उप सचिव ने स्माइल-1 व 2 कार्यक्रम की मॉनिटरिंग विशेष रूप से बच्चों को
विभाग की और से तैयार किए गए कंटेट आधारित वीडिय़ो क्लासेज एवं ऑनलाइन
क्लासेज तथा ऑफलाइन गृह कार्य की जांच छात्र-छात्राओं के होमवर्क संबंधित
अभिलेख आदि के बारे में जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि जो कंटेट ऑनलाइन
आ रहा उसे स्वयं देखे एवं उसके उपरान्त विद्यार्थियों को शिक्षण प्रक्रिया
में लेवे। विद्यालयों में पोर्टफोलियो तैयार करें और साथ ही ऑनलाइन
गृहकार्य को बच्चों तक पहुंचाने के लिए जानकारी दी।
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