बजटकी कमी से जिले के करीब 1100 प्राइमरी सेटअप के चार हजार शिक्षकों का
मार्च महीने का करीब 18 करोड़ रुपए वेतन अटका पड़ा है। इससे इन शिक्षकों को
आर्थिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। हालात यह है अब तो शिक्षक घर खर्च में
भी कटौती करने लगे है।
वििदत रहे कि जिले में प्राइमरी सेटअप की करीब ग्यारह सौ स्कूलें है। इनके शिक्षकों को मार्च माह का वेतन नहीं मिला है। जबकि दूसरा महीना ही खत्म होने वाला है। मार्च माह का वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों एवं शिक्षक संगठनों में सरकार के प्रति नाराजगी है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद स्वर्णकार ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने बजट आवंटन की आवश्यक कार्रवाई नहीं करने से बजट आवंटन नहीं हो पा रहा है। इस समस्या को लेकर जिलाध्यक्ष स्वर्णकार महामंत्री बदरूद्दीन आदि ने डीईओ प्रारंभिक सुभाष शर्मा से वार्ता कर जल्द वेतन दिलाने की मांग की है। साथ ही जीपीएफ का पैसा भी करीब चार साले से समय पर जमा नहीं हो रहा है। इससे लोन लेने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बजट नहीं मिलने से रही वेतन की समस्या
डीईओप्राथमिक सुभाष शर्मा ने बताया कि शिक्षकों को मार्च माह का वेतन दिलाने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। बजट नहीं मिलने से इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है। बतट आते ही वेतन दे दिया जाएगा।
केंद्र सरकार देती है 60 प्रतिशत
सर्वशिक्षाअभियान के समन्यवक हनुमान जाट ने बताया कि इन शिक्षकों के वेतन की 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती है। वहीं 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती है। अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इन शिक्षकों के लिए बजट नहीं दिया है। इससे इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
जयपुरमें हुई है बैठक
सर्वशिक्षाअभियान के समन्यवक हनुमान जाट ने बताया कि सोमवार को जयपुर में वेतन को लेकर सचिव ने अधिकारियों की बैठक ली है। इसमें भी इन शिक्षकों को जल्द वेतन दिलाने का आश्वासन दिया है।
प्रारंभिक शिक्षा में करीब चार हजार शिक्षक है। प्रति शिक्षक को औसतन 45 हजार रुपए मिलते है। ऐसे में जिले के करीब ग्यारह सौ शिक्षकों को हर माह करीब 18 करोड़ रुपए वेतन के रुप में मिलते है,लेकिन अभी तक भी बजट आवंटन नहीं होने से इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
वििदत रहे कि जिले में प्राइमरी सेटअप की करीब ग्यारह सौ स्कूलें है। इनके शिक्षकों को मार्च माह का वेतन नहीं मिला है। जबकि दूसरा महीना ही खत्म होने वाला है। मार्च माह का वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों एवं शिक्षक संगठनों में सरकार के प्रति नाराजगी है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद स्वर्णकार ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने बजट आवंटन की आवश्यक कार्रवाई नहीं करने से बजट आवंटन नहीं हो पा रहा है। इस समस्या को लेकर जिलाध्यक्ष स्वर्णकार महामंत्री बदरूद्दीन आदि ने डीईओ प्रारंभिक सुभाष शर्मा से वार्ता कर जल्द वेतन दिलाने की मांग की है। साथ ही जीपीएफ का पैसा भी करीब चार साले से समय पर जमा नहीं हो रहा है। इससे लोन लेने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बजट नहीं मिलने से रही वेतन की समस्या
डीईओप्राथमिक सुभाष शर्मा ने बताया कि शिक्षकों को मार्च माह का वेतन दिलाने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। बजट नहीं मिलने से इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है। बतट आते ही वेतन दे दिया जाएगा।
केंद्र सरकार देती है 60 प्रतिशत
सर्वशिक्षाअभियान के समन्यवक हनुमान जाट ने बताया कि इन शिक्षकों के वेतन की 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती है। वहीं 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती है। अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इन शिक्षकों के लिए बजट नहीं दिया है। इससे इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
जयपुरमें हुई है बैठक
सर्वशिक्षाअभियान के समन्यवक हनुमान जाट ने बताया कि सोमवार को जयपुर में वेतन को लेकर सचिव ने अधिकारियों की बैठक ली है। इसमें भी इन शिक्षकों को जल्द वेतन दिलाने का आश्वासन दिया है।
प्रारंभिक शिक्षा में करीब चार हजार शिक्षक है। प्रति शिक्षक को औसतन 45 हजार रुपए मिलते है। ऐसे में जिले के करीब ग्यारह सौ शिक्षकों को हर माह करीब 18 करोड़ रुपए वेतन के रुप में मिलते है,लेकिन अभी तक भी बजट आवंटन नहीं होने से इन शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है।
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