नीमकाथाना.करणपुरा
की सुमन सैनी महिलाओं को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अंतरिक्ष यात्री
कल्पना चावला और एथलीट कृष्णा पूनिया जैसी अपने दम पर पहचान बनाने वाली
महिलाओं के किस्से सुनाकर बेटी बचाने और पढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
सैकंड ईयर में पढ़ रही सुमन दो साल में गुहाला और नृसिंहपुरी पंचायत के 780
परिवारों से बेटी बचाने का संकल्प पत्र भरवा चुकी है।
नतीजा, पढाई छोड़ चुकी 13 बेटियों को अभिभावकों ने वापस स्कूल में दाखिला दिलाया। करणपुरा गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या 57 फीसदी पहुंच चुकी है। सुमन ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को आईएस, आरएएस जैसे पदों पर चयनित होने वाली बेटियों की सफलता की कहानी भी सुनाती है। इससे प्रेरित महिलाओं से बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए संकल्प पत्र भरवाती है। संकल्प पत्र में कन्या भ्रूण हत्या रोकने, बालिका शिक्षा को बढावा देने व बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के संदेश लिखे हैं। गांव की बेटी की इस मुहिम से महिलाओं में शिक्षा के प्रति काफी जागरूकता आई है। नृसिंहपुरी सरपंच गोपाल सैनी का कहना है कि सुमन की कोशिशों से महिलाओं में शिक्षा के लिए जागरूकता आई है। लोग बेटियों को पढाई के लिए दूसरे गांव भेजने लगे हैं।
सावित्रीबाई फुले की जीवनी पढ़कर शुरू की मुहिम
सुमन ने बताया कि चार साल पहले सावित्री बाई फुले की जीवनी पढ़ने का मौका मिला। पुस्तक के एक प्रसंग का हवाला देते हुए उसने बताया कि सावित्रीबाई बेटियों को पढ़ाने के लिए निकलती तो उनका बहुत विरोध होता था। इसके बाद भी उन्होंने अभियान जारी रखा। इससे प्रेरित होकर सुमन ने यह मुहिम शुरू की।
गांव में आए बदलाव की कहानी बताते दो उदाहरण
केस- 1 : गांव की पूजा सैनी ने 10वीं के बाद पढाई छोड़ दी। क्योंकि आगे की पढाई के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता। सुमन ने परिजनों को प्रेरित किया तो माता-पिता ने पूजा का गुहाला के स्कूल में एडमिशन दिलाया। वह 12वीं में है।
केस- 2 :नृसिंहपुरी की सुमन कुमारी ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। लेकिन बेटी बचाओ बेटी पढाई की मुहीम में जुटी सुमन सैनी ने परिवार वालों से बातचीत की और सुमन कुमारी को कॉलेज में दाखिला दिलाया। वह आज बीए की पढाई कर रही है।
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