अजमेर.राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा वरिष्ठ अध्यापक माध्यमिक
शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा 2016 में नई व्यवस्था की शुरुआत की गई है। इस
परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या 8.5 लाख के आसपास होने के कारण आयोग ने
पहली बार इस परीक्षा में जी के अनिवार्य पेपर दो बार अलग-अलग समूहों के
लेने का निर्णय किया।
इससे
पूर्व शिक्षक भर्ती में जीके का एक ही पेपर हुआ करता था। आयोग इस परीक्षा
के वैकल्पिक विषयों के पेपर भी ऑनलाइन लेने की तैयारी कर रहा है। यह भी एक
नया प्रयोग इस परीक्षा में होगा।
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 6468 पदों के लिए यह भर्ती परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसके लिए आयोग को 8 लाख 47 हजार 616 अभ्यर्थियों को पंजीकृत किया गया। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के लिए एक साथ परीक्षा आयोजित करना आयोग के लिए बड़ी चुनौती थी। इसे देखते हुए आयोग ने इस परीक्षा को बीच में कई बार तिथि देने के बाद भी खिसकाया।
इसलिए किया दो ग्रुप में परीक्षा आयोजित करने का फैसला
आयोग को प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र नहीं मिलने पर आयोग ने इस परीक्षा के कुल 8 विषयों के अभ्यर्थियों को दो ग्रुपों में बांट कर अलग-अलग जीके व एजुकेशनल साइकोलॉजी का अनिवार्य पेपर लेने का निर्णय किया।
आयोग को प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र नहीं मिलने पर आयोग ने इस परीक्षा के कुल 8 विषयों के अभ्यर्थियों को दो ग्रुपों में बांट कर अलग-अलग जीके व एजुकेशनल साइकोलॉजी का अनिवार्य पेपर लेने का निर्णय किया।
ग्रुप
वन में आयोग ने हिंदी, संस्कृत, गणित और उर्दू के अभ्यर्थियों को डाला और
इनकी जी के की परीक्षा आज संपन्न हो गई। इस ग्रुप में 3 लाख 99 हजार 691
अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए।
आयोग
ने दूसरा ग्रुप सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, अंग्रेजी और पंजाबी विषय के
अभ्यर्थियों का बनाया। इस ग्रुप में 4 लाख 47 हजार 925 अभ्यर्थियों को
पंजीकृत किया गया। इनकी परीक्षा 1 मई को होगी।
2011-13 में एक ही पेपर हुआ
इस परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग द्वारा वर्ष 2013 व 2011 में आयोजित शिक्षक भर्ती में कॉमन पेपर एक ही दिन लिया गया था। जबकि वैकल्पिक विषय के पेपर अलग-अलग होते ही हैं।
2008 में वैकल्पिक के साथ हुए थे अलग-अलग जीके के पेपर
अभ्यर्थियों का ही कहना है कि वर्ष 2008 में हुई भर्ती परीक्षा में आयोग ने जितने विषयों में शिक्षक भर्ती हुई थी, उतने ही दिन अलग-अलग जी के की परीक्षा ली थी। सुबह के सत्र में जी के की परीक्षा होती थी और दोपहर के सत्र में वैकल्पिक विषयों की परीक्षा आयोजित की गई थी।
अभ्यर्थियों का ही कहना है कि वर्ष 2008 में हुई भर्ती परीक्षा में आयोग ने जितने विषयों में शिक्षक भर्ती हुई थी, उतने ही दिन अलग-अलग जी के की परीक्षा ली थी। सुबह के सत्र में जी के की परीक्षा होती थी और दोपहर के सत्र में वैकल्पिक विषयों की परीक्षा आयोजित की गई थी।
अब ऑनलाइन भी पहली बार
अब आयोग इस परीक्षा के वैकल्पिक विषयों के पेपर जून में ऑन लाइन रूप में आयोजित करने जा रहा है। हालांकि आयोग कॉलेज लेक्चरर प्रतियोगी परीक्षा 2014 में इसकी शुरूआत कर चुका है, लेकिन शिक्षक भर्ती में पहली बार ऑन लाइन परीक्षा होगी। इससे कम समय में आयोग परीक्षा प्रक्रिया पूरी कर सकेगा।
प्रशासनिक कारणों से अलग हुए पेपर
''इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या ही कॉमन पेपर जीके व एजुकेशनल साइकोलॉजी को दो ग्रुपों में लेने का निर्णय लेना पड़ा। प्रदेश में एक साथ इतने अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र नहीं मिल रहे थे। इस व्यवस्था से अभ्यर्थियों को कोई परेशानी नहीं होगी। वैकल्पिक विषयों की परीक्षा ऑन लाइन आयोजित की जाएगी।'' - डॉ. ललित के. पंवार, अध्यक्ष, आरपीएससी
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