जयपुर । राजस्थान में सरकारी नौकरी लेना आसान
नहीं है। पहले आप सरकारी नौकरी के लिए एग्जाम पास करो, एग्जाम पास करने के
बाद इंटरव्यू पास करो। इसके बाद नौकरी ज्वाइन करने के लिए शासन सचिवालय
में कभी मंत्री के तो कभी संबंधित विभाग के आईएएस अफसर के कार्यालय के
धक्के खाते रहो।
कुछ यही हो रहा है कि नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के साथ। राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी आरपीएससी ने 15 जुलाई 2015 को सहायक अभियोजन अधिकारी के 281 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इसके बाद 18 अक्टूबर 2015 और 25 अक्टूबर 2015 को इसके लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित हुई। वहीं इस परीक्षा के ठीक एक साल बाद यानी 19 नवंबर 2016 को सफल अभ्यर्थियों का परिणाम निकाला गया। लेकिन 5 महीने बीत जाने के बावजूद सहायक अभियोजन अधिकारियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। अधीनस्थ अदालत में सरकार की पैरवी के लिए पहले से ही सहायक अभियोजन अधिकारियों की कमी है और इस स्थिति में भी अभी तक सरकार नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों को नियुक्ति नहीं दे रही है। कभी यह सफल अभ्यर्थी गृहमंत्री के पास, तो कभी चीफ जस्टिस के पास, तो कभी कार्मिक, फाइनेंस और होम डिपार्टमेंट के आईएएस अफसरों के पास चक्कर लगा रहे है।
कुछ यही हो रहा है कि नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के साथ। राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी आरपीएससी ने 15 जुलाई 2015 को सहायक अभियोजन अधिकारी के 281 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इसके बाद 18 अक्टूबर 2015 और 25 अक्टूबर 2015 को इसके लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित हुई। वहीं इस परीक्षा के ठीक एक साल बाद यानी 19 नवंबर 2016 को सफल अभ्यर्थियों का परिणाम निकाला गया। लेकिन 5 महीने बीत जाने के बावजूद सहायक अभियोजन अधिकारियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। अधीनस्थ अदालत में सरकार की पैरवी के लिए पहले से ही सहायक अभियोजन अधिकारियों की कमी है और इस स्थिति में भी अभी तक सरकार नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों को नियुक्ति नहीं दे रही है। कभी यह सफल अभ्यर्थी गृहमंत्री के पास, तो कभी चीफ जस्टिस के पास, तो कभी कार्मिक, फाइनेंस और होम डिपार्टमेंट के आईएएस अफसरों के पास चक्कर लगा रहे है।
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