शिक्षाविभाग में संयुक्त निदेशक और उपनिदेशक पदों पर भी वर्ष 2017-18 की
डीपीसी हो गई है। जिसमें दो वर्ष अनुभव वाले जोधपुर, चूरू और बीकानेर के
उपनिदेशकों को संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया है। वहीं एक
अप्रैल, 2017 को दो साल अनुभव वाले 67 डीईओ में से 30 का चयन उपनिदेशक पदों
के लिए हुआ है।
शेष दो वर्ष अनुभव वाले डीईओ रिव्यू एंड रिविजन सूची में रहेंगे। वर्ष 2017-18 के लिए चयनित उपनिदेशकों के सेवानिवृत्त होने एवं अन्य किसी तरह से पद रिक्त होने पर आरआर सूची में चयनित डीईओ को डीडी पदों पर पोस्टिंग मिलेगी।
भास्कर संवाददाता | नागौर
माध्यमिकशिक्षा विभाग की स्कूलों में लंबे समय से रिक्त चल रहे 32 पदों के लिए नए शिक्षा सत्र में प्रिंसिपल मिलेंगे। वहीं प्रदेशभर की स्कूलों में करीब 2800 पद भर जाएंगे। नागौर जिले के 456 पदों में से वर्तमान में 32 प्रिंसिपलों के पद रिक्त चल रहे है। चयन वर्ष 2017-18 की डीपीसी में पात्र व्याख्याता और एचएम का चयन इन पदों के लिए किया गया है। अजमेर में आरपीएससी सदस्य केआर बगडिय़ा की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नत समिति की बैठक हुई। प्रिंसिपल के 2800 पदों पर 1700 तीन वर्ष अनुभव वाले पोस्ट ग्रेजुएट एचएम और 1100 पांच साल अनुभव वाले व्याख्याताओं को पदोन्नत किया गया है। शिक्षा विभाग में वर्तमान में प्रिंसिपल के करीब 1400 पद रिक्त है। जबकि शेष पद 31 मार्च, 2018 तक रिक्त होंगे। अभी रिक्त पदों की संख्या के बराबर इन चयनित प्रिंसिपल को अनुमोदन होने के बाद वरिष्ठता से काउंसलिंग कर पोस्टिंग दी जाएगी। जबकि अन्य को शेष पद उपलब्ध होने पर पोस्टिंग मिलेगी। राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के तहत प्रिंसिपल पदों पर 67 फीसदी व्याख्याता और 33 फीसदी पोस्ट ग्रेजुएट एचएम को पदोन्नत करने का प्रावधान है। इस डीपीसी में व्याख्याता कम पदोन्नत होने का कारण वर्तमान में प्रिंसिपल पदों पर कार्यरत एचएम कोटे के अभ्यर्थी कम होना बताया जा रहा है।
जिलेमें 456 पदों में से प्रिंसिपल के 32 रिक्त
जिलेभरकी माध्यमिक उच्च माध्यमिक की 667 स्कूलों में से प्रिंसिपलों के 456 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में जिलेभर में लंबे समय से 25 से ज्यादा प्रिंसिपलों के पद रिक्त चल रहे हैं। साथ ही 6 पदों से प्रिसिंपल सेवानिवृत्त हो गए थे। ऐसे में 32 पद लंबे समय से व्याख्याता ही अतिरिक्त कार्यवाहक प्रिसिंपल के तौर पर संभाल रहे थे। ऐसे में अब नए सत्र से खाली पद प्रिंसिपलों से भर जाएंगे।
शेष दो वर्ष अनुभव वाले डीईओ रिव्यू एंड रिविजन सूची में रहेंगे। वर्ष 2017-18 के लिए चयनित उपनिदेशकों के सेवानिवृत्त होने एवं अन्य किसी तरह से पद रिक्त होने पर आरआर सूची में चयनित डीईओ को डीडी पदों पर पोस्टिंग मिलेगी।
भास्कर संवाददाता | नागौर
माध्यमिकशिक्षा विभाग की स्कूलों में लंबे समय से रिक्त चल रहे 32 पदों के लिए नए शिक्षा सत्र में प्रिंसिपल मिलेंगे। वहीं प्रदेशभर की स्कूलों में करीब 2800 पद भर जाएंगे। नागौर जिले के 456 पदों में से वर्तमान में 32 प्रिंसिपलों के पद रिक्त चल रहे है। चयन वर्ष 2017-18 की डीपीसी में पात्र व्याख्याता और एचएम का चयन इन पदों के लिए किया गया है। अजमेर में आरपीएससी सदस्य केआर बगडिय़ा की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नत समिति की बैठक हुई। प्रिंसिपल के 2800 पदों पर 1700 तीन वर्ष अनुभव वाले पोस्ट ग्रेजुएट एचएम और 1100 पांच साल अनुभव वाले व्याख्याताओं को पदोन्नत किया गया है। शिक्षा विभाग में वर्तमान में प्रिंसिपल के करीब 1400 पद रिक्त है। जबकि शेष पद 31 मार्च, 2018 तक रिक्त होंगे। अभी रिक्त पदों की संख्या के बराबर इन चयनित प्रिंसिपल को अनुमोदन होने के बाद वरिष्ठता से काउंसलिंग कर पोस्टिंग दी जाएगी। जबकि अन्य को शेष पद उपलब्ध होने पर पोस्टिंग मिलेगी। राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के तहत प्रिंसिपल पदों पर 67 फीसदी व्याख्याता और 33 फीसदी पोस्ट ग्रेजुएट एचएम को पदोन्नत करने का प्रावधान है। इस डीपीसी में व्याख्याता कम पदोन्नत होने का कारण वर्तमान में प्रिंसिपल पदों पर कार्यरत एचएम कोटे के अभ्यर्थी कम होना बताया जा रहा है।
जिलेमें 456 पदों में से प्रिंसिपल के 32 रिक्त
जिलेभरकी माध्यमिक उच्च माध्यमिक की 667 स्कूलों में से प्रिंसिपलों के 456 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में जिलेभर में लंबे समय से 25 से ज्यादा प्रिंसिपलों के पद रिक्त चल रहे हैं। साथ ही 6 पदों से प्रिसिंपल सेवानिवृत्त हो गए थे। ऐसे में 32 पद लंबे समय से व्याख्याता ही अतिरिक्त कार्यवाहक प्रिसिंपल के तौर पर संभाल रहे थे। ऐसे में अब नए सत्र से खाली पद प्रिंसिपलों से भर जाएंगे।
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