जयपुर / अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 2017 की परीक्षा से योग्यता सूची जारी नहीं करेगा। इसके स्थान पर अब बोर्ड दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रथम तीन विद्यार्थियों को मेडल देकर सम्मानित करेगा। इसके साथ ही बोर्ड का 214.59 करोड़ रुपए का बजट भी पारित किया गया है। ये निर्णय बोर्ड प्रबंध मंडल की बैठक में लिए गए। जानिए और क्या -क्या निर्णय हुए ...
योग्यता सूची जारी नहीं होगी
- बोर्ड प्रबंध मण्डल ने परीक्षा समिति के 2017 की परीक्षा से योग्यता सूची जारी नहीं करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। अब बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में स्थाई और अस्थाई योग्यता सूचियां जारी नहीं की जाएंगी, परन्तु बोर्ड द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रथम तीन विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए जाएंगे।
- प्रथम को स्वर्ण पदक, द्वितीय एवं तृतीय को रजत पदक दिए जाएंगे। राज्य सरकार अथवा संस्थाओं द्वारा परीक्षार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृत्तियां, लेपटॉप, गार्गी पुरस्कार आदि दिए जाने के लिए अंकों के आधार पर सूची उपलब्ध करा दी जाएगी।
प्रायोगिक परीक्षा सरकारी शिक्षक लेंगे
- यह भी निर्णय लिया गया कि परीक्षा 2018 से प्रायोगिक परीक्षा उसी जिले के राजकीय विद्यालय में सेवारत शिक्षकों से करवाई जाएं। यदि किसी जिले में परीक्षकों की कमी हो तो निकटतम जिले के राजकीय विद्यालय के शिक्षकों को नियुक्त कर परीक्षा करवाई जाए। विशेष परिस्थितियों में राजकीय विद्यालयों को अध्यापकों की कमी होने की स्थिति में निजी विद्यालयों के अध्यापकों से परीक्षा करवाई जा सकती है।
- मूल्यांकन में गुणवत्ता के लिए भी निर्णय लिए गए। साल 2018 की परीक्षा के लिए प्रत्येक परीक्षक को अधिकतम 360 उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए दिए जाने और जिन परीक्षकों ने 2017 की उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल मूल्यांकन के लिए नहीं लिए हैं उनके विरुद्ध संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए सूचित करने के निर्देश दिए।
214.59 करोड़ का बजट पास
- बोर्ड प्रबंध मंडल ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2017-18 के 214.59 करोड़ रुपए के बजट प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया। इस बजट में 12.46 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया गया है जबकि गत वित्तीय वर्ष में यह घाटा 46 करोड़ रुपए था।
- बजट को प्रस्तुत करते हुए बोर्ड सचिव मेघना चौधरी ने बताया कि घाटा कम रहने का मूल कारण सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन, परीक्षा केन्द्रों पर कराई जाने वाली विडियोग्राफी और सी.सी.टी.वी. कैमरे के भुगतान में कड़े मापदंड, बोर्ड की परीक्षाओं के दस्तावेजी प्रतिलिपि शुल्क में वृद्धि, बोर्ड परीक्षा के आवेदन पत्रों को प्रस्तुत करने में जानबूझ कर देरी करने वाले विद्यालयों पर दंडात्मक कार्रवाई से प्राप्त होने वाली राशि से बोर्ड के घाटे को कम करने में मदद मिली है।
- सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि बोर्ड परीक्षाओं के नाम पर निजी विद्यालयों द्वारा टेंट हाउसों से किराए पर लिए जाने वाली फर्नीचर की राशि के भुगतान पर बोर्ड ने पूर्णरूप से लगाम कस दी जिससे बोर्ड को छह करोड़ रुपये राशि की बचत हुई। बोर्ड प्रबंध मण्डल के सदस्यों ने सर्वसम्मति से बोर्ड प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर अपनी सहमति दर्ज कराई।
संबद्धता पर निर्णय
- बोर्ड प्रबंध मण्डल ने निर्णय लिया कि जिन विद्यालयों ने 10 अक्टूबर, 2016 तक स्थाई संबद्धता के लिए बोर्ड में आवेदन कर रखा है और उन विद्यालय के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में निरंतर प्रविष्ट हो रहे है। उन सभी विद्यालय से स्थाई संबद्धता की सभी कार्रवाई पूर्ण करवाकर व निर्धारित शुल्क प्राप्त कर उनको स्थाई संबद्धता प्रमाण-पत्र जारी कर दिए जाए।
विद्यार्थी सेवा केंद्र बढ़ेंगे
- बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने बताया कि बोर्ड के वर्तमान में 16 जिलों में विद्यार्थी सेवा केन्द्र संचालित हैं जहां से विद्यार्थी 2001 से 2017 तक की अंकतालिका और माइग्रेशन प्रमाण-पत्र आवेदन के साथ ही प्राप्त कर सकते हैं।
- शिक्षा बोर्ड चालू वित्तीय वर्ष में इनका विस्तार करेगा और राज्य के सभी जिलों में बोर्ड के विद्यार्थी सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
- इससे दूर-दराज के विद्यार्थियों को अपने परीक्षा संबंधी दस्तावेज को प्राप्त करने के लिए अजमेर स्थित बोर्ड कार्यालय आने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। बोर्ड कॉलोनी में स्थित विद्या भवन गेस्ट हाउस के प्रथम तल का विस्तार कराया जाएगा ताकि बोर्ड परीक्षा, शैक्षिक कार्य और शिक्षण-प्रशिक्षण के कार्य के लिए आए हुए शिक्षकों को अल्प अवधि प्रवास के लिए स्थान मुहैया कराने की दृष्टि से 95 लाख रुपए के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।
योग्यता सूची जारी नहीं होगी
- बोर्ड प्रबंध मण्डल ने परीक्षा समिति के 2017 की परीक्षा से योग्यता सूची जारी नहीं करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। अब बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में स्थाई और अस्थाई योग्यता सूचियां जारी नहीं की जाएंगी, परन्तु बोर्ड द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रथम तीन विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए जाएंगे।
- प्रथम को स्वर्ण पदक, द्वितीय एवं तृतीय को रजत पदक दिए जाएंगे। राज्य सरकार अथवा संस्थाओं द्वारा परीक्षार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृत्तियां, लेपटॉप, गार्गी पुरस्कार आदि दिए जाने के लिए अंकों के आधार पर सूची उपलब्ध करा दी जाएगी।
प्रायोगिक परीक्षा सरकारी शिक्षक लेंगे
- यह भी निर्णय लिया गया कि परीक्षा 2018 से प्रायोगिक परीक्षा उसी जिले के राजकीय विद्यालय में सेवारत शिक्षकों से करवाई जाएं। यदि किसी जिले में परीक्षकों की कमी हो तो निकटतम जिले के राजकीय विद्यालय के शिक्षकों को नियुक्त कर परीक्षा करवाई जाए। विशेष परिस्थितियों में राजकीय विद्यालयों को अध्यापकों की कमी होने की स्थिति में निजी विद्यालयों के अध्यापकों से परीक्षा करवाई जा सकती है।
- मूल्यांकन में गुणवत्ता के लिए भी निर्णय लिए गए। साल 2018 की परीक्षा के लिए प्रत्येक परीक्षक को अधिकतम 360 उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए दिए जाने और जिन परीक्षकों ने 2017 की उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल मूल्यांकन के लिए नहीं लिए हैं उनके विरुद्ध संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए सूचित करने के निर्देश दिए।
214.59 करोड़ का बजट पास
- बोर्ड प्रबंध मंडल ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2017-18 के 214.59 करोड़ रुपए के बजट प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया। इस बजट में 12.46 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया गया है जबकि गत वित्तीय वर्ष में यह घाटा 46 करोड़ रुपए था।
- बजट को प्रस्तुत करते हुए बोर्ड सचिव मेघना चौधरी ने बताया कि घाटा कम रहने का मूल कारण सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन, परीक्षा केन्द्रों पर कराई जाने वाली विडियोग्राफी और सी.सी.टी.वी. कैमरे के भुगतान में कड़े मापदंड, बोर्ड की परीक्षाओं के दस्तावेजी प्रतिलिपि शुल्क में वृद्धि, बोर्ड परीक्षा के आवेदन पत्रों को प्रस्तुत करने में जानबूझ कर देरी करने वाले विद्यालयों पर दंडात्मक कार्रवाई से प्राप्त होने वाली राशि से बोर्ड के घाटे को कम करने में मदद मिली है।
- सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि बोर्ड परीक्षाओं के नाम पर निजी विद्यालयों द्वारा टेंट हाउसों से किराए पर लिए जाने वाली फर्नीचर की राशि के भुगतान पर बोर्ड ने पूर्णरूप से लगाम कस दी जिससे बोर्ड को छह करोड़ रुपये राशि की बचत हुई। बोर्ड प्रबंध मण्डल के सदस्यों ने सर्वसम्मति से बोर्ड प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर अपनी सहमति दर्ज कराई।
संबद्धता पर निर्णय
- बोर्ड प्रबंध मण्डल ने निर्णय लिया कि जिन विद्यालयों ने 10 अक्टूबर, 2016 तक स्थाई संबद्धता के लिए बोर्ड में आवेदन कर रखा है और उन विद्यालय के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में निरंतर प्रविष्ट हो रहे है। उन सभी विद्यालय से स्थाई संबद्धता की सभी कार्रवाई पूर्ण करवाकर व निर्धारित शुल्क प्राप्त कर उनको स्थाई संबद्धता प्रमाण-पत्र जारी कर दिए जाए।
विद्यार्थी सेवा केंद्र बढ़ेंगे
- बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने बताया कि बोर्ड के वर्तमान में 16 जिलों में विद्यार्थी सेवा केन्द्र संचालित हैं जहां से विद्यार्थी 2001 से 2017 तक की अंकतालिका और माइग्रेशन प्रमाण-पत्र आवेदन के साथ ही प्राप्त कर सकते हैं।
- शिक्षा बोर्ड चालू वित्तीय वर्ष में इनका विस्तार करेगा और राज्य के सभी जिलों में बोर्ड के विद्यार्थी सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
- इससे दूर-दराज के विद्यार्थियों को अपने परीक्षा संबंधी दस्तावेज को प्राप्त करने के लिए अजमेर स्थित बोर्ड कार्यालय आने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। बोर्ड कॉलोनी में स्थित विद्या भवन गेस्ट हाउस के प्रथम तल का विस्तार कराया जाएगा ताकि बोर्ड परीक्षा, शैक्षिक कार्य और शिक्षण-प्रशिक्षण के कार्य के लिए आए हुए शिक्षकों को अल्प अवधि प्रवास के लिए स्थान मुहैया कराने की दृष्टि से 95 लाख रुपए के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।
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