सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षकों को हर महीने वेतन के लिए
जद्दोजहद करनी पड़ती है। तब कहीं जाकर आधा माह बीत जाने के बाद पिछले महीने
का वेतन इन शिक्षकों के हाथ में आता है।
फरवरी का महीना आधा बीतने को है और अभी तक जिले की पंचायत समिति बसेड़ी, धौलपुर, बाड़ी, सैंपऊ तथा राजाखेड़ा ब्लॉक के डेढ़ हजार के करीब वरिष्ठ अध्यापक, शिक्षक, प्रबोधक अन्य कार्मिकों को बीते जनवरी माह का वेतन नहीं मिल पाया है। जिससे इन शिक्षक परिवारों को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। राज्य के करीब डेढ़ लाख शिक्षकों को समय पर वेतन देने के लिए तो प्रारंभिक शिक्षा विभाग और प्रारंभिक शिक्षा परिषद गंभीर है। पिछले एक साल में इन शिक्षकों को कभी भी वेतन समय पर वेतन नहीं मिल सका है। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने सर्व शिक्षा अभियान के आयुक्त को ज्ञापन भेजकर एसएसए के शिक्षकों की प्रचलित बजट आवंटन एवं वेतन भुगतान की व्यवस्था में बदलाव कर अन्य कार्मिकों की तरह कोषालय के माध्यम से वेतन भुगतान कराने अथवा अग्रिम बजट आवंटन कराकर हर माह की पहली तारीख तक वेतन भुगतान की पुख्ता व्यवस्था करने की मांग की है। शिक्षकों को हर माह देरी से वेतन मिलने का एक कारण जटिल बजट आवंटन प्रक्रिया है। शेष|12 पर
एसएसए के डेढ़...
जिसकेतहत वित्त विभाग हर माह केन्द्र राज्य से 65 35 प्रतिशत के अनुपात में राशि मिलने के बाद निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर को बजट जारी करता है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा यह बजट राशि आयुक्त सर्व शिक्षा अभियान जयपुर को आवंटित की जाती है। आयुक्त एसएसए इस बजट राशि में से हर जिले के वेतन को जिला परियोजना समन्वयकों को जारी करता है। जिला परियोजना समन्वयक जिले के वेेतन बजट में से ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों को वेतन राशि जारी करते है। इसके बाद ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी एसएसए शिक्षकों के वेतन बिल पारित करा कर सम्बन्धित शिक्षकों के बैंक खातों में भेजते हैं। इतनी लम्बी जटिल प्रक्रिया की वजह से एसएसए शिक्षकों को महीनें के अंत तक ही वेतन नसीब हो पाता है।
फरवरी का महीना आधा बीतने को है और अभी तक जिले की पंचायत समिति बसेड़ी, धौलपुर, बाड़ी, सैंपऊ तथा राजाखेड़ा ब्लॉक के डेढ़ हजार के करीब वरिष्ठ अध्यापक, शिक्षक, प्रबोधक अन्य कार्मिकों को बीते जनवरी माह का वेतन नहीं मिल पाया है। जिससे इन शिक्षक परिवारों को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। राज्य के करीब डेढ़ लाख शिक्षकों को समय पर वेतन देने के लिए तो प्रारंभिक शिक्षा विभाग और प्रारंभिक शिक्षा परिषद गंभीर है। पिछले एक साल में इन शिक्षकों को कभी भी वेतन समय पर वेतन नहीं मिल सका है। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने सर्व शिक्षा अभियान के आयुक्त को ज्ञापन भेजकर एसएसए के शिक्षकों की प्रचलित बजट आवंटन एवं वेतन भुगतान की व्यवस्था में बदलाव कर अन्य कार्मिकों की तरह कोषालय के माध्यम से वेतन भुगतान कराने अथवा अग्रिम बजट आवंटन कराकर हर माह की पहली तारीख तक वेतन भुगतान की पुख्ता व्यवस्था करने की मांग की है। शिक्षकों को हर माह देरी से वेतन मिलने का एक कारण जटिल बजट आवंटन प्रक्रिया है। शेष|12 पर
एसएसए के डेढ़...
जिसकेतहत वित्त विभाग हर माह केन्द्र राज्य से 65 35 प्रतिशत के अनुपात में राशि मिलने के बाद निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर को बजट जारी करता है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा यह बजट राशि आयुक्त सर्व शिक्षा अभियान जयपुर को आवंटित की जाती है। आयुक्त एसएसए इस बजट राशि में से हर जिले के वेतन को जिला परियोजना समन्वयकों को जारी करता है। जिला परियोजना समन्वयक जिले के वेेतन बजट में से ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों को वेतन राशि जारी करते है। इसके बाद ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी एसएसए शिक्षकों के वेतन बिल पारित करा कर सम्बन्धित शिक्षकों के बैंक खातों में भेजते हैं। इतनी लम्बी जटिल प्रक्रिया की वजह से एसएसए शिक्षकों को महीनें के अंत तक ही वेतन नसीब हो पाता है।
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