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Monday 13 February 2017

2133 प्रबोधकों की डिग्रियों 2500 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच अधूरी

भास्कर संवाददाता | बाड़मेर जिले में विभिन्न शिक्षक भर्तियां में चयनित हुए शिक्षकों की डिग्री सही या फर्जी। इसकी जांच का जिम्मा संभाल रहे शिक्षा विभाग जिला परिषद ने नौ साल में जहमत नहीं जुटाई।
प्रबोधक भर्ती 2008 के 2133 प्रबोधकों को स्कूलों में नियुक्तियां देने के बाद दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी डीईओ प्रारंभिक शिक्षा बाड़मेर को सौंपी गई थी। ताज्जुब की बात यह है कि नौ साल बाद एक भी प्रबोधक के दस्तावेजों को देखा तक नहीं।

नतीजतन ये दस्तावेज फाइलों में धूल फांक रहे हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 13 में 4500 शिक्षकों को जिले की विभिन्न स्कूलों में लगाया गया। इनके दस्तावेजों का सत्यापन करने का काम सीईओ जिला परिषद को सौंपा गया। सीईओ ने करीब दो हजार शिक्षकों के सत्यापन की रिपोर्ट तैयार की है। यानि करीब ढ़ाई हजार शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच नहीं की गई। भास्करपड़तालमें यह चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है। प्रबोधक बीते नौ साल से स्कूलों में मजे से नौकरी कर रहे हैं। बाहरी राज्यों के कॉलेज विश्वविद्यालयों से बीएड की डिग्रियां पेश करने के बावजूद सत्यापन नहीं किया गया। ऐसे में शिक्षा विभाग जिला

पहलेभी सामने चुका है फर्जीवाड़ा

शिक्षकभर्ती 1998 में अभ्यर्थियों को गलत तरीके से बोनस अंक देकर नौकरी देने का फर्जीवाड़ा सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राजस्थान के विभिन्न जिलों के 64 शिक्षकों को पहली बार एक साथ बर्खास्त किया गया। इसमें सर्वाधिक 21 शिक्षक बाड़मेर के शामिल थे। अफसरों की लापरवाही से इस तरह के कई प्रकरण सामने चुके हैं।

शिक्षक भर्ती 2012 में तारा चौधरी का परित्यक्ता विकलांग प्रमाण पत्र पेश करने पर वरीयता के आधार पर शिक्षिका पद पर नियुक्ति मिली। फर्जी विकलांग परित्यक्ता प्रमाण पत्र की शिकायत पर डीईओ सीएमएचओ बाड़मेर ने अलग-अलग जांच रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में दोनों प्रमाण पत्र फर्जी साबित हुए। इसके आधार पर कार्रवाई के लिए फाइल सीईओ के पास भेजी गई। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के दो साल बाद भी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।

शिक्षक भर्ती 2013 में चयनित श्रीराम विश्नोई को राप्रावि मंगले की बेरी में नियुक्ति दी गई। उक्त शिक्षक ने खुद को अविवाहित बताते हुए पुलिस में कोई प्रकरण नहीं दर्ज होने का शपथ पत्र पेश किया। इस बारे में शिक्षक की प|ी सोमा विश्नोई की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने जांच करवाई तो शिक्षक श्रीराम के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला पुलिस थाना धोरीमन्ना में दर्ज होने का खुलासा हुआ। डीईओ प्रारंभिक शिक्षा ने शिक्षक को कूटरचित दस्तावेज तैयार करने फौजदारी प्रकरण दर्ज होने के बावजूद झूठा शपथ पत्र पेश करने में दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए फाइल सीईओ जिला परिषद को भेज दी। सीईओ ने शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के बावजूद उक्त शिक्षक को वेतन देने की सिफारिश की है।

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