कलेक्टर सुरेंद्र कुमार सोलंकी और एसपी डॉ. राजीव पचार के निर्देशन में शहर की सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन चौकन्ना रहा। रैली में शामिल होने के लिए लोगों के आने से लेकर रैली, धरना और प्रदर्शन तक भारी पुलिस बल तैनात रहा।
एपीओ शिक्षक भंवरलाल परमार के स्कूल डोज कुंजेला के कई बच्चे भी इस रैली में शामिल हुए। बच्चों ने एपीओ शिक्षकों को वापस लगाने के नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थी। 6 कक्षा की छात्रा ज्योति रोत ने वागड़ी में कहा कि मारसाब पासा नी आव्या तो स्कूल माते तार लगावी दंगा। 8वीं कक्षा के छात्र सचिन रोत ने कहा कि एपीओ कर देने से गणित का टीचर नहीं है और पढ़ाई चौपट हो गई है।
विधायक देवेंद्र कटारा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में जो भी भर्तियां होगी, वह यहां की जनता तय करेगी। अब तक यहां का बैकलॉग भी नहीं भरा है। बेरोजगार भर्ती से वंचित रह गए। विधायक ने कहा कि आदिवासी की मांगों को नजरअंदाज करने से सिर्फ 1 सरकार नहीं 4-4 सरकारों पर असर पड़ सकता है। अभी तो यह शुरूआत है और आगे भी लंबी लड़ाई लड़नी है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इसमें भी वे आदिवासी क्षेत्र में सरकारों की ओर से 50 साल में क्या काम किए गए उसका पूरा हिसाब मांगा जाएगा।
कलेक्ट्री के सामने धरने में मौजूद लोगों को संबोधित करते विधायक देवेंद्र कटारा।
भील ऑटोनोमस कौंसिंल की ओर से बुधवार को शहर में निकाली गई रैली में शामिल लोगों से सड़कें भर गई।
भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर
हालही में एपीओ किए गए तीन शिक्षकों को वापस बहाल करने भील ऑटोनोमस कौंसिंल की ओर से शहर में रैली निकाली गई। ढोल-कुंडी के साथ ही पारंपरिक हथियार तीर-कमान लेकर आदिवासी समाज के युवाओं से लेकर बच्चे और बुजुर्ग ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कलेक्ट्री पर आमसभा हुई और सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया गया। कलेक्ट्री के सामने धरने पर सरकार के सामने 3 मांगंे रखते हुए एपीओ किए गए 3 शिक्षकों को 5 दिन में वापस नहीं लगाने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई।
शहर के लक्ष्मण मैदान से रैली निकाली गई। विधायक देवेंद्र कटारा के साथ ही भील ऑटोनोमस कौंसिंल के सदस्य पंचायत समिति के सामने से कलेक्ट्री पहुंचे। रैली का सबसे आगे का हिस्सा कलेक्ट्री पर था तो आखरी भाग पंचायत समिति पर था। रैली के दौरान एक तीर एक कमान आदिवासी एक समान..., आदिवासी एकता जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। रैली के कलेक्ट्री पर आते ही यह रास्ता बंद हो गया। यहां धरना प्रदर्शन किया गया।
धरने पर संचालनकर्ता चंदूलाल बरंडा ने कहा कि सरकार के सामने तीन मांगे रखते है। इसमें सबसे पहली मांग एपीओ किए गए शिक्षक भंवरलाल परमार, मुकेश डेंडोर और अशोक डेंडोर को वापस यथावत लगाया जाए।
डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि 20 सालों से आदिवासियों का शोषण हो रहा है। इस पर सरकारें भी ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए ग्राम सभा के रूप में ताकत तैयार करनी होगी। दाहोद से आए सक्षी गुरुजी ने कहा कि सरकारों ने आदिवासियों को गुमराह करने का काम किया है। उन्होंने भी मध्यप्रदेश से इन मांगो का समर्थन करते हुए एपीओ निरस्त नहीं होने पर 4 राज्यों में सड़कें जाम करने की चेतावनी दी।
रामप्रसाद डिंडोर ने टीएसपी क्षेत्र में 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग दोहराई। विजय भाई मसार पंचमहल गुजरात, चुन्नीलाल डामोर, राजकुमार, पूर्व जिला प्रमुख बक्षीराम रोत, नारायणलाल मोडिया ने भी एपीओ निरस्त करने के साथ ही आदिवासी समाज के लिए विचार रखे।
गुजरात भील टाइगर फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. किशोर डामोर, राजू भाई वलवई दाहोद ने आंदोलन को समर्थन की बात कही। हीरालाल दामा बांसवाड़ा, लक्ष्मणलाल भमात, पूर्व लेबर कमिश्नर रूपलाल डामोर ने विचार रखे। कांतिलाल रोत ने कहा एपीओ किए गए शिक्षकों को यथावत नहीं किया तो यहां जितने भी एमएलए है उनका समाज एपीओ कर देगा।
यहमांगें भी रखी
{विश्व आदिवासी दिवस पर सरकारी अवकाश घोषित करने।
{ टीएसपी क्षेत्र में ग्रुप सी और डी में 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग रखी।
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एपीओ शिक्षक भंवरलाल परमार के स्कूल डोज कुंजेला के कई बच्चे भी इस रैली में शामिल हुए। बच्चों ने एपीओ शिक्षकों को वापस लगाने के नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थी। 6 कक्षा की छात्रा ज्योति रोत ने वागड़ी में कहा कि मारसाब पासा नी आव्या तो स्कूल माते तार लगावी दंगा। 8वीं कक्षा के छात्र सचिन रोत ने कहा कि एपीओ कर देने से गणित का टीचर नहीं है और पढ़ाई चौपट हो गई है।
विधायक देवेंद्र कटारा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में जो भी भर्तियां होगी, वह यहां की जनता तय करेगी। अब तक यहां का बैकलॉग भी नहीं भरा है। बेरोजगार भर्ती से वंचित रह गए। विधायक ने कहा कि आदिवासी की मांगों को नजरअंदाज करने से सिर्फ 1 सरकार नहीं 4-4 सरकारों पर असर पड़ सकता है। अभी तो यह शुरूआत है और आगे भी लंबी लड़ाई लड़नी है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इसमें भी वे आदिवासी क्षेत्र में सरकारों की ओर से 50 साल में क्या काम किए गए उसका पूरा हिसाब मांगा जाएगा।
कलेक्ट्री के सामने धरने में मौजूद लोगों को संबोधित करते विधायक देवेंद्र कटारा।
भील ऑटोनोमस कौंसिंल की ओर से बुधवार को शहर में निकाली गई रैली में शामिल लोगों से सड़कें भर गई।
भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर
हालही में एपीओ किए गए तीन शिक्षकों को वापस बहाल करने भील ऑटोनोमस कौंसिंल की ओर से शहर में रैली निकाली गई। ढोल-कुंडी के साथ ही पारंपरिक हथियार तीर-कमान लेकर आदिवासी समाज के युवाओं से लेकर बच्चे और बुजुर्ग ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कलेक्ट्री पर आमसभा हुई और सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया गया। कलेक्ट्री के सामने धरने पर सरकार के सामने 3 मांगंे रखते हुए एपीओ किए गए 3 शिक्षकों को 5 दिन में वापस नहीं लगाने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई।
शहर के लक्ष्मण मैदान से रैली निकाली गई। विधायक देवेंद्र कटारा के साथ ही भील ऑटोनोमस कौंसिंल के सदस्य पंचायत समिति के सामने से कलेक्ट्री पहुंचे। रैली का सबसे आगे का हिस्सा कलेक्ट्री पर था तो आखरी भाग पंचायत समिति पर था। रैली के दौरान एक तीर एक कमान आदिवासी एक समान..., आदिवासी एकता जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। रैली के कलेक्ट्री पर आते ही यह रास्ता बंद हो गया। यहां धरना प्रदर्शन किया गया।
धरने पर संचालनकर्ता चंदूलाल बरंडा ने कहा कि सरकार के सामने तीन मांगे रखते है। इसमें सबसे पहली मांग एपीओ किए गए शिक्षक भंवरलाल परमार, मुकेश डेंडोर और अशोक डेंडोर को वापस यथावत लगाया जाए।
डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि 20 सालों से आदिवासियों का शोषण हो रहा है। इस पर सरकारें भी ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए ग्राम सभा के रूप में ताकत तैयार करनी होगी। दाहोद से आए सक्षी गुरुजी ने कहा कि सरकारों ने आदिवासियों को गुमराह करने का काम किया है। उन्होंने भी मध्यप्रदेश से इन मांगो का समर्थन करते हुए एपीओ निरस्त नहीं होने पर 4 राज्यों में सड़कें जाम करने की चेतावनी दी।
रामप्रसाद डिंडोर ने टीएसपी क्षेत्र में 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग दोहराई। विजय भाई मसार पंचमहल गुजरात, चुन्नीलाल डामोर, राजकुमार, पूर्व जिला प्रमुख बक्षीराम रोत, नारायणलाल मोडिया ने भी एपीओ निरस्त करने के साथ ही आदिवासी समाज के लिए विचार रखे।
गुजरात भील टाइगर फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. किशोर डामोर, राजू भाई वलवई दाहोद ने आंदोलन को समर्थन की बात कही। हीरालाल दामा बांसवाड़ा, लक्ष्मणलाल भमात, पूर्व लेबर कमिश्नर रूपलाल डामोर ने विचार रखे। कांतिलाल रोत ने कहा एपीओ किए गए शिक्षकों को यथावत नहीं किया तो यहां जितने भी एमएलए है उनका समाज एपीओ कर देगा।
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