जोधपुर । राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायधीश पीके लोहरा ने नियुक्ति तिथि से सलेक्शन ग्रेड जारी नहीं करने के एक मामले में शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए 9 मार्च तक जवाब तलब किया है। जस्टिस लोहरा ने यह आदेश याचिकाकर्ताओं साबिर मोहम्मद व अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई में दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राजेन्द्र कटारिया ने कहा कि याची गण को शिक्षा विभाग में टीचर्स ग्रेड तृतीय के पद पर वर्ष 1985 में संविदा पर नियुक्तियां दी गइ्र थी। उस समय योग्यता प्राप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं थेए इस लिए राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए बड़ी मात्रा में प्रदेश भार में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति दी गई।
बाद में सरकार ने बिना कोई कारण बताए याचिकाकर्ताओं को नौकरी से हटाने के आदेश जारी कर दिए तथा एक सर्कूलर जारी कर स्थाई नियुक्ति के आवेदन मांगे गए। सर्कुलर के अनुसार योग्य होने पर याचीगण ने भी आवेदन किया तथा उनको 28 मई 2005 को स्थाई रूप से नियुक्त कर दिया गया।
हाल ही में सरकार ने 23 दिसंबर 2015 का एक आदेश जारी करते हुए याचीगण के लिए सभी तरह के परिलाभ आदि जिसमें सीनियरिटी, सलेक्शन ग्रेड अनुभव आदि की गणना पुन: नियुक्ति की तिथि से की जाएगी। इसी आदेष से निराश हो कर यह याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर जस्टिस लोहरा ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए 9 मार्च तक जवाब तलब किया।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राजेन्द्र कटारिया ने कहा कि याची गण को शिक्षा विभाग में टीचर्स ग्रेड तृतीय के पद पर वर्ष 1985 में संविदा पर नियुक्तियां दी गइ्र थी। उस समय योग्यता प्राप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं थेए इस लिए राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए बड़ी मात्रा में प्रदेश भार में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति दी गई।
बाद में सरकार ने बिना कोई कारण बताए याचिकाकर्ताओं को नौकरी से हटाने के आदेश जारी कर दिए तथा एक सर्कूलर जारी कर स्थाई नियुक्ति के आवेदन मांगे गए। सर्कुलर के अनुसार योग्य होने पर याचीगण ने भी आवेदन किया तथा उनको 28 मई 2005 को स्थाई रूप से नियुक्त कर दिया गया।
हाल ही में सरकार ने 23 दिसंबर 2015 का एक आदेश जारी करते हुए याचीगण के लिए सभी तरह के परिलाभ आदि जिसमें सीनियरिटी, सलेक्शन ग्रेड अनुभव आदि की गणना पुन: नियुक्ति की तिथि से की जाएगी। इसी आदेष से निराश हो कर यह याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर जस्टिस लोहरा ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए 9 मार्च तक जवाब तलब किया।
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