राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए बीएड में लिए गए विषय के आधार पर ही विषय विशेष के शिक्षक की नियुक्ति के एकलपीठ के 7 नवंबर, 2016 के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।
न्यायाधीश के.एस.झवेरी व न्यायाधीश दिनेश मेहता ने यह अंतरिम आदेश शेर सिंह की अपील पर दिए हैं।
अपील में कहा है कि आरटीई एक्ट के अनुसार शिक्षक नियुक्ति के लिए योग्यता तय करना एनसीटीई का काम है। आरटीई एक्ट के तहत प्राईमरी व मिडिल तक विषय विशेष के शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं है बल्कि प्रथम व द्वितीय भाषा पढ़ाने का प्रावधान है।
अपील में कहा है कि रीट में 60 प्रतिशत व इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति के योग्य हैं। इसके लिए उनके बीएड में लिए गए विषय से कोई फर्क नहीं होगा। क्योंकि ना तो आरटीई एक्ट और ना ही एनसीटीई की ओर से एेसी कोई बाध्यता है। मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी 2017 को होगी।
न्यायाधीश के.एस.झवेरी व न्यायाधीश दिनेश मेहता ने यह अंतरिम आदेश शेर सिंह की अपील पर दिए हैं।
अपील में कहा है कि आरटीई एक्ट के अनुसार शिक्षक नियुक्ति के लिए योग्यता तय करना एनसीटीई का काम है। आरटीई एक्ट के तहत प्राईमरी व मिडिल तक विषय विशेष के शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं है बल्कि प्रथम व द्वितीय भाषा पढ़ाने का प्रावधान है।
अपील में कहा है कि रीट में 60 प्रतिशत व इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति के योग्य हैं। इसके लिए उनके बीएड में लिए गए विषय से कोई फर्क नहीं होगा। क्योंकि ना तो आरटीई एक्ट और ना ही एनसीटीई की ओर से एेसी कोई बाध्यता है। मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी 2017 को होगी।
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