उल्लेखनीयहै कि भास्कर ने 12 दिसंबर के अंक में खुले आम नेताओं आैर
मंत्रियों की सिफारिश से हो रहे तबादलों को उजागर किया था। इसमें प्रदेशभर
में 8 शिक्षकों के तबादला सूची जारी की गई थी जिसमें माध्यमिक निदेशक बीएल
स्वर्णकार ने दाे शिक्षकों के नाम के आगे उच्च शिक्षा मंत्री किरण
माहेश्वरी और राजस्व मंत्री अमराराम का नाम दे दिया था।
भूलहोने के कारण ऐसा हुआ
^मंत्रियोंके नाम आने वाली सूची को कैंसल कर दिया था। भूल होने के कारण ऐसा हुआ, नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। -वासुदेवदेवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री।
एजुकेशन रिपोर्टर| उदयपुर
शिक्षाविभाग में गत दिनों हुए सेटअप परिवर्तन में अधिकारियों ने विधवा और जरूरतमंद शिक्षिकाओं की परिवेदनाओं को दरकिनार कर दिया लेकिन सत्ताधारी संगठन से संबंध रखने वालों के लिए विभाग के सारे नियम-कायदे तोड़ कर तबादले किए गए। इधर पिछले दिनों तबादला सूची में नेताओं-मंत्रियों के नाम आने के खुलासे के बाद भी शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी मौन है। एक सप्ताह बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बता दें कि पिछले सप्ताह शिक्षा अधिकारियों को परिवेदनाएं करते-करते बीमारी से परेशान विधवा शिक्षिका रंजना जोशी ने दम तोड़ दिया था। वहीं माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने नियमों के उलट बेक डेट में सिंगल आदेश जारी कर दो शिक्षक विनय कुमार और कमल धुप्या जो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करदा में पदस्थापित हुए थे, उनको प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भेज दिया। जबकि सरकार के सख्त नियम थे कि सेटअप परिवर्तन में प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में समायोजन होने के बाद परिवेदनाओं में शिक्षकों के माध्यमिक विद्यालय में ही अदला-बदली कर सकते हैं लेकिन एक बार माध्यमिक में जाने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नहीं भेजा जा सकता है। इसमें सिर्फ विधवा, परित्यक्ता और गंभीर बीमारी से पीड़ित को ही भेजा जा सकता था।
भूलहोने के कारण ऐसा हुआ
^मंत्रियोंके नाम आने वाली सूची को कैंसल कर दिया था। भूल होने के कारण ऐसा हुआ, नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। -वासुदेवदेवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री।
एजुकेशन रिपोर्टर| उदयपुर
शिक्षाविभाग में गत दिनों हुए सेटअप परिवर्तन में अधिकारियों ने विधवा और जरूरतमंद शिक्षिकाओं की परिवेदनाओं को दरकिनार कर दिया लेकिन सत्ताधारी संगठन से संबंध रखने वालों के लिए विभाग के सारे नियम-कायदे तोड़ कर तबादले किए गए। इधर पिछले दिनों तबादला सूची में नेताओं-मंत्रियों के नाम आने के खुलासे के बाद भी शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी मौन है। एक सप्ताह बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बता दें कि पिछले सप्ताह शिक्षा अधिकारियों को परिवेदनाएं करते-करते बीमारी से परेशान विधवा शिक्षिका रंजना जोशी ने दम तोड़ दिया था। वहीं माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने नियमों के उलट बेक डेट में सिंगल आदेश जारी कर दो शिक्षक विनय कुमार और कमल धुप्या जो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करदा में पदस्थापित हुए थे, उनको प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भेज दिया। जबकि सरकार के सख्त नियम थे कि सेटअप परिवर्तन में प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में समायोजन होने के बाद परिवेदनाओं में शिक्षकों के माध्यमिक विद्यालय में ही अदला-बदली कर सकते हैं लेकिन एक बार माध्यमिक में जाने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नहीं भेजा जा सकता है। इसमें सिर्फ विधवा, परित्यक्ता और गंभीर बीमारी से पीड़ित को ही भेजा जा सकता था।
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