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Wednesday 11 April 2018

साढ़े आठ साल के बाद मिली थी राहत, लेकिन पद खाली नहीं होने से 47 प्रबोधक हुए अधिशेष

डूंगरपुर जिले सहित प्रदेश में साढ़े 8 साल के बाद सरकार ने प्रबोधकों को लेवल तय कर राहत दी थी, लेकिन पद खाली नहीं होने के कारण ये राहत कुछ ही दिनों में छीन ली गई।


डूंगरपुर में कुल 458 प्रबोधकों में से 47 ऐसे प्रबोधक हैं, जिन्हें विभाग ने अधिशेष घोषित कर दिया है, यानी के इनके लिए विभाग के पास जगह खाली नहीं है।

साथ ही सरकार के एक आदेश ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है, जिसमें अधिशेष हुए प्रबोधकों को स्कूली शिक्षा के शाला दर्शन पोर्टल से ही हटा दिया है। इसके पहले 28 मार्च को राज्य प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने आदेश जारी कर 10 अप्रैल तक प्रबोधकों की काउंसलिंग करनी थी, लेकिन डूंगरपुर में शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक काउंसलिंग नहीं की है। ऐसे में प्रबोधकों में इस बात की चिंता बढ़ गई है कि अब आगे कौनसा आदेश आएगा और फिर से लड़ाई लड़नी होगी।

कुछ मिस्टेक पोर्टल के ऑनलाइन सिस्टम की भी

पोर्टल त्रुटि से गलियाकोट के निलेश पंड्या ओर सीमलवाड़ा से प्रकाश पाटीदार को हिंदी विषय होने के बावजूद अंग्रेजी विषय मान कर अधिशेष कर दिया।

अधिकतर प्रबोधकों को दुबारा काउंसलिंग की होगी, पहले ही 3-4 माह पूर्व हुई थी उनको लेवल वन के विरुद्ध लगाया था। सॉफ्टवेयर की खामी से ये प्रबोधक में लेवल बदल नहीं पाए।

शाला दर्शन पोर्टल पर स्कूल विहीन प्रबोधक

जिन प्रबोधकों को अधिशेष किया है, उन्हें शाला दर्शन पोर्टल पर स्कूल विहीन कर दिया गया है। गौरतलब है कि डेढ़ वर्ष पहले ही शिक्षा विभाग ने नवाचार करते हुए शाला दर्शन और शाला दर्पण सिस्टम बनाया था। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के लिए शाला दर्शन और माध्यमिक के लिए शाला दर्पण बनाया गया। वहीं ऑनलाइन फीडिंग सिस्टम से ही तमाम शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का डाटा इन पोर्टल पर अपलोड किया गया था। जिसमें प्रबोधक भी शामिल थे। दूसरी ओर राज्य प्रारंभिक शिक्षा परिषद से ऑनलाइन अपडेशन के दौरान जिन स्कूलों में कार्यरत प्रबोधक अधिशेष हुए है, उनके नामों को स्कूल के पोर्टल से हटा दिया गया है।

असर क्या - रुक सकता है वेतन

अधिशेष हुए 47 प्रबोधकों का वेतन रुक सकता है।

नए सिरे से पदों का समायोजन कर अधिशेष प्रबोधकों की पोस्टिंग करनी होगी।

स्कूल मॉनिटरिंग पत्रक, शाला सिद्धी पत्रक की ऑनलाइन फीडिंग नहींं कर सकेंगे।

दरअसल यह है मामला

दरअसल राज्य सरकार ने लंबे समय के बाद प्रबोधकों का लेवल तय किया है। इस लेवल तय करने के साथ ही गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय की योग्यता वाले बीएड धारी प्रबोधकों की काउंसलिंग के आदेश दिए थे। काउंसलिंग के बाद इन विषयों के प्रबोधकों को स्कूलों में विषयाध्यापक के तौर पर लगाना था।

संगठन के स्तर काउंसलिंग के लिए प्रयास कर रहे है। जो भी कमियां सामने आई है, उन्हें दूर करने के प्रयास का दबाव बनाया जाएगा। वहीं डीईओ से मिलकर अधिशेष प्रबोधकों की पोस्टिंग के बारे में प्रयास करेंगे। - देवेंद्र कुमार जैन, अध्यक्ष प्रबोधक संघ

कारण क्या : गणित और विज्ञान विषयों के पदों पर टोटा

पोर्टल से प्राप्त रिक्त पदों के अनुसार रिक्त पदों की तुलना में अधिशेष प्रबोधकों की संख्या ज्यादा हो रही है। अगर डूंगरपुर ब्लॉक की बात की जाए तो यहां ग्रामीण क्षेत्र में 1 पद ही रिक्त है और नगरपालिका क्षेत्र में 12 पद रिक्त है, यहां इस विषय के 5 प्रबोधक अधिशेष हो रहे है। गणित और विज्ञान के चिखली ओर गलियाकोट में एक भी पद रिक्त नही है।

47 प्रबोधक अधिशेष हो रहे हैं। इनके लिए विभाग अपने स्तर पर काउंसलिंग कर पद देने की कोशिश में जुटा हुआ है। हम लगातार राज्य प्रारंभिक शिक्षा परिषद से भी संपर्क में है। जो भी कमियां रही है, उन्हें दूर करते हुए जल्द ही राहत दी जाएगी। - मणिलाल छगण, डीईओ प्रारंभिक शिक्षा विभाग

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