अजमेर. सरकारी स्कूलों विशेषकर माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। अजमेर समेत प्रदेशभर के जिला शिक्षा अधिकारी इसके लिए जयपुर में जुटे हुए हैं और प्रस्ताव की तैयारी में लगे हैं। यह कवायद आए दिन स्कूलों में तालाबंदी की समस्या के समाधान को लेकर की जा रही है।
शिक्षा मंत्री के निर्देश पर स्टाफिंग पैटर्न को लेकर सभी जिलों के डीईओ जयपुर में शिक्षा संकुल में हैं। डीईओ इस बात की कसरत कर रहे हैं कि संबंधित जिलों के किन-किन स्कूलों में कौन-कौन से विषयों के पद रिक्त हैं। किन स्कूलों में शिक्षक अधिक हैं। प्रारंभिक शिक्षा से आए शिक्षकों का किन स्कूलों में क्या उपयोग हाे रहा है या नहीं हो रहा है। यदि प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों का उपयोग संबंधित स्कूलों में नहीं हो रहा है, तो उन्हें पास के कौन से स्कूल में शिफ्ट किया जा सकता है। यह है स्टाफिंग पैटर्न
छात्रों की संख्या और विषय के अनुसार शिक्षकों के पद आवंटन किए जाने को ही स्टाफिंग पैटर्न कहते हैं। पहली से 5वीं तक के विद्यालयों में छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षकों के पद आवंटित किए जाते हैं। कक्षा 6 से ऊपर की कक्षाओं के विद्यालयों में विषय के अनुसार शिक्षकों के पद आवंटित किए जाते हैं।
न्यूनतम 4 विषयों के शिक्षक उपलब्ध हो सके
विभागीय सूत्रों के मुताबिक 10वीं कक्षा के स्कूलों में छह विषयों के शिक्षकों की आवश्यकता होती है। सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं कि इनमें से कम से कम 4 शिक्षक प्रत्येक स्कूल को मिल सकें। इससे विभिन्न क्षेत्रों में स्कूलों में आए दिन होने वाली तालाबंदी से मुक्ति मिल सके। जिले के दोनों जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर में हैं और अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ही कार्यालयों के काम संभाल रहे हैं।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक 10वीं कक्षा के स्कूलों में छह विषयों के शिक्षकों की आवश्यकता होती है। सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं कि इनमें से कम से कम 4 शिक्षक प्रत्येक स्कूल को मिल सकें। इससे विभिन्न क्षेत्रों में स्कूलों में आए दिन होने वाली तालाबंदी से मुक्ति मिल सके। जिले के दोनों जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर में हैं और अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ही कार्यालयों के काम संभाल रहे हैं।
गणित के शिक्षकों की समस्या
विभागीय सूत्रों के मुताबिक सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी स्कूलों में सबसे अधिक समस्या गणित के शिक्षकों की ही रहती है। विभाग में भी इस विषय के पदों के अनुपात में शिक्षक कम बताए जा रहे हैं। विभाग अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के पदों को शत-प्रतिशत भरने का प्रयास कर रही है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी स्कूलों में सबसे अधिक समस्या गणित के शिक्षकों की ही रहती है। विभाग में भी इस विषय के पदों के अनुपात में शिक्षक कम बताए जा रहे हैं। विभाग अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के पदों को शत-प्रतिशत भरने का प्रयास कर रही है।
इन दिनों जयपुर में ही हैं और स्टाफिंग पैटर्न को लेकर प्रस्ताव की तैयारी जारी है। - सुशील कुमार गहलोत, डीईओ
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