राजस्थानशिक्षक संघ राष्ट्रीय के चूरू, झुंझुनूं सीकर जिले के शिक्षकों ने
सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू करने, स्कूलों को पीपीपी मोड़ पर नहीं
देने सहित मांगों के समर्थन रविवार को चूरू कलेक्ट्रेट के सामने सद्बुद्धि
यज्ञ किया। यज्ञ में चूरू, झुंझुनूं सीकर संभाग की जिला कार्यकारिणी के
सदस्य शामिल हुए।
पुणाहूति के समय सीकर जिलाध्यक्ष विजयकुमार, चूरू जिलाध्यक्ष कृष्णकुमार सैनी, जिला मंत्री वासुदेव शर्मा, सीकर उपाध्यक्ष यशवंत, सीकर प्रवक्ता अनूप माथुर, पिपराली अध्यक्ष कैलाश शर्मा, धोद मंत्री कल्याण कस्वा, रतनगढ़ उपशाखा के महावीर सेवदा, रामदयाल चोटिया, पूर्णमल दानोदिया, मनोज सारस्वत, उपशाखा राजगढ़ के योगेश छींपा, महावीरसिंह जांगिड़, गोर्वधनलाल, अाशुतोष शर्मा, सुरेश पंवार, सूर्यप्रकाश शर्मा, रतनसिंह शेखावत, गोविंदराम शर्मा, चिरंजीलाल सैनी, राजवीरसिंह राठौड़, प्रभुदयाल सैनी, तुलसीराम प्रजापत, संजीव वर्मा, देवीसिंह, आमीन खां आदि उपस्थित थे। यजमान के रूप में गजेंद्र महर्षि, गिरधारी शांडिल्य, महेश शर्मा, राजेंद्र, केशरदेव भाटी, पवन सेवदा, नरपालसिंह, नरपतसिंह राजेंद्रसिंह आिद थे।
इस दौरान अनुुसूची 5 के अंतर्गत किए गए मूल वेतन की कटौती को तत्काल निरस्त कर व्याख्याता प्राथमिक अध्यापन संवर्ग के साथ हुए अन्याय से राहत प्रदान करने एवं नवीन पेंशन योजना रद्द कर पुरानी लागू करने की मांग रखी गई। शिक्षकों ने 2012, 2013 2015 के शिक्षकों के स्थायीकरण नियमतीकरण की मांग भी रखी। शिक्षकों का कहना था कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो प्रदेशभर में आंदोलन होगा।
पुणाहूति के समय सीकर जिलाध्यक्ष विजयकुमार, चूरू जिलाध्यक्ष कृष्णकुमार सैनी, जिला मंत्री वासुदेव शर्मा, सीकर उपाध्यक्ष यशवंत, सीकर प्रवक्ता अनूप माथुर, पिपराली अध्यक्ष कैलाश शर्मा, धोद मंत्री कल्याण कस्वा, रतनगढ़ उपशाखा के महावीर सेवदा, रामदयाल चोटिया, पूर्णमल दानोदिया, मनोज सारस्वत, उपशाखा राजगढ़ के योगेश छींपा, महावीरसिंह जांगिड़, गोर्वधनलाल, अाशुतोष शर्मा, सुरेश पंवार, सूर्यप्रकाश शर्मा, रतनसिंह शेखावत, गोविंदराम शर्मा, चिरंजीलाल सैनी, राजवीरसिंह राठौड़, प्रभुदयाल सैनी, तुलसीराम प्रजापत, संजीव वर्मा, देवीसिंह, आमीन खां आदि उपस्थित थे। यजमान के रूप में गजेंद्र महर्षि, गिरधारी शांडिल्य, महेश शर्मा, राजेंद्र, केशरदेव भाटी, पवन सेवदा, नरपालसिंह, नरपतसिंह राजेंद्रसिंह आिद थे।
इस दौरान अनुुसूची 5 के अंतर्गत किए गए मूल वेतन की कटौती को तत्काल निरस्त कर व्याख्याता प्राथमिक अध्यापन संवर्ग के साथ हुए अन्याय से राहत प्रदान करने एवं नवीन पेंशन योजना रद्द कर पुरानी लागू करने की मांग रखी गई। शिक्षकों ने 2012, 2013 2015 के शिक्षकों के स्थायीकरण नियमतीकरण की मांग भी रखी। शिक्षकों का कहना था कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो प्रदेशभर में आंदोलन होगा।
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