जयपुर | राजस्थानविश्वविद्यालय के शिक्षकों में 2013 से प्रमोशन, पे
फिक्सेशन, पेंशन सहित विभिन्न मांगें पूरी नहीं होने से रोष बढ़ता जा रहा
है। शिक्षकों की मांग है कि एसोसिएट प्रोफेसर्स को सीएएस प्रक्रिया से
प्रमोट किया जाए, 2013 के बाद से चार बार आवेदन मंगा कर स्क्रूटनी की जा
चुकी है, लेकिन साक्षात्कार आयोजित नहीं किए जा रहे।
शिक्षकों का कहना है कि मांगें पूरी करने के बाद ही खुली भर्ती प्रक्रिया का स्वागत किया जाएगा। इधर, कुलपति का कहना है कि सरकार से प्रमोशन की अनुमति आने के बाद और पे फिक्सेशन के लिए सिंडिकेट की गठित कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही फैसला किया जाएगा। सिंडिकेट में शिक्षक प्रतिनिधि डॉ. ओम महला ने कहा विवि में पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पे फिक्सेशन पेंशन शोध निर्देशन और अवकाश संबंधी मामलों का समाधान किया जाए। इसके बाद ही खुली भर्ती का स्वागत किया जाएगा जिसमें अशैक्षणिक पदों पर आरंभ की गई भर्ती प्रक्रिया को पहले पूर्ण करके फिर शैक्षणिक भर्ती का जाए। महला ने कहा कि शिक्षक करीब चार साल से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक समाधान नहीं होने से शिक्षकों में भारी रोष है। शिक्षकों ने बताया कि कुलपति के अनुसार प्रमोशन के लिए सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जबकि डेढ़ साल पहले भी कुछ टीचर्स को बिना अनुमति के ही लाभ दिया गया है।
शिक्षकों ने बताया कि सकरार को पदोन्नति के लिए डेढ़ साल पहले लिखा गया था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
बोले- पहले प्रमोशन, पे फिक्सेशन, पेंशन अवकाश संबंधी मामलों का हो समाधान
शिक्षकों का कहना है कि मांगें पूरी करने के बाद ही खुली भर्ती प्रक्रिया का स्वागत किया जाएगा। इधर, कुलपति का कहना है कि सरकार से प्रमोशन की अनुमति आने के बाद और पे फिक्सेशन के लिए सिंडिकेट की गठित कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही फैसला किया जाएगा। सिंडिकेट में शिक्षक प्रतिनिधि डॉ. ओम महला ने कहा विवि में पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पे फिक्सेशन पेंशन शोध निर्देशन और अवकाश संबंधी मामलों का समाधान किया जाए। इसके बाद ही खुली भर्ती का स्वागत किया जाएगा जिसमें अशैक्षणिक पदों पर आरंभ की गई भर्ती प्रक्रिया को पहले पूर्ण करके फिर शैक्षणिक भर्ती का जाए। महला ने कहा कि शिक्षक करीब चार साल से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक समाधान नहीं होने से शिक्षकों में भारी रोष है। शिक्षकों ने बताया कि कुलपति के अनुसार प्रमोशन के लिए सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जबकि डेढ़ साल पहले भी कुछ टीचर्स को बिना अनुमति के ही लाभ दिया गया है।
शिक्षकों ने बताया कि सकरार को पदोन्नति के लिए डेढ़ साल पहले लिखा गया था, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
बोले- पहले प्रमोशन, पे फिक्सेशन, पेंशन अवकाश संबंधी मामलों का हो समाधान
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