2012में शिक्षक भर्ती में जिला परिषद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इतने
बड़े स्तर पर गड़बडिय़ों की है, जिसका अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता है।
आरटीआई में मिली सूचना के आधार पर विभाग सरकार को भेजे आंकड़ों में पूरी
तरह से घोटाले का अंदेशा लग रहा है।
इसको लेकर दैनिक भास्कर में लगातार पूरे मामले को उजागर करने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र राठौड़ जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान जिला परिषद सीईओ सुनील कुमार को बुलाकर पूरे मामले में जांच के आदेश दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने स्पष्ट कहा कि पूरी भर्ती में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
इधर, अभ्यर्थियों के धरने के बाद प्रभारी मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने भी पूरे मामले में कलेक्टर को जांच के आदेश जारी किए थे। दोनों मंत्रियों के निर्देशों के बाद कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा सीईओ सुनील शर्मा ने भी तत्काल जांच कमेटी का गठन कर दिया है। सीईओ ने बताया कि एसीईओ उदयभान चारण की अध्यक्षता के साथ-साथ शिक्षा विभाग के एक्सपर्ट की टीम से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इधर, जांच के आदेश के बाद वंचित अभ्यर्थियों को न्याय की आस लगी है। इसको लेकर लगातार वो आंदोलन कर रहे हैं।
^ सीईओ को जांच के आदेश दे दिए हैं। योग्य अभ्यर्थियों के साथ न्याय होगा। जांच के बाद दोषी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेंगे। -सुरेंद्र गोयल, जलदाय मंत्री
^पूरेमामले को लेकर एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जांच के बाद पूरा सच सामने जाएगा। जो योग्य होंगे उनको नियमानुसार नाैकरी देंगे। -सुनील शर्मा, सीईओ, जिला परिषद
यह एक उदाहरण ऐसे कई मामले
आरटीआई में मिली जानकारी सरकार को भेजे आंकड़ों में अंतर के अनुसार लेवल प्रथम में अब भी 53 पद खाली { 2मई 17 को जिला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजे गए आंकड़े में 75 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दर्शाई गई, जबकि काउंसलिंग की सिर्फ 39 की अभ्यर्थियों की ही सूची जारी गई। इसमें से 22 अभ्यर्थियों ने ही उपस्थिति दी। इसके चलते 53 पद रिक्त हैं, जबकि कागजों में खानापूर्ति करके बेरोजगारों के साथ छलावा कर रहे हैं।
पाली जिला परिषद के कारनामाें पर एक नजर
गड़बडिय़ों पर पर्दा डालने के लिए पद खाली होने के बावजूद सरकार को भेजे गलत आंकड़े
{पहलेआरटेट में फेल, कट ऑफ मेरिट से बाहर अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी, अब गलतियां छिपाने कर रहे मेरिट में शामिल बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़।
{हाईकोर्ट सरकार के आदेश भी दरकिनार करते हुए मौखिक आदेशों से ही ज्वॉइन नहीं करने दिया, अभ्यर्थी हाईकोर्ट के आदेश लाए तो भी नहीं माने।
दो मंत्रियों के एक्शन के बाद सीईओ ने गठित की कमेटी
अभ्यर्थियोंको पिछले 5 साल से आदेश लेकर चक्कर लगाने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने के मामले में जिला परिषद सीईओ ने एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी पूरे मामले की जांच के बाद रिपोर्ट देगी।
27 नवंबर को प्रकाशित समाचार
26 नवंबर को प्रकाशित समाचार
अधिक अंकों के बाद भी बाहर क्यूं हैं अभ्यर्थी, आखिर इनका कसूर क्या?
विज्ञप्तिनिकालने से लेकर परीक्षा आयोजन कराने, पेपर बनाने से लेकर पेपर में गलत प्रश्न देने के बाद एक या दो संशोधित परिणाम नहीं, बल्कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद पूरे तीन संशोधित परिणाम निकाले। इसके चलते 5 साल तक अभ्यर्थी मानसिक तौर पर परेशान रहे, जबकि इसमें उनकी कोई गलती तक नहीं थी। अब जब संशोधित परिणाम के बाद जो अभ्यर्थी शिक्षक पद पर नियुक्त हैं उनसे भी अधिक अंक होने के बाद भी और हाईकोर्ट के नियुक्ति देने के आदेशों के बाद भी जिला परिषद शिक्षा विभाग उनको सिर्फ चक्कर लगवा रहा है।
दैनिक भास्कर में शिक्षक भर्ती मामले में गड़बडिय़ों को लेकर हुए खुलासे के बाद प्रभारी मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कलेक्टर जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने जिला परिषद सीईओ को दिए जांच के आदेश
{लेवल प्रथम में कुल पद : 602
{दोसंशोधित परिणाम में नियुक्ति दी - 485
{सरकारको भेजी सूची में नियुक्ति दर्शाई - 502
{तीसरेसंशोधित परिणाम में सरकार को सूचना भेजी - 75अभ्यर्थियोंकी
{काउंसलिंग के लिए लिस्ट जारी की - 39अभ्यर्थियोंकी
{जबकि नियुक्ति सूची बता रहे - 35
{काउंसलिंगमें आए अभ्यर्थी सिर्फ-22
(आरटीआईमें मिली सूचना के आधार पर)
इसको लेकर दैनिक भास्कर में लगातार पूरे मामले को उजागर करने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र राठौड़ जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान जिला परिषद सीईओ सुनील कुमार को बुलाकर पूरे मामले में जांच के आदेश दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने स्पष्ट कहा कि पूरी भर्ती में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
इधर, अभ्यर्थियों के धरने के बाद प्रभारी मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने भी पूरे मामले में कलेक्टर को जांच के आदेश जारी किए थे। दोनों मंत्रियों के निर्देशों के बाद कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा सीईओ सुनील शर्मा ने भी तत्काल जांच कमेटी का गठन कर दिया है। सीईओ ने बताया कि एसीईओ उदयभान चारण की अध्यक्षता के साथ-साथ शिक्षा विभाग के एक्सपर्ट की टीम से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इधर, जांच के आदेश के बाद वंचित अभ्यर्थियों को न्याय की आस लगी है। इसको लेकर लगातार वो आंदोलन कर रहे हैं।
^ सीईओ को जांच के आदेश दे दिए हैं। योग्य अभ्यर्थियों के साथ न्याय होगा। जांच के बाद दोषी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेंगे। -सुरेंद्र गोयल, जलदाय मंत्री
^पूरेमामले को लेकर एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जांच के बाद पूरा सच सामने जाएगा। जो योग्य होंगे उनको नियमानुसार नाैकरी देंगे। -सुनील शर्मा, सीईओ, जिला परिषद
यह एक उदाहरण ऐसे कई मामले
आरटीआई में मिली जानकारी सरकार को भेजे आंकड़ों में अंतर के अनुसार लेवल प्रथम में अब भी 53 पद खाली { 2मई 17 को जिला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजे गए आंकड़े में 75 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दर्शाई गई, जबकि काउंसलिंग की सिर्फ 39 की अभ्यर्थियों की ही सूची जारी गई। इसमें से 22 अभ्यर्थियों ने ही उपस्थिति दी। इसके चलते 53 पद रिक्त हैं, जबकि कागजों में खानापूर्ति करके बेरोजगारों के साथ छलावा कर रहे हैं।
पाली जिला परिषद के कारनामाें पर एक नजर
गड़बडिय़ों पर पर्दा डालने के लिए पद खाली होने के बावजूद सरकार को भेजे गलत आंकड़े
{पहलेआरटेट में फेल, कट ऑफ मेरिट से बाहर अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी, अब गलतियां छिपाने कर रहे मेरिट में शामिल बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़।
{हाईकोर्ट सरकार के आदेश भी दरकिनार करते हुए मौखिक आदेशों से ही ज्वॉइन नहीं करने दिया, अभ्यर्थी हाईकोर्ट के आदेश लाए तो भी नहीं माने।
दो मंत्रियों के एक्शन के बाद सीईओ ने गठित की कमेटी
अभ्यर्थियोंको पिछले 5 साल से आदेश लेकर चक्कर लगाने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने के मामले में जिला परिषद सीईओ ने एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी पूरे मामले की जांच के बाद रिपोर्ट देगी।
27 नवंबर को प्रकाशित समाचार
26 नवंबर को प्रकाशित समाचार
अधिक अंकों के बाद भी बाहर क्यूं हैं अभ्यर्थी, आखिर इनका कसूर क्या?
विज्ञप्तिनिकालने से लेकर परीक्षा आयोजन कराने, पेपर बनाने से लेकर पेपर में गलत प्रश्न देने के बाद एक या दो संशोधित परिणाम नहीं, बल्कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद पूरे तीन संशोधित परिणाम निकाले। इसके चलते 5 साल तक अभ्यर्थी मानसिक तौर पर परेशान रहे, जबकि इसमें उनकी कोई गलती तक नहीं थी। अब जब संशोधित परिणाम के बाद जो अभ्यर्थी शिक्षक पद पर नियुक्त हैं उनसे भी अधिक अंक होने के बाद भी और हाईकोर्ट के नियुक्ति देने के आदेशों के बाद भी जिला परिषद शिक्षा विभाग उनको सिर्फ चक्कर लगवा रहा है।
दैनिक भास्कर में शिक्षक भर्ती मामले में गड़बडिय़ों को लेकर हुए खुलासे के बाद प्रभारी मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कलेक्टर जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने जिला परिषद सीईओ को दिए जांच के आदेश
{लेवल प्रथम में कुल पद : 602
{दोसंशोधित परिणाम में नियुक्ति दी - 485
{सरकारको भेजी सूची में नियुक्ति दर्शाई - 502
{तीसरेसंशोधित परिणाम में सरकार को सूचना भेजी - 75अभ्यर्थियोंकी
{काउंसलिंग के लिए लिस्ट जारी की - 39अभ्यर्थियोंकी
{जबकि नियुक्ति सूची बता रहे - 35
{काउंसलिंगमें आए अभ्यर्थी सिर्फ-22
(आरटीआईमें मिली सूचना के आधार पर)
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