डिप्टी डायरेक्टर बोले- जल्द कराएंगे समाधान
Q शहरके स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं। कई जगह एक शिक्षक स्कूल चला रहे हैं क्या समाधान होगा?
Aसिटी के स्कूलों की स्थिति को लेकर हम भी चिंतित है। ऊपर से सख्त निर्देश है कि सिटी में काउंसलिंग के माध्यम से भी शिक्षक नहीं लगाना है। जैसा उच्चाधिकारियों के आदेश मिलते है हम उसकी पालना करते हैं।
Q स्टाफकी कमी से शिक्षक प्रेशर में रहे हैं। एक शिक्षक पूरी स्कूल को संभाल रहा है। अब समाधान क्या होगा?
Aहमारे हाथ में कुछ नहीं है। अधिकारियों को हर स्कूल की स्थिति पोर्टल पर नजर रही है। हम जब भी मीटिंग में जाते है तो शहर की स्थिति उन्हें बताते हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल पाता है। अब बीएड और एसटीसी वालों को इनमें लगवाकर समाधान करवाएंगे।
Qस्टाफ कीकमी की वजह से नामांकन और अन्य व्यवस्थाएं प्रभावित हो रहा है। खाली पदों को भरने की प्रक्रिया कब होगी?
Aशहर में खाली पदों की अधिक दिक्कतें हैं। इन पदों को भरने की प्रक्रिया हमारे हाथ में नहीं है।
^शहर के स्कूलों की गंभीर स्थिति बनी हुई हैं। स्कूल में स्टाफ नहीं हैं। नामांकन बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा है। नोटिस देने और सेलेरी काटने के आदेश दिए जाते हैं। एक और दो शिक्षकों के भरोसे आठवीं तक की कक्षाएं हैं। सरकार इसके लिए प्रयास कर समाधान निकाले। सुरेशमेहरा, प्रदेश मंत्री राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत
01 कमरे मंे 08 कक्षाएं : शहरके मिडिल स्कूल छावनी बंगाली बस्ती में स्कूल एक शिक्षिका अनिता अजवानी के भरोसे चल रहा है। यहां संस्था प्रधान का पद खाली है। कक्षा एक से आठवीं तक की व्यवस्था के लिए वो एक मात्र नियुक्त है। यहां 65 बच्चों का नामांकन हो चुका है, लेकिन बच्चे बंक मार जाते हैं। यहां ताला लगाना पड़ता है। एक शिक्षिका के होने से बच्चों का ठहराव नहीं हो पाता है। कक्षा एक से आठवीं तक की कक्षाएं एक ही कमरे में संभालनी पड़ती है। स्कूल मैनेजमेंट से लेकर डीईओ कार्यालय में डाक पहुंचाने से लेकर बीएलओ की ड्यूटी करनी पड़ रही है। शिक्षिका अजवानी ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए यहां बंदोबस्त नहीं हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार प्राइमरी अंबेडकर नगर, अजय आहूजा नगर, रथ कांकरा, शंकरपुरा, सूरसागर, गणेशपाल बालापुरा, पीर बाबा की मजार सहित अन्य स्कूलों में एकल शिक्षक है। हालांकि शिक्षा विभाग ने कुछ जगहों पर गुपचुप तरीके से शिक्षकों की व्यवस्थार्थ की है।
Q शहरके स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं। कई जगह एक शिक्षक स्कूल चला रहे हैं क्या समाधान होगा?
Aसिटी के स्कूलों की स्थिति को लेकर हम भी चिंतित है। ऊपर से सख्त निर्देश है कि सिटी में काउंसलिंग के माध्यम से भी शिक्षक नहीं लगाना है। जैसा उच्चाधिकारियों के आदेश मिलते है हम उसकी पालना करते हैं।
Q स्टाफकी कमी से शिक्षक प्रेशर में रहे हैं। एक शिक्षक पूरी स्कूल को संभाल रहा है। अब समाधान क्या होगा?
Aहमारे हाथ में कुछ नहीं है। अधिकारियों को हर स्कूल की स्थिति पोर्टल पर नजर रही है। हम जब भी मीटिंग में जाते है तो शहर की स्थिति उन्हें बताते हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल पाता है। अब बीएड और एसटीसी वालों को इनमें लगवाकर समाधान करवाएंगे।
Qस्टाफ कीकमी की वजह से नामांकन और अन्य व्यवस्थाएं प्रभावित हो रहा है। खाली पदों को भरने की प्रक्रिया कब होगी?
Aशहर में खाली पदों की अधिक दिक्कतें हैं। इन पदों को भरने की प्रक्रिया हमारे हाथ में नहीं है।
^शहर के स्कूलों की गंभीर स्थिति बनी हुई हैं। स्कूल में स्टाफ नहीं हैं। नामांकन बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा है। नोटिस देने और सेलेरी काटने के आदेश दिए जाते हैं। एक और दो शिक्षकों के भरोसे आठवीं तक की कक्षाएं हैं। सरकार इसके लिए प्रयास कर समाधान निकाले। सुरेशमेहरा, प्रदेश मंत्री राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत
01 कमरे मंे 08 कक्षाएं : शहरके मिडिल स्कूल छावनी बंगाली बस्ती में स्कूल एक शिक्षिका अनिता अजवानी के भरोसे चल रहा है। यहां संस्था प्रधान का पद खाली है। कक्षा एक से आठवीं तक की व्यवस्था के लिए वो एक मात्र नियुक्त है। यहां 65 बच्चों का नामांकन हो चुका है, लेकिन बच्चे बंक मार जाते हैं। यहां ताला लगाना पड़ता है। एक शिक्षिका के होने से बच्चों का ठहराव नहीं हो पाता है। कक्षा एक से आठवीं तक की कक्षाएं एक ही कमरे में संभालनी पड़ती है। स्कूल मैनेजमेंट से लेकर डीईओ कार्यालय में डाक पहुंचाने से लेकर बीएलओ की ड्यूटी करनी पड़ रही है। शिक्षिका अजवानी ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए यहां बंदोबस्त नहीं हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार प्राइमरी अंबेडकर नगर, अजय आहूजा नगर, रथ कांकरा, शंकरपुरा, सूरसागर, गणेशपाल बालापुरा, पीर बाबा की मजार सहित अन्य स्कूलों में एकल शिक्षक है। हालांकि शिक्षा विभाग ने कुछ जगहों पर गुपचुप तरीके से शिक्षकों की व्यवस्थार्थ की है।
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