बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना राजस्थान को मिला ‘नारी शक्ति पुरस्कार‘
जयपुर, 24 जनवरी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चुनते हुए ‘नारी शक्ति पुरस्कार‘ प्रदान करने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार आगामी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की विभिन्न केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन में राजस्थान भारत का अग्रणी राज्य है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ की मूल संकल्पना भारत सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्थान द्वारा में पाली जिले में संचालित मिशन ‘पूर्ण शक्ति‘ से ली गई है। इसके अलावा महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने वाला राजस्थान अग्रणी राज्य है। हिंसा एवं उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को राहत पहुंचाने के लिए निदेशालय महिला अधिकारिता के तत्वाधान में ‘अपराजित केंद्र’ का संचालन भी किया जा रहा है।
यह भारत में अपनी तरह का पहला मॉडल केन्द्र है, जिसके आधार पर भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों में ‘सखी‘ के नाम से केन्द्रों का संचालन शुरू किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ योजना वर्तमान में भारत के 161 जिलों में तथा राजस्थान के 14 जिलों में संचालित है।
इस योजना के राज्य स्तर पर क्रियान्वयन तथा इन 14 जिलों में किए गए विभिन्न प्रयासों के मद्देनजर निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा यह प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार को भिजवाया गया था। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने बताया कि महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में विभाग द्वारा गत तीन वषोर्ं में किए गए नवाचार तथा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के चलते राजस्थान को ‘नारी शक्ति पुरस्कार‘ के लिए चयनित किया गया है। आगामी 8 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसके अंतर्गत 1 लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
जयपुर, 24 जनवरी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चुनते हुए ‘नारी शक्ति पुरस्कार‘ प्रदान करने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार आगामी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा।
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की विभिन्न केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन में राजस्थान भारत का अग्रणी राज्य है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ की मूल संकल्पना भारत सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्थान द्वारा में पाली जिले में संचालित मिशन ‘पूर्ण शक्ति‘ से ली गई है। इसके अलावा महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने वाला राजस्थान अग्रणी राज्य है। हिंसा एवं उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को राहत पहुंचाने के लिए निदेशालय महिला अधिकारिता के तत्वाधान में ‘अपराजित केंद्र’ का संचालन भी किया जा रहा है।
यह भारत में अपनी तरह का पहला मॉडल केन्द्र है, जिसके आधार पर भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों में ‘सखी‘ के नाम से केन्द्रों का संचालन शुरू किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ योजना वर्तमान में भारत के 161 जिलों में तथा राजस्थान के 14 जिलों में संचालित है।
इस योजना के राज्य स्तर पर क्रियान्वयन तथा इन 14 जिलों में किए गए विभिन्न प्रयासों के मद्देनजर निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा यह प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार को भिजवाया गया था। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने बताया कि महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में विभाग द्वारा गत तीन वषोर्ं में किए गए नवाचार तथा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के चलते राजस्थान को ‘नारी शक्ति पुरस्कार‘ के लिए चयनित किया गया है। आगामी 8 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसके अंतर्गत 1 लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
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