जयपुर। राज्य के करीब दस लाख सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयेाग के अनुसार वेतनमान दिलाने के लिए पूर्व मुख्य सचिव डी सी सामन्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है। इसमें लेखा सेवा के सुपर टाइम स्केल के दो सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल किए गए हैं। कमेटी तीन माह में राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी।
आईएएस-आईपीएस के लिए भी रास्ता साफ
राज्य सरकार आईएएस,आईपीएस सहित अखिल भारतीय सेवा के अन्य अधिकारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत नया वेतनमान का लाभ देने पर अगस्त में ही केन्द्र सरकार को सहमति भेज चुकी है, लेकिन राज्य कर्मचारियों के बारे में निर्णय नहीं होने के कारण इनको भी वास्तविकता में लाभ अब तक नहीं दिया गया है।
राज्य सरकार ने नया वेतनमान देने के लिए दूसरे राज्यों से भी जानकारी मंगाई थी, जिसमें सामने आया था कि हरियाणा सहित कुछ राज्यों ने कर्मचारियों को नया वेतनमान लागू कर दिया है। इसके अलावा कुछ राज्यों में केन्द्र के बजाय अपने स्तर पर ही वेतनमान के निर्धारण की प्रक्रिया अपनाई जाती है, राजस्थान सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के समान वेतनमान देने का निर्णय किया हुआ है।
वेतनमान में है अंतर
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के छठे वेतन आयोग के तहत निर्धारित वेतनमान में अन्तर है, कमेटी को इस पर भी विचार करना होगा।
संविदा कर्मियों पर तस्वीर साफ नहीं
एकीकृत मानव संसाधन प्रबन्धन प्रणाली के अनुसार राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 7 लाख पार है, इनमें पंचायत राज, शहरी निकाय व स्वायत्तशाषी संस्थाओं के कर्मचारी-अधिकारी भी हैं। इनके अलावा पेंशनरों की संख्या सवा तीन लाख से अधिक है। संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के लाभ के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
कमेटी का काम
वेतन लेवल निर्धारण की सिफारिश
राज्य पर संभावित वित्तीय का आंकलन
भत्तों, विशेष वेतन की देयता व दरों का परीक्षण व सुझाव
यह हैं कमेटी में
डी सी सामन्त (पूर्व मुख्य सचिव)- अध्यक्ष
डी के मित्तल (लेखा सेवा के पूर्व अधिकारी)- सदस्य
एम पी दीक्षित (लेखा सेवा के पूर्व अधिकारी)-सदस्य
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आईएएस-आईपीएस के लिए भी रास्ता साफ
राज्य सरकार आईएएस,आईपीएस सहित अखिल भारतीय सेवा के अन्य अधिकारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत नया वेतनमान का लाभ देने पर अगस्त में ही केन्द्र सरकार को सहमति भेज चुकी है, लेकिन राज्य कर्मचारियों के बारे में निर्णय नहीं होने के कारण इनको भी वास्तविकता में लाभ अब तक नहीं दिया गया है।
राज्य सरकार ने नया वेतनमान देने के लिए दूसरे राज्यों से भी जानकारी मंगाई थी, जिसमें सामने आया था कि हरियाणा सहित कुछ राज्यों ने कर्मचारियों को नया वेतनमान लागू कर दिया है। इसके अलावा कुछ राज्यों में केन्द्र के बजाय अपने स्तर पर ही वेतनमान के निर्धारण की प्रक्रिया अपनाई जाती है, राजस्थान सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के समान वेतनमान देने का निर्णय किया हुआ है।
वेतनमान में है अंतर
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के छठे वेतन आयोग के तहत निर्धारित वेतनमान में अन्तर है, कमेटी को इस पर भी विचार करना होगा।
संविदा कर्मियों पर तस्वीर साफ नहीं
एकीकृत मानव संसाधन प्रबन्धन प्रणाली के अनुसार राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 7 लाख पार है, इनमें पंचायत राज, शहरी निकाय व स्वायत्तशाषी संस्थाओं के कर्मचारी-अधिकारी भी हैं। इनके अलावा पेंशनरों की संख्या सवा तीन लाख से अधिक है। संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के लाभ के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
कमेटी का काम
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