जयपुर, 21 फरवरी। उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा है कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश के महाविद्यालयों में रिक्त पड़े शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों को अगले शैक्षणिक सत्र से पहले पहले भर दिया जाए। उन्होंने महाविद्यालयों के प्राचार्यों का आह्वान किया कि वे अपने महाविद्यालय को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करें।
उन्होंने निजी महाविद्यालयों के बकाया एन.ओ.सी. प्रकरणों को भी त्वरित निपटाए जाने के निर्देश दिए तथा कहा कि नवीन अकादमिक सत्र से पहले-पहले इनकी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ताकि इसके अभाव में कोई प्रकरण लम्बित नहीं रहे। श्रीमती माहेश्वरी मंगलवार को राज्य के महाविद्यालय प्राचार्यों के साथ विडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए संवाद कर रही थी। उन्होंने विडियो कॉफ्रेसिंग के दौरान एक-एक महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ वैयक्तिक संवाद किया तथा महाविद्यालय से संबंधित विभिन्न आवश्यकताओं, समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। इसके लिए श्रीमती माहेश्वरी ने उनकी सराहना भी की। उन्होंने विडियो संवाद के दौरान महाविद्यालयों को आवंटित बजट के समुचित उपयोग, देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण तथा छात्रवृति से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की तथा कहा कि महाविद्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय प्राचार्य रूसा के तहत अपनी आवश्यकताएं आवश्यक रूप से भिजवाएं। वे बच्चों का सर्वे भी कराए कि कौन-कौन से विषयों की कोचिंग में उनकी रूचि है ताकि उसी अनुसार कोचिंग संबंधित योजना को क्रियान्वित किया जा सके। श्रीमती माहेश्वरी ने इस दौरान राजकीय महाविद्यालायों के प्राचार्यों को भामाशाह सहयोग योजना के तहत महाविद्यायों में आधारभुत सुविधाओं का विकास प्रभावी रूप में किए जाने, रूसा के अंतर्गत प्राप्त बजट के जरिए महाविद्यालय में अधिकाधिक विकास कार्य करवाए जाने तथा पुस्तकालय, प्रयोगशाला एवं खेलकूद मैदानों के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए। उच्च शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालयों में आगामी दिनों में होने वाली परीक्षाओं को सफलतापूर्वक संचालित किए जाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता से करवाई जाए। उन्होंने प्रश्नपत्रों की गोपनीयता को सभी स्तरो ंपर बनाए रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं पर भी पेपर लीक नहीं हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। कॉलेज आयुक्तालय के आयुक्त श्री आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने कहा कि महाविद्यालयों में परीक्षाओं के लिए स्टाफ की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी महाविद्यालयों में अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वहां पर आधारभूत सुविधाओं का भी पर्याप्त रूप में विकास किया जाएगा।
बैठक में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा के अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होंने निजी महाविद्यालयों के बकाया एन.ओ.सी. प्रकरणों को भी त्वरित निपटाए जाने के निर्देश दिए तथा कहा कि नवीन अकादमिक सत्र से पहले-पहले इनकी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ताकि इसके अभाव में कोई प्रकरण लम्बित नहीं रहे। श्रीमती माहेश्वरी मंगलवार को राज्य के महाविद्यालय प्राचार्यों के साथ विडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए संवाद कर रही थी। उन्होंने विडियो कॉफ्रेसिंग के दौरान एक-एक महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ वैयक्तिक संवाद किया तथा महाविद्यालय से संबंधित विभिन्न आवश्यकताओं, समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। इसके लिए श्रीमती माहेश्वरी ने उनकी सराहना भी की। उन्होंने विडियो संवाद के दौरान महाविद्यालयों को आवंटित बजट के समुचित उपयोग, देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण तथा छात्रवृति से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की तथा कहा कि महाविद्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय प्राचार्य रूसा के तहत अपनी आवश्यकताएं आवश्यक रूप से भिजवाएं। वे बच्चों का सर्वे भी कराए कि कौन-कौन से विषयों की कोचिंग में उनकी रूचि है ताकि उसी अनुसार कोचिंग संबंधित योजना को क्रियान्वित किया जा सके। श्रीमती माहेश्वरी ने इस दौरान राजकीय महाविद्यालायों के प्राचार्यों को भामाशाह सहयोग योजना के तहत महाविद्यायों में आधारभुत सुविधाओं का विकास प्रभावी रूप में किए जाने, रूसा के अंतर्गत प्राप्त बजट के जरिए महाविद्यालय में अधिकाधिक विकास कार्य करवाए जाने तथा पुस्तकालय, प्रयोगशाला एवं खेलकूद मैदानों के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए। उच्च शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालयों में आगामी दिनों में होने वाली परीक्षाओं को सफलतापूर्वक संचालित किए जाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता से करवाई जाए। उन्होंने प्रश्नपत्रों की गोपनीयता को सभी स्तरो ंपर बनाए रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं पर भी पेपर लीक नहीं हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। कॉलेज आयुक्तालय के आयुक्त श्री आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने कहा कि महाविद्यालयों में परीक्षाओं के लिए स्टाफ की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी महाविद्यालयों में अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वहां पर आधारभूत सुविधाओं का भी पर्याप्त रूप में विकास किया जाएगा।
बैठक में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा के अधिकारियों ने भाग लिया।
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