15 लाख नौकरियों के मामलों में सियासत भी खूब परवान चढ़ी है. बीते दिनों कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं के साथ-साथ युवाओं में बेरोजगारी के मसले को भी जोर शोर से उठाया. वहीं, अब अटकी भर्तियों के मामलों पर एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं.
कांग्रेस के बेरोजगारी के आरोपों पर खुद को स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग और निजी क्षेत्र में रोजगार की ढाल से सामना कर रही बीजेपी का दावा है कि उनका युवाओं को नौकरियां देने का टारगेट जल्द पूरा होगा. पन्द्रह लाख नौकरियों के वादों पर बीजेपी दावे कर चुकी है कि नौ लाख युवाओं को प्राइवेट नौकरियां और करीब एक लाख को सरकारी नौकरी दी जा चुकी हैं. युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर गैर सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार मुहैया कराए गए हैं.
15 लाख नौकरियों के मामलों में सियासत भी खूब परवान चढ़ी है. बीते दिनों कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं के साथ-साथ युवाओं में बेरोजगारी के मसले को भी जोर शोर से उठाया.
बीजेपी का कहना है कि घोषणा पत्र से भी ज्यादा आशार्थियों को नौकरियों की सौगात दे सकेंगे. बीते दिनों एक प्रेस वार्ता में खुद अशोक परनामी ने आकंड़े पेश किए, जिसमें उन्होंने कहा कि युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार प्रयासरत है.
सबसे ज्यादा रिक्तियां शिक्षा विभाग में हैं और कई भर्तियां भी इसी विभाग में होनी हैं. मसले पर शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि विद्यालयों में रिक्त पदों पर जल्द भर्तियां हों इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. वे खुद चाहते हैं कि जल्द शिक्षकों की कमी पूरी हो ताकि सूबे में तालीम की तस्वीर निखर कर आए. वहीं, कोर्ट के मसलों का हल निकलने की उन्हें उम्मीद है.
बीजेपी के 15 लाख नौकरियों के वादे को कांग्रेस ने कई बार सदन में मुद्दा बनाया है. साथ ही सरकार से कई बार इस मसले पर जवाब मांगा, लेकिन अब आगामी चुनावों को देखते हुए कांग्रेस इन मुद्दों को अपनी तरकश में सजा रणनीति तैयार करने में जुटी है. यही वजह है कि अब युवाओं के बीच जाकर कांग्रेस ने इन मसलों को भुनाने की शुरुआत कर दी है.
कॉलेज कैम्पस पहुंचकर कांग्रेस नेता युवाओं को अपने पक्ष में लेने के लिए बेरोजगारी के मसलों को जोर शोर से उठा रही है. बीजेपी के द्वारा किए गए एक ला
कांग्रेस के बेरोजगारी के आरोपों पर खुद को स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग और निजी क्षेत्र में रोजगार की ढाल से सामना कर रही बीजेपी का दावा है कि उनका युवाओं को नौकरियां देने का टारगेट जल्द पूरा होगा. पन्द्रह लाख नौकरियों के वादों पर बीजेपी दावे कर चुकी है कि नौ लाख युवाओं को प्राइवेट नौकरियां और करीब एक लाख को सरकारी नौकरी दी जा चुकी हैं. युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर गैर सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार मुहैया कराए गए हैं.
15 लाख नौकरियों के मामलों में सियासत भी खूब परवान चढ़ी है. बीते दिनों कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं के साथ-साथ युवाओं में बेरोजगारी के मसले को भी जोर शोर से उठाया.
बीजेपी का कहना है कि घोषणा पत्र से भी ज्यादा आशार्थियों को नौकरियों की सौगात दे सकेंगे. बीते दिनों एक प्रेस वार्ता में खुद अशोक परनामी ने आकंड़े पेश किए, जिसमें उन्होंने कहा कि युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार प्रयासरत है.
सबसे ज्यादा रिक्तियां शिक्षा विभाग में हैं और कई भर्तियां भी इसी विभाग में होनी हैं. मसले पर शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि विद्यालयों में रिक्त पदों पर जल्द भर्तियां हों इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. वे खुद चाहते हैं कि जल्द शिक्षकों की कमी पूरी हो ताकि सूबे में तालीम की तस्वीर निखर कर आए. वहीं, कोर्ट के मसलों का हल निकलने की उन्हें उम्मीद है.
बीजेपी के 15 लाख नौकरियों के वादे को कांग्रेस ने कई बार सदन में मुद्दा बनाया है. साथ ही सरकार से कई बार इस मसले पर जवाब मांगा, लेकिन अब आगामी चुनावों को देखते हुए कांग्रेस इन मुद्दों को अपनी तरकश में सजा रणनीति तैयार करने में जुटी है. यही वजह है कि अब युवाओं के बीच जाकर कांग्रेस ने इन मसलों को भुनाने की शुरुआत कर दी है.
कॉलेज कैम्पस पहुंचकर कांग्रेस नेता युवाओं को अपने पक्ष में लेने के लिए बेरोजगारी के मसलों को जोर शोर से उठा रही है. बीजेपी के द्वारा किए गए एक ला
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