अब प्रदेश की कक्षा 1-12 तक की पुस्तकों का भी डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है।
इसके बाद प्रदेश के 78 लाख विद्यार्थी मोबाइल पर भी अपनी पाठ्यपुस्तकों के
साथ देश के अन्य राज्य में चल रही किताबों को भी पढ़ सकेंगे।
^पाठ्यपुस्तकों का डिजिटल करने का उद्देश्य है कि बच्चे कहीं पर भी इसका उपयोग कर सकें और ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक यह पहुंच सकें। इससे विद्यार्थियों के ज्ञान काे बढ़ावा भी मिलेगा। रुकमणीसिहाग, निदेशक, एसआईईआरटी
एनसीईआरटी इस एप्लीकेशन को अपडेट करेगा जिसमें कुछ विकल्प और जोड़े जाएगे। जैसे कोई भी छात्र अंग्रेजी विषय पढ़ रहा है और कोई शब्द कठिन लगा जो उस समय उस शब्द के बारे में अर्थ के साथ पूरी जानकारी ले पाएगा।
इस एप्लीकेशन में चार भाग होंगे, शिक्षक, अभिभावक, छात्र और एजुकेटर। इन सभी के लिए अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध होगी। बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकें औैर ऑडियो-वीडियो और शिक्षकों के लिए इन दोनों के साथ शैक्षणिक निर्देश भी हाेंगे। साथ ही अभिभावकों के लिए शैक्षणिक परिणाम का विकल्प होगा जिसमें शैक्षणिक स्थिति को घर बैठे देख पाएंगे।
गत दिनों एप्लीकेशन के लिए एनसीईआरटी प्रदेश के 20 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण दे चुकी है। अब यह मास्टर ट्रेनर प्रदेश के अन्य शिक्षकों को एप्लीकेशन के लिए प्रशिक्षण देंगे। जल्द इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। एसआईईआरटी अधिकारियों ने बताया कि दूसरे राज्यों की पुस्तकें वर्ड फाइल में और प्रदेश की कोरल पर बनती हैं, जिन्हें डिजिटल करना कठिन है। इसी को लेकर प्रशिक्षण होगा।
एनसीईआरटी के इस एप्लीकेशन में अधिकांश राज्यों में पुस्तकें अपलोड करना शुरू हो गया है। अब तक इस एप्लीकेशन को 6 लाख बच्चों ने डाउनलोड कर लिया है औैर लगभग 1 करोड़ लोग इसको देख चुके हैं। साथ ही एप्लीकेशन में 15 भाषाओं में 370 पाठ्यपुस्तकों को डाला ला चुका है। 31 मार्च के बाद देशभर में सभी पुस्तकें एप पर अपलोड करने का टागरेट है।
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^पाठ्यपुस्तकों का डिजिटल करने का उद्देश्य है कि बच्चे कहीं पर भी इसका उपयोग कर सकें और ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक यह पहुंच सकें। इससे विद्यार्थियों के ज्ञान काे बढ़ावा भी मिलेगा। रुकमणीसिहाग, निदेशक, एसआईईआरटी
एनसीईआरटी इस एप्लीकेशन को अपडेट करेगा जिसमें कुछ विकल्प और जोड़े जाएगे। जैसे कोई भी छात्र अंग्रेजी विषय पढ़ रहा है और कोई शब्द कठिन लगा जो उस समय उस शब्द के बारे में अर्थ के साथ पूरी जानकारी ले पाएगा।
इस एप्लीकेशन में चार भाग होंगे, शिक्षक, अभिभावक, छात्र और एजुकेटर। इन सभी के लिए अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध होगी। बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकें औैर ऑडियो-वीडियो और शिक्षकों के लिए इन दोनों के साथ शैक्षणिक निर्देश भी हाेंगे। साथ ही अभिभावकों के लिए शैक्षणिक परिणाम का विकल्प होगा जिसमें शैक्षणिक स्थिति को घर बैठे देख पाएंगे।
गत दिनों एप्लीकेशन के लिए एनसीईआरटी प्रदेश के 20 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण दे चुकी है। अब यह मास्टर ट्रेनर प्रदेश के अन्य शिक्षकों को एप्लीकेशन के लिए प्रशिक्षण देंगे। जल्द इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। एसआईईआरटी अधिकारियों ने बताया कि दूसरे राज्यों की पुस्तकें वर्ड फाइल में और प्रदेश की कोरल पर बनती हैं, जिन्हें डिजिटल करना कठिन है। इसी को लेकर प्रशिक्षण होगा।
एनसीईआरटी के इस एप्लीकेशन में अधिकांश राज्यों में पुस्तकें अपलोड करना शुरू हो गया है। अब तक इस एप्लीकेशन को 6 लाख बच्चों ने डाउनलोड कर लिया है औैर लगभग 1 करोड़ लोग इसको देख चुके हैं। साथ ही एप्लीकेशन में 15 भाषाओं में 370 पाठ्यपुस्तकों को डाला ला चुका है। 31 मार्च के बाद देशभर में सभी पुस्तकें एप पर अपलोड करने का टागरेट है।
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