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मुख्यमंत्री से की मांग,समायोजित शिक्षा कर्मियों की पीड़ा समझे सरकार

 जयपुर। राजस्थान शिक्षक एवं कर्मचारी संघ (समायोजित) के प्रतिनिधि, राज्य के 9000 समायोजित शिक्षा कर्मियों में से लगभग 2700 सेवा निवृत्त शिक्षा कर्मियों (2700 retired education personnel) की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के सिविल लाइन स्थित निवास पर गए।

संघ के प्रांतीय संयोजक विजय उपाध्याय ने मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी से मिलकर बताया कि सरकार द्वारा कर्मचारी हित में संविदाकर्मियों व अन्य कार्मिकों के विभिन्न स्तरों पर न्यायालय में चल रहे परिवाद वापस लिए हैं, लेकिन समायोजित शिक्षा कर्मियों के लिए उच्च न्यायालय जोधपुर और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने का आदेश दिया है फिर भी सरकार के विधिक अधिकारी द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई। याचिका पर 13 नवंबर 2018 को उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारियों के हित में फैसला दिया है। उपाध्याय ने आग्रह पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि कर्मचारी हित की अनदेखी करते हुए उच्च न्यायालय जोधपुर में विधिक विभाग की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर की। जिसके फैसले की अन्तिम सुनवाई 8 फरवरी 2021को पूर्ण हो चुकी है। उपाध्याय ने मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी से आग्रह किया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अंतिम पड़ाव पूर्ण करने से पूर्व पुनर्विचार याचिका वापस ले।

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