शिक्षकाें के खाली पदों की वजह से राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षा अाैर
शोध पर संकट है। शिक्षकों के 413 पद खाली पड़े हैं। प्रोफेसरों की बात करें
ताे कुल 63 पद हैं जिनमें से 58 ताे खाली ही पड़े हैं।
इसके अलावा 136 एसाे. प्रोफेसरों में से 112 अाैर असिस्टेंट प्राे. के 730 में से 243 पद खाली पड़े हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी का इसके पीछे तर्क है कि सरकार से परमिशन मिलते ही हम भर्ती करेंगे।
अब भर्ती काे लेकर निर्देशाें के लिए राजभवन काे पत्र भेजा जा रहा है। पिछले साल राजस्थान यूनिवर्सिटी में करीब 90 असिस्टेंट प्राे. व एसाेसिएट प्रोफेसरों की भर्ती हुई थी लेकिन प्रोफेसरों की नही हुई।
राजस्थान विश्वविद्यालय
लंबे समय से प्रमाेशन नहीं
राजस्थान यूनिवर्सिटी में करीब 9 साल से शिक्षकों के प्रमाेशन ही नही हुए हैं। एेसे में मात्र 14 प्राेफेसर बचे हैं जिनमें 6 प्रमाेटी हैं। बाॅटनी, ज्याेग्राफी, कैमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स, साइकाेलाॅजी, जियाेलाॅजी जैसे विभागाें में ताे 1 भी प्राेफेसर नही है। जिससे शोध पर भी गहरा प्रभाव पड रहा है। 30 से ज्यादा विभागाें में ताे एसाे. प्राेफेसर ही हैड हैं।
इसके अलावा 136 एसाे. प्रोफेसरों में से 112 अाैर असिस्टेंट प्राे. के 730 में से 243 पद खाली पड़े हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी का इसके पीछे तर्क है कि सरकार से परमिशन मिलते ही हम भर्ती करेंगे।
अब भर्ती काे लेकर निर्देशाें के लिए राजभवन काे पत्र भेजा जा रहा है। पिछले साल राजस्थान यूनिवर्सिटी में करीब 90 असिस्टेंट प्राे. व एसाेसिएट प्रोफेसरों की भर्ती हुई थी लेकिन प्रोफेसरों की नही हुई।
राजस्थान विश्वविद्यालय
लंबे समय से प्रमाेशन नहीं
राजस्थान यूनिवर्सिटी में करीब 9 साल से शिक्षकों के प्रमाेशन ही नही हुए हैं। एेसे में मात्र 14 प्राेफेसर बचे हैं जिनमें 6 प्रमाेटी हैं। बाॅटनी, ज्याेग्राफी, कैमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स, साइकाेलाॅजी, जियाेलाॅजी जैसे विभागाें में ताे 1 भी प्राेफेसर नही है। जिससे शोध पर भी गहरा प्रभाव पड रहा है। 30 से ज्यादा विभागाें में ताे एसाे. प्राेफेसर ही हैड हैं।
No comments:
Post a Comment