प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सोमवार से होने वाली काउंसलिंग स्थगित कर दी है।
इसके चलते तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती -2018 (लेवल-1) के 9 हजार से अधिक
शिक्षकों की पोस्टिंग अटक गई है।
इन शिक्षकों में रिशफल परिणाम और प्रतीक्षा सूची में शामिल हुए करीब 5 हजार नए शिक्षक और जिला परिवर्तन के दायरे में आए 4 हजार से अधिक शिक्षक शामिल हैं। यह शिक्षक लंबे समय से पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे। पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मामला अटका रहा। अब स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया ने पोस्टिंग पर ब्रेक लगा दिया है। इससे नवचयनितों की नौकरी का इंतजार बढ़ता जा रहा है।
शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों भर्ती के बावजूद लेवल-1 के खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। तब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मामला निर्वाचन विभाग में पहुंच गया था। निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद रिशफल परिणाम और प्रतीक्षा सूची जारी करने की अनुमति दी थी।
विभाग ने दस्तावेज जांच में अनुपस्थित रहे और अपात्र अभ्यर्थियों के नाम हटाते हुए परिणाम को केटेगरीवाइज परिणाम को रिशफल करते हुए 8 मई को कटऑफ जारी कर दी थी। जबकि कार्यग्रहण नहीं करने वाले अभ्यर्थियों के खाली पदों के विरूद्ध केटेगरीवाइज प्रतीक्षा सूची जारी की थी।
इसमें नए अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। जिला आबंटन और दस्तावेज जांच के बाद शिक्षा विभाग ने इनकी पोस्टिंग के लिए 17 और 18 जून को काउंसलिंग की तारीख तय की थी। अभी विभाग में स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया भी चल रही है। इसमें सरकारी स्कूलों में नामांकन के आधार पर स्कूलों में शिक्षकों के पद तय होंगे। इसमें उन स्कूलों में शिक्षकों के नए पद सृजित होंगे। जहां नामांकन अधिक है। जहां कम है वहां से शिक्षकों के पदों में कटौती होगी। इसलिए विभाग ने सोचा कि अगर स्टाफिंग पैटर्न में पद तय होने से पहले अगर इनको पोस्टिंग दे दी और बाद में पदों में कटौती हो गई तो इन शिक्षकों को वहां से हटाना पड़ सकता है।
इन शिक्षकों में रिशफल परिणाम और प्रतीक्षा सूची में शामिल हुए करीब 5 हजार नए शिक्षक और जिला परिवर्तन के दायरे में आए 4 हजार से अधिक शिक्षक शामिल हैं। यह शिक्षक लंबे समय से पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे। पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मामला अटका रहा। अब स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया ने पोस्टिंग पर ब्रेक लगा दिया है। इससे नवचयनितों की नौकरी का इंतजार बढ़ता जा रहा है।
शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों भर्ती के बावजूद लेवल-1 के खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। तब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण मामला निर्वाचन विभाग में पहुंच गया था। निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद रिशफल परिणाम और प्रतीक्षा सूची जारी करने की अनुमति दी थी।
विभाग ने दस्तावेज जांच में अनुपस्थित रहे और अपात्र अभ्यर्थियों के नाम हटाते हुए परिणाम को केटेगरीवाइज परिणाम को रिशफल करते हुए 8 मई को कटऑफ जारी कर दी थी। जबकि कार्यग्रहण नहीं करने वाले अभ्यर्थियों के खाली पदों के विरूद्ध केटेगरीवाइज प्रतीक्षा सूची जारी की थी।
इसमें नए अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। जिला आबंटन और दस्तावेज जांच के बाद शिक्षा विभाग ने इनकी पोस्टिंग के लिए 17 और 18 जून को काउंसलिंग की तारीख तय की थी। अभी विभाग में स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया भी चल रही है। इसमें सरकारी स्कूलों में नामांकन के आधार पर स्कूलों में शिक्षकों के पद तय होंगे। इसमें उन स्कूलों में शिक्षकों के नए पद सृजित होंगे। जहां नामांकन अधिक है। जहां कम है वहां से शिक्षकों के पदों में कटौती होगी। इसलिए विभाग ने सोचा कि अगर स्टाफिंग पैटर्न में पद तय होने से पहले अगर इनको पोस्टिंग दे दी और बाद में पदों में कटौती हो गई तो इन शिक्षकों को वहां से हटाना पड़ सकता है।
No comments:
Post a Comment