अतिथि शिक्षकों की भर्ती के कानूनी लड़ाई में फंसने के बाद अब सरकार माध्यमिक और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के चार हजार रिक्त पद वॉक इन इंटरव्यू के जरिए भरने जा रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने जून के अंत तक इसकी प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
राजधानी में बुधवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया कि एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के पद रिक्त होने के चलते पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के पदों को स्थायी रूप से भरे जाने तक विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से शिक्षक रखे जाएंगे। इन शिक्षकों का चयन वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से किया जाएगा। रिक्त स्थान पर उसी ब्लॉक के बेरोजगार को रखा जाएगा। चयनित शिक्षक को 15 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। दोनों पदों के लिए चयन की योग्यता पूर्ववत रहेगी। इसके लिए सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। प्रयास है कि गर्मी की छुट्टी खत्म होने से पहले सभी स्कूलों के लिए शिक्षकों का चयन कर लिया जाए। सूत्रों के अनुसार, अतिथि शिक्षकों के मामले में कोर्ट से झटका खा चुकी सरकार ने इस वॉक इन इंटरव्यू पर न्याय विभाग से परामर्श लिया है। इसके चलते इस बार जिलास्तर पर चयन के बजाय स्कूल प्रबंधन समिति के जरिए शिक्षक रखने का निर्णय हुआ है।
वर्षवार बीएड से तय होगी शिक्षकों की मैरिट
प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में मैरिट का निर्धारण वर्षवार बीएड के आधार पर करने का निर्णय लिया है। हालांकि चयन को अब भी टीईटी-01 व टीईटी-02 पास होना जरूरी होगा। शिक्षा विभाग ने बीते नवंबर में शासनादेश जारी कर, मैरिट निर्धारण के लिए टीईटी के अंक अनिवार्य कर दिए थे। जबकि इससे पहले मैरिट का निर्धारण बीएड पास करने के साल के आधार पर होता था। बीएड बेरोजगारों ने इसे लेकर आंदोलन छेड़ दिया था। अब सरकार ने फिर पुरानी व्यवस्था अमल में ला दी है। इधर, लगातार तीन साल से खराब बोर्ड रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर भी विभाग ने सख्ती के संकेत दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऐसे शिक्षकों पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी। हालांकि कार्रवाई क्या होगी, यह मंत्री ने स्पष्ट तौर पर नहीं बताया।
प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में मैरिट का निर्धारण वर्षवार बीएड के आधार पर करने का निर्णय लिया है। हालांकि चयन को अब भी टीईटी-01 व टीईटी-02 पास होना जरूरी होगा। शिक्षा विभाग ने बीते नवंबर में शासनादेश जारी कर, मैरिट निर्धारण के लिए टीईटी के अंक अनिवार्य कर दिए थे। जबकि इससे पहले मैरिट का निर्धारण बीएड पास करने के साल के आधार पर होता था। बीएड बेरोजगारों ने इसे लेकर आंदोलन छेड़ दिया था। अब सरकार ने फिर पुरानी व्यवस्था अमल में ला दी है। इधर, लगातार तीन साल से खराब बोर्ड रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर भी विभाग ने सख्ती के संकेत दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऐसे शिक्षकों पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी। हालांकि कार्रवाई क्या होगी, यह मंत्री ने स्पष्ट तौर पर नहीं बताया।
नवोदय विद्यालय में प्रतिनियुक्ति समाप्त
एक अहम फैसले में शिक्षा मंत्री ने राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का निर्णय लिया है। इन शिक्षकों को अपने मूल पदों पर लौटने को कहा गया है। इसकी जगह नवोदय विद्यालय में भी अब वॉक इन इंटरव्यू के जरिए नियुक्ति होंगी। दरअसल राज्य सरकार के शिक्षक, मुख्य तौर पर मैदान में स्थित नवोदय में ही पढ़ा रहे हैं, जबकि पहाड़ के नवोदय विद्यालयों में अस्थायी शिक्षक ही हैं। ऐसे में सरकार ने सभी जगह वॉक इन इंटरव्यू की व्यवस्था अमल में लाने का निर्णय लिया है।
एक अहम फैसले में शिक्षा मंत्री ने राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का निर्णय लिया है। इन शिक्षकों को अपने मूल पदों पर लौटने को कहा गया है। इसकी जगह नवोदय विद्यालय में भी अब वॉक इन इंटरव्यू के जरिए नियुक्ति होंगी। दरअसल राज्य सरकार के शिक्षक, मुख्य तौर पर मैदान में स्थित नवोदय में ही पढ़ा रहे हैं, जबकि पहाड़ के नवोदय विद्यालयों में अस्थायी शिक्षक ही हैं। ऐसे में सरकार ने सभी जगह वॉक इन इंटरव्यू की व्यवस्था अमल में लाने का निर्णय लिया है।
एलटी में पदोन्नति में बढ़ेगा प्राइमरी का कोटा
इस बीच स्कूल एकीकरण के प्रति शिक्षकों के विरोध को शांत करने के लिए सरकार ने प्राइमरी शिक्षकों का एलटी में पदोन्नति कोटा बढ़ाने के संकेत दिए हैं। अभी एलटी पदोन्नति में प्राइमरी शिक्षकों को दस प्रतिशत कोटा मिलता है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर सीधे 40 किया जा सकता है। दरअसल, जूनियर हाईस्कूलों को हाईस्कूलों में मिलाए जाने से प्राइमरी शिक्षक यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इससे उनके सामने पदोन्नति के अवसर सीमित हो जाएंगे, इसके लिए सरकार ने अब यह रास्ता खोला है।
इस बीच स्कूल एकीकरण के प्रति शिक्षकों के विरोध को शांत करने के लिए सरकार ने प्राइमरी शिक्षकों का एलटी में पदोन्नति कोटा बढ़ाने के संकेत दिए हैं। अभी एलटी पदोन्नति में प्राइमरी शिक्षकों को दस प्रतिशत कोटा मिलता है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर सीधे 40 किया जा सकता है। दरअसल, जूनियर हाईस्कूलों को हाईस्कूलों में मिलाए जाने से प्राइमरी शिक्षक यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इससे उनके सामने पदोन्नति के अवसर सीमित हो जाएंगे, इसके लिए सरकार ने अब यह रास्ता खोला है।
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