आचार संहिता लगने के कारण अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 और एलडीसी
भर्ती 2013 पर पोस्टिंग देने पर लगभग रोक लग गई है। इन मामलों को लेकर अब
अधिकारियों ने जयपुर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेने की बात कह रहे है।
लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार की ओर से शिक्षक भर्ती 2018 में कोर्ट से स्टे खारिज होने और सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद परिणाम रि-शफल करने का निर्णय लिया था। इसके तहत सरकार की ओर से रिक्त पदों पर इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट जारी कर वरीयता के आधार पर लेने के निर्देश दिए थे। अब इस प्रक्रिया में जिला परिषद की ओर से पूरे राज्य में प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमे शिक्षा विभाग की ओर से अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच की प्रक्रिया चल रही थी। इस दरम्यान आचार संहिता लग गई है। ऐसे में शिक्षा विभाग की इस भर्ती में अब काउंसलिंग के बाद पदस्थापन अटका रहेगा। इसी प्रकार जिला परिषद में एलडीसी भर्ती 2013 में भी पदस्थापन और अस्पष्ट होने से पूरा मामला अटक गया है।
शिक्षक भर्ती में 700 पदों को भरने अभ्यर्थी नहीं आ रहे
शिक्षक भर्ती 2018 में लेवल टू के टीएसपी क्षेत्र में 700 रिक्त पदों पर पुन: लेवल सैकंड के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। जिले में 40 पदों को भरने के लिए अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई थी। इसमे करीब 17 अभ्यर्थी उपस्थिति दी है। ऐसे में अब भी करीब 23 अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। वही लेवल सैंकड की भर्ती में पदस्थापन के लिए अभी तक कोई स्पष्ट आदेश नहीं है।
अस्पष्ट आदेश से एलडीसी भर्ती 3 माह के लिए खिसकी
एलडीसी भर्ती 2013 में कांग्रेस शासन में निकली थी। उस समय कार्यरत लोगों को बोनस अंक की मांग को लेकर मामला कोर्ट में चला गया। इसके साथ ही डिग्रियों और डिप्लोमा को लेकर मामला अटक गया था। कोर्ट में पूरा प्रकरण चलने के बाद अब राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में पदों की संख्या बढ़ाकर रिक्त पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिए थे। इसमे जिले में करीब 100 से अधिक रिक्त पद पर भरना था। इसमे अलग-अलग वर्ग, श्रेणी के पद थे। इन पदों के लिए मेरिट लिस्ट भी 2013 की बनी हुई है। अब दस्तावेज सत्यापन की बात कही जा रही है। ऐसे में इन अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच पहले से हो चुके है। अब इन्हें नियुक्ति देने पर संशय बना हुआ है। इसी दरम्यान आचार संहिता लगने से पूरा मामला खटाई में चला गया है। ऐसे में 100 से अधिक एलडीसी पद पर जून माह में ही निर्णय हो सकता है।
लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार की ओर से शिक्षक भर्ती 2018 में कोर्ट से स्टे खारिज होने और सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद परिणाम रि-शफल करने का निर्णय लिया था। इसके तहत सरकार की ओर से रिक्त पदों पर इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट जारी कर वरीयता के आधार पर लेने के निर्देश दिए थे। अब इस प्रक्रिया में जिला परिषद की ओर से पूरे राज्य में प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमे शिक्षा विभाग की ओर से अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच की प्रक्रिया चल रही थी। इस दरम्यान आचार संहिता लग गई है। ऐसे में शिक्षा विभाग की इस भर्ती में अब काउंसलिंग के बाद पदस्थापन अटका रहेगा। इसी प्रकार जिला परिषद में एलडीसी भर्ती 2013 में भी पदस्थापन और अस्पष्ट होने से पूरा मामला अटक गया है।
शिक्षक भर्ती में 700 पदों को भरने अभ्यर्थी नहीं आ रहे
शिक्षक भर्ती 2018 में लेवल टू के टीएसपी क्षेत्र में 700 रिक्त पदों पर पुन: लेवल सैकंड के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। जिले में 40 पदों को भरने के लिए अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई थी। इसमे करीब 17 अभ्यर्थी उपस्थिति दी है। ऐसे में अब भी करीब 23 अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। वही लेवल सैंकड की भर्ती में पदस्थापन के लिए अभी तक कोई स्पष्ट आदेश नहीं है।
अस्पष्ट आदेश से एलडीसी भर्ती 3 माह के लिए खिसकी
एलडीसी भर्ती 2013 में कांग्रेस शासन में निकली थी। उस समय कार्यरत लोगों को बोनस अंक की मांग को लेकर मामला कोर्ट में चला गया। इसके साथ ही डिग्रियों और डिप्लोमा को लेकर मामला अटक गया था। कोर्ट में पूरा प्रकरण चलने के बाद अब राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में पदों की संख्या बढ़ाकर रिक्त पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिए थे। इसमे जिले में करीब 100 से अधिक रिक्त पद पर भरना था। इसमे अलग-अलग वर्ग, श्रेणी के पद थे। इन पदों के लिए मेरिट लिस्ट भी 2013 की बनी हुई है। अब दस्तावेज सत्यापन की बात कही जा रही है। ऐसे में इन अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच पहले से हो चुके है। अब इन्हें नियुक्ति देने पर संशय बना हुआ है। इसी दरम्यान आचार संहिता लगने से पूरा मामला खटाई में चला गया है। ऐसे में 100 से अधिक एलडीसी पद पर जून माह में ही निर्णय हो सकता है।
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