जयपुर.राजस्थान
के 65 हजार से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के सामने एक समय में दो
जिम्मेदारी मिलने से यह संकट खड़ा हो गया है, वह पहले किसे ठीक ढंग से
निभाएं। शिक्षकों को विद्यार्थियों का परिणाम तैयार करने केवल दो दिन मिल
रहे हैं और इन्हीं दो दिनों में उन्हें नामांकन बढ़ाने के लिए घर-घर हाउस
होल्ड सर्वे करना है। इसके लिए बाकायदा शिक्षकों की टीमें गठित करने के
निर्देश जारी हुए हैं।
अब शिक्षकों के सामने परेशानी है कि परिणाम तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड करें या नामांकन बढ़ाने के लिए सर्वे करें।
- सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा का समापन 26 अप्रैल को हुआ है। शिक्षकों को 30 अप्रैल को परिणाम जारी करना है। इस बीच शिक्षकों को केवल दो दिन 27 और 28 अप्रैल को ही परिणाम तैयार करनी की पूरी कवायद करनी है। इसमें उत्तर पुस्तिकाएं जांचने, प्राप्तांक की सूचियां तैयार करने, परिणाम तैयार करने और उसके विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना है, क्योंकि अगले दिन 29 अप्रैल को रविवार का अवकाश है। इसके बाद 30 अप्रैल को परिणाम जारी होना है।
- इस दिन भी विभाग ने एसडीएमसी और टीचर्स-पेरेंट्स मीटिंग आयोजित करने के निर्देश दे रखे हैं। अब एक ही दिन में शिक्षक इन बैठकों में हिस्सा लेंगे या परिणाम जारी करेंगे। प्रदेश के 65 हजार सरकारी स्कूलो में करीब 85 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
परिणाम ही जारी नहीं, तो कौन लेगा प्रवेश?
शिविरा पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल को स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम जारी होने हैं, जबकि 8वीं, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम मई-जून तक आएंगे। आज की स्थिति में एक भी कक्षा का परिणाम जारी नहीं हुआ। शिक्षकों के सामने परेशान यह है कि जब एक भी परिणाम जारी नहीं हुआ तो वे आगामी कक्षा में किसको प्रवेश दें, जबकि विभाग ने 26 अप्रैल से प्रवेशोत्सव का पहला चरण शुरू कर दिया है। प्रवेशोत्सव के साथ ही शिक्षकों को रोजाना नए नामांकन की सूचना पोर्टल पर अपलोड करनी है।
विभागीय अधिकारी आदेश जारी करते समय यह नहीं सोचते की उनका आदेश प्रैक्टिकल रूप में कितना प्रभावी होगा। -शशिभूषण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
शिक्षकों पर इतनी बंदिशें लगा दी हैं कि उन्हें परिणाम जल्दबाजी में तैयार करना होगा। सीधा नुकसान बच्चों को होगा। ऐसे में परिणाम में गलती की संभावना रहेगी।
-यतीश चंद्र शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राज. शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ
परीक्षा समाप्ति के साथ ही उत्तर पुस्तिकाएं जांच का काम प्रारंभ हो जाता है। इसलिए शिक्षकों को परिणाम तैयार करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
-पीसी किशन, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा
अब शिक्षकों के सामने परेशानी है कि परिणाम तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड करें या नामांकन बढ़ाने के लिए सर्वे करें।
- सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा का समापन 26 अप्रैल को हुआ है। शिक्षकों को 30 अप्रैल को परिणाम जारी करना है। इस बीच शिक्षकों को केवल दो दिन 27 और 28 अप्रैल को ही परिणाम तैयार करनी की पूरी कवायद करनी है। इसमें उत्तर पुस्तिकाएं जांचने, प्राप्तांक की सूचियां तैयार करने, परिणाम तैयार करने और उसके विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना है, क्योंकि अगले दिन 29 अप्रैल को रविवार का अवकाश है। इसके बाद 30 अप्रैल को परिणाम जारी होना है।
- इस दिन भी विभाग ने एसडीएमसी और टीचर्स-पेरेंट्स मीटिंग आयोजित करने के निर्देश दे रखे हैं। अब एक ही दिन में शिक्षक इन बैठकों में हिस्सा लेंगे या परिणाम जारी करेंगे। प्रदेश के 65 हजार सरकारी स्कूलो में करीब 85 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
परिणाम ही जारी नहीं, तो कौन लेगा प्रवेश?
शिविरा पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल को स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम जारी होने हैं, जबकि 8वीं, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम मई-जून तक आएंगे। आज की स्थिति में एक भी कक्षा का परिणाम जारी नहीं हुआ। शिक्षकों के सामने परेशान यह है कि जब एक भी परिणाम जारी नहीं हुआ तो वे आगामी कक्षा में किसको प्रवेश दें, जबकि विभाग ने 26 अप्रैल से प्रवेशोत्सव का पहला चरण शुरू कर दिया है। प्रवेशोत्सव के साथ ही शिक्षकों को रोजाना नए नामांकन की सूचना पोर्टल पर अपलोड करनी है।
विभागीय अधिकारी आदेश जारी करते समय यह नहीं सोचते की उनका आदेश प्रैक्टिकल रूप में कितना प्रभावी होगा। -शशिभूषण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
शिक्षकों पर इतनी बंदिशें लगा दी हैं कि उन्हें परिणाम जल्दबाजी में तैयार करना होगा। सीधा नुकसान बच्चों को होगा। ऐसे में परिणाम में गलती की संभावना रहेगी।
-यतीश चंद्र शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राज. शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ
परीक्षा समाप्ति के साथ ही उत्तर पुस्तिकाएं जांच का काम प्रारंभ हो जाता है। इसलिए शिक्षकों को परिणाम तैयार करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
-पीसी किशन, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा
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