कार्यालय संवाददाता | गंगापुर सिटी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी
कार्यकर्ता गुरुवार को जिला मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश में सातवां वेतन
आयोग एक जनवरी 2016 से लागू करने, केंद्र के अनुरूप वेतन भत्ते देने सहित
सात सूत्रीय मांगों का निराकरण कराने के संबंध में धरना प्रदर्शन किया। बाद
में मांगों को शीघ्र पूरा करने के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर
को ज्ञापन सौंपा।
पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू किया गया लेकिन इसका लाभ एक जनवरी 2017 से दिए जाने की घोषणा की गई है जबकि केंद्र में सातवें वेतन आयोग का लाभ एक जनवरी 2016 से ही दिया गया है। इतना ही नहींं राज्य सरकार ने प्रदेश में सातवें वेतन आयोग में राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन भत्ते भी स्वीकृत नहीं किए है।
इससे प्रदेश के करीब 8 लाख राज्य कर्मचारियों तथा करीब 4 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू किया जाए तथा वेतन भत्ते भी केंद्र के समान दिए जाएं। साथ ही सात सूत्रीय मांग पत्र का भी शीघ्र निराकरण किया जाए अन्यथा कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। धरना को संबोधित करते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का एक वर्ष का पैसा हड़पना चाहती है। इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। कर्मचारियों के साल भर के परिलाभ, वेतन भत्ते एरियर काटने से कर्मचारियों के परिवार तो भूखे नहीं मरेंगे लेकिन सरकार को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पत्र भेजने वालों में लड्डूलाल लोधा, राधेश्याम प्रजापत, रामबाबू शर्मा, अशोक, राजेंद्र शर्मा, राजेंद्र गुप्ता, श्यामलाल शर्मा, सचिन जैन, शिवशंकर शर्मा, अशोक पाठक, बच्चूलाल बैरवा, मो. जाकिर, ओमप्रकाश, नगेंद्र शर्मा आदि शामिल थे। इसी प्रकार राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम की ओर से भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर कर सातवां वेतनमान एक जनवरी 2016 से केंद्र के शिक्षकों के समान नकद दिलवाने की मांग की।
गंगापुर सिटी. सातवेंवेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 16 से लागू करने की मांग को लेकर धरने को संबोधित करते कर्मचारी नेता।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार के अनुरूप एक जनवरी 2016 से शीघ्र लागू की जाए तथा सभी परिलाभ देते हुए एरियर का नकद भुगतान किया जाए, राज्य सरकार की अधिसूचना 30 अक्टूबर17 द्वारा अनुसूची 5 में किए गए संशोधनों को निरस्त कर वित्त विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना 28 जून 13 के शेड्यूल 5 में ग्रेड पे के अनुसार निर्धारित मूल वेतन के आधार पर ही मूल वेतन देते हुए पे मेट्रिक्स निर्धारित की जाए, सातवें वेतन आयोग के संबंध में जारी अधिसूचना में स्वीकृत पे मेट्रिक्स में शीघ्र संशोधन कर केंद्र सरकार द्वारा जारी पे मेट्रिक्स के समान की जाए, वर्ष 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना शीघ्र लागू की जाए, सुराज संकल्प सत्र 2013 में कर्मचारी कल्याण के लिए की गई घोषणाओं की क्रियान्विति में सभी अधीनस्थ मंत्रालयिक एवं अन्य संवर्गों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं तथा रिक्त पदों को भरते हुए राज्य सरकार के अधीन अस्थायी, संविदा, मानदेय के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए तथा सभी चुनावी वादे पूरे किए जाएं, न्यायालयों द्वारा कर्मचारियों के हित में दिए गए सभी निर्णयों की पालना सुनिश्चित की जाए तथा राज्य में पीपीपी, विभागों का आकार घटना तथा पदों की कटौती बंद की जाए।
पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू किया गया लेकिन इसका लाभ एक जनवरी 2017 से दिए जाने की घोषणा की गई है जबकि केंद्र में सातवें वेतन आयोग का लाभ एक जनवरी 2016 से ही दिया गया है। इतना ही नहींं राज्य सरकार ने प्रदेश में सातवें वेतन आयोग में राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन भत्ते भी स्वीकृत नहीं किए है।
इससे प्रदेश के करीब 8 लाख राज्य कर्मचारियों तथा करीब 4 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू किया जाए तथा वेतन भत्ते भी केंद्र के समान दिए जाएं। साथ ही सात सूत्रीय मांग पत्र का भी शीघ्र निराकरण किया जाए अन्यथा कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। धरना को संबोधित करते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का एक वर्ष का पैसा हड़पना चाहती है। इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। कर्मचारियों के साल भर के परिलाभ, वेतन भत्ते एरियर काटने से कर्मचारियों के परिवार तो भूखे नहीं मरेंगे लेकिन सरकार को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पत्र भेजने वालों में लड्डूलाल लोधा, राधेश्याम प्रजापत, रामबाबू शर्मा, अशोक, राजेंद्र शर्मा, राजेंद्र गुप्ता, श्यामलाल शर्मा, सचिन जैन, शिवशंकर शर्मा, अशोक पाठक, बच्चूलाल बैरवा, मो. जाकिर, ओमप्रकाश, नगेंद्र शर्मा आदि शामिल थे। इसी प्रकार राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम की ओर से भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर कर सातवां वेतनमान एक जनवरी 2016 से केंद्र के शिक्षकों के समान नकद दिलवाने की मांग की।
गंगापुर सिटी. सातवेंवेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 16 से लागू करने की मांग को लेकर धरने को संबोधित करते कर्मचारी नेता।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार के अनुरूप एक जनवरी 2016 से शीघ्र लागू की जाए तथा सभी परिलाभ देते हुए एरियर का नकद भुगतान किया जाए, राज्य सरकार की अधिसूचना 30 अक्टूबर17 द्वारा अनुसूची 5 में किए गए संशोधनों को निरस्त कर वित्त विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना 28 जून 13 के शेड्यूल 5 में ग्रेड पे के अनुसार निर्धारित मूल वेतन के आधार पर ही मूल वेतन देते हुए पे मेट्रिक्स निर्धारित की जाए, सातवें वेतन आयोग के संबंध में जारी अधिसूचना में स्वीकृत पे मेट्रिक्स में शीघ्र संशोधन कर केंद्र सरकार द्वारा जारी पे मेट्रिक्स के समान की जाए, वर्ष 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना शीघ्र लागू की जाए, सुराज संकल्प सत्र 2013 में कर्मचारी कल्याण के लिए की गई घोषणाओं की क्रियान्विति में सभी अधीनस्थ मंत्रालयिक एवं अन्य संवर्गों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं तथा रिक्त पदों को भरते हुए राज्य सरकार के अधीन अस्थायी, संविदा, मानदेय के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए तथा सभी चुनावी वादे पूरे किए जाएं, न्यायालयों द्वारा कर्मचारियों के हित में दिए गए सभी निर्णयों की पालना सुनिश्चित की जाए तथा राज्य में पीपीपी, विभागों का आकार घटना तथा पदों की कटौती बंद की जाए।
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