सातवें वेतनमान की विसंगतियों के विरोध में राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम)
से जुडे शिक्षकों ने गुरुवार को डाइट परिसर से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली।
जहां नारेबाजी के साथ विरोध-प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर
को दो सूत्रीय मांगपत्र भी सौंपा।
जिला मंत्री लज्जाराम गुर्जर ने बताया कि प्रांतीय आह्वान पर प्रत्येक जिले में शिक्षकों ने सातवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की मांग के लिए जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीना के नेतृत्व में सरकार को ज्ञापन दिया है। जिसमें सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से दिलाने तथा एरियर का नकद भुगतान भी कराया जाए और छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी है। रैली को प्रा.शि. के प्रदेशाध्यक्ष रामदयाल मीना ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान तेजराम मीना, पूरणमल जाटव, शिवचरण मीना, लेखराम मीना, सेवाराम मीना, महेंद्र मिश्र, भूर सिंह यादव, राजेंद्रसिंह तोमर, आनंदवर्द्धन मीना, प्रहलाद मीना, धर्मराज मीना, रोहित मीना, कमल, धर्मराज जांगिड़, राजेश गौड़, विजेंद्र खटाना, रामराज चौधरी, रमेश डूडीपुरा, देवेंद्र शर्मा, बाबूलाल मीना, मुनेश मीना, विश्राम मीना, मुकेश, हरिसिंह, गोपीसहाय, श्रीमोहन, लखनलाल, रामदास, बृजमोहन वेदप्रकाश शर्मा आदि मौजूद थे।
राज्यकर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी सौंपा ज्ञापन : सातवेंवेतन आयोग में रही विसंगतियों को दूर करने के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जिला शाखा करौली के संयोजक आयुदानसिंह कविया सहसंयोजक गजेंद्रसिंह राठौड़ के निर्देशन में कार्मिकों की गुरुवार को यहां सिटी पार्क में बैठक हुई। इसके बाद रेसला जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार मीना कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
जिला मंत्री के.के.सोनी ने बताया कि सात सूत्रीय मांगपत्र में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार के अनुरूप 1 जनवरी 2016 से शीघ्र लागू करने सभी परिलाभ देते हुए एरियर का नकद भुगतान करने, राज्य सरकार की अधिसूचना 30 अक्टूबर द्वारा अनुसूची-5 में किए गए संशोधनों को निरस्त कर वित्त विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना 28 जून 2013 के शेड्यूल-वी में ग्रेड पे के अनुसार निर्धारित मूल वेतन के आधार पर ही एंट्री पे देते हुए पे मैट्रिक्स निर्धारित करने, वर्ष 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना एनपीएस के स्थान पर शीघ्र पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। सुराज संकल्प पत्र में कर्मचारियों के लिए की गई घोषणाओं की क्रियान्विति हो और न्यायालयों के निर्णय की पालना सुनिश्चित करने एवं राज्य में पीपीपी मोड पर ठेका प्रथा, निजीकरण, विभागों के आकार घटाने पदों की कटौती बंद किए जाने की प्रमुख रूप से मांग की गई हैं।
जिला मंत्री लज्जाराम गुर्जर ने बताया कि प्रांतीय आह्वान पर प्रत्येक जिले में शिक्षकों ने सातवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की मांग के लिए जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीना के नेतृत्व में सरकार को ज्ञापन दिया है। जिसमें सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से दिलाने तथा एरियर का नकद भुगतान भी कराया जाए और छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी है। रैली को प्रा.शि. के प्रदेशाध्यक्ष रामदयाल मीना ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान तेजराम मीना, पूरणमल जाटव, शिवचरण मीना, लेखराम मीना, सेवाराम मीना, महेंद्र मिश्र, भूर सिंह यादव, राजेंद्रसिंह तोमर, आनंदवर्द्धन मीना, प्रहलाद मीना, धर्मराज मीना, रोहित मीना, कमल, धर्मराज जांगिड़, राजेश गौड़, विजेंद्र खटाना, रामराज चौधरी, रमेश डूडीपुरा, देवेंद्र शर्मा, बाबूलाल मीना, मुनेश मीना, विश्राम मीना, मुकेश, हरिसिंह, गोपीसहाय, श्रीमोहन, लखनलाल, रामदास, बृजमोहन वेदप्रकाश शर्मा आदि मौजूद थे।
राज्यकर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी सौंपा ज्ञापन : सातवेंवेतन आयोग में रही विसंगतियों को दूर करने के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जिला शाखा करौली के संयोजक आयुदानसिंह कविया सहसंयोजक गजेंद्रसिंह राठौड़ के निर्देशन में कार्मिकों की गुरुवार को यहां सिटी पार्क में बैठक हुई। इसके बाद रेसला जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार मीना कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
जिला मंत्री के.के.सोनी ने बताया कि सात सूत्रीय मांगपत्र में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार के अनुरूप 1 जनवरी 2016 से शीघ्र लागू करने सभी परिलाभ देते हुए एरियर का नकद भुगतान करने, राज्य सरकार की अधिसूचना 30 अक्टूबर द्वारा अनुसूची-5 में किए गए संशोधनों को निरस्त कर वित्त विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना 28 जून 2013 के शेड्यूल-वी में ग्रेड पे के अनुसार निर्धारित मूल वेतन के आधार पर ही एंट्री पे देते हुए पे मैट्रिक्स निर्धारित करने, वर्ष 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना एनपीएस के स्थान पर शीघ्र पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। सुराज संकल्प पत्र में कर्मचारियों के लिए की गई घोषणाओं की क्रियान्विति हो और न्यायालयों के निर्णय की पालना सुनिश्चित करने एवं राज्य में पीपीपी मोड पर ठेका प्रथा, निजीकरण, विभागों के आकार घटाने पदों की कटौती बंद किए जाने की प्रमुख रूप से मांग की गई हैं।
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