करौली। वर्ष 2015 में भर्ती हुए शिक्षकों के
स्थायीकरण एवं वेतन वृद्धि की मांग को लेकर जिला परिषद कार्यालय पर
प्रदर्शन किया और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।
इसके बाद शिक्षक जलदाय विभाग की टंकी पर चढ़ गए और टंकी प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शिक्षकों को समझाइश कर नीचे उतारा। बाद में मांगों को लेकर सपोटरा विधायक रमेश मीना को ज्ञापन भी सौंपा।
शिक्षकों ने बताया कि वर्ष 2013 की शिक्षक भर्ती परीक्षा के अंतर्गत होने के कारण 2015 में नियुक्ति मिली, लेकिन अब तक उनका स्थायीकरण नहीं हुआ है, और न ही वेतन वृद्धि हुई है, जबकि प्रदेश के अन्य 24 जिलों में शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतन वृद्धि हो चुकी है, लेकिन करौली जिले के जिला परिषद अधिकारियों की अनदेखी के कारण उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि उन्हें मिल रहे 13000 रुपए मासिक वेतन में परिवार का गुजारा नहीं हो रहा है। इसके अलावा वेतन भी छह- छह माह में मिलता है। शिक्षकों ने बताया कि मिड-डे मील का पैसा समय पर नहीं आने से उन्हें जेब से पैसा खर्च कर के स्कूलों में मिड-डे मील बनाना पड़ रहा है। शिक्षकों ने अधिकारियों पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए सपोटरा विधायक रमेश मीना को ज्ञापन सौंपा।
इसके बाद शिक्षक जलदाय विभाग की टंकी पर चढ़ गए और टंकी प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शिक्षकों को समझाइश कर नीचे उतारा। बाद में मांगों को लेकर सपोटरा विधायक रमेश मीना को ज्ञापन भी सौंपा।
शिक्षकों ने बताया कि वर्ष 2013 की शिक्षक भर्ती परीक्षा के अंतर्गत होने के कारण 2015 में नियुक्ति मिली, लेकिन अब तक उनका स्थायीकरण नहीं हुआ है, और न ही वेतन वृद्धि हुई है, जबकि प्रदेश के अन्य 24 जिलों में शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतन वृद्धि हो चुकी है, लेकिन करौली जिले के जिला परिषद अधिकारियों की अनदेखी के कारण उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि उन्हें मिल रहे 13000 रुपए मासिक वेतन में परिवार का गुजारा नहीं हो रहा है। इसके अलावा वेतन भी छह- छह माह में मिलता है। शिक्षकों ने बताया कि मिड-डे मील का पैसा समय पर नहीं आने से उन्हें जेब से पैसा खर्च कर के स्कूलों में मिड-डे मील बनाना पड़ रहा है। शिक्षकों ने अधिकारियों पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए सपोटरा विधायक रमेश मीना को ज्ञापन सौंपा।
No comments:
Post a Comment