जयपुर.आदेश
जारी होने के दस दिन के भीतर राज्य के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों का
सातवें वेतनमान के तहत फिक्सेशन कर दिया गया है। इनका फिक्सेशन सही हुआ या
गलत। राज्य के एक-एक अफसरों से ईमेल के जरिए सूचना भेजकर कार्मिक विभाग
फीडबैक ले रहा है। कार्मिक विभाग ने पहली बार यह प्रयोग शुरू किया है,
जिससे किसी भी अफसर को अपने फिक्सेशन की खामियों को दूर कराने के लिए
सचिवालय का चक्कर न काटना पड़े।
राज्य
के कर्मचारी अभी 21 माह का एरियर को लेकर प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन कर
कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य की ब्यूरोक्रेसी का वेतनमान का फिक्सेशन
युद्ध स्तर पर कर दिया गया। फिक्सेशन ठीक हुआ या कोई गलती रह गई है। यह पता
लगाने के लिए राज्य के 550 से अधिक अफसरों को ईमेल भेजने की प्रक्रिया
शुरू कर दी गई है। अब जैसे-जैसे अफसरों की आपत्तियां अाती जाएंगी, उसे
कार्मिक विभाग के स्तर पर सुधार किया जाएगा।
एरियर न देने के विरोध में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन
सातवें
वेतनमान में कर्मचारियों को 21 माह का एरियर न देने के विरोध में कर्मचारी
संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन
किया। मांग की गई कि एक जनवरी 2016 से एरियर एवं केंद्र के अनुरूप वेतन
भत्ते देने की मांग करते हुए 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर के
जरिए सीएम को भेजा।
उधर, 21 एरियर देने की मांग को लेकर राजस्थान
शिक्षक संघ (सियाराम) ने भी प्रदर्शन कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इससे
पहले बनीपार्क स्थित महारानी स्कूल से शिक्षकों की रैली निकाली गई
सीएमओ से वार्ता करेगा कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत
राज्य
कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के पदाधिकारी जल्द ही मुख्यमंत्री
कार्यालय में एरियर और कटौती के मामले में वार्ता करेंगे। महासंघ के
प्रवक्ता अवधेश पारीक ने बताया कि वेतन आयोग की अधिसूचना पर वित्त विभाग के
अधिकारियों से प्रमुख बिंदुओं पर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। इस पर
वित्त विभाग ने स्पष्टीकरण देने का भरोसा दिया है।
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