शिक्षा निदेशालय बीकानेर की ओर से शिक्षकों को समय पर भुगतान करने के
डीईओ को दिए आदेश के बावजूद जिले में प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों को समय
पर भुगतान करने का ढर्रा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी सैंपऊ के अधीन कार्यरत अनेक शिक्षकों को आज भी पिछले 6 से 8 महीने के वेतन के लिए भटकना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यही नहीं कई शिक्षकों की पिछले साल किसी एक माह की या इस साल किसी महीने की बेबजह वेतन रोक रखी है। जिससे शिक्षकों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। पंचायत समिति धौलपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नटपुरा की महिला शिक्षिका को पिछले सात महीनों से बेतन नसीब नहीं हो रहा है। सैंपऊ पंचायत समिति यूपीएस मढ़ा की अल्प वेतन भोगी महिला पैराटीचर को तो जनबरी से वेतन नहीं मिल सका है।
अध्यापिका एकता ने बताया कि 20 जून से 12 दिसम्बर 16 तक प्रसूती अवकाश पर रही सारे कागजात बीईईओ ऑफिस में समय पर जमा करा दिए फिर भी सात महीनों से वेतन रोक रखा है। यह स्थिति इन्ही शिक्षिकाओं के साथ नहीं हैं। जिले के कई अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं को भी पिछले छह से आठ माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे। सिस्टम में गड़बड़ी होने का बहाना बताकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी जाती है।
पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के लिए परिबार का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है, लेकिन उनकी समस्या के निस्तारण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे शिक्षक परिवारों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। यहीं नहीं अनेक शिक्षकों को लालफीताशाही की मेहरबानी के चलते पिछले महीनों का वेतन भी रोक रखा एवं पिछले बर्ष एवं इस सत्र में राज्य सरकार की ओर से बढाए गए डीए एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया।
नगलापूठ की स्वेता शर्मा को पिछले साल नवंबर माह एक माह के प्रसूती अवकाश की अवधि का वेतन नहीं दिया। यूपीएस हैदलपुर की विमला गुर्जर को पिछले बर्ष अक्टूबर गौतमचन्द को फ़रवरी माह का, नगला तलैया के भीकम का फरवरी अप्रैल का, नगला भदौरिया की शालिनी जैन का फ़रवरी से जून तक, उमरारा की जगबीरी का फ़रवरी, जुलाई अगस्त, कासगंज के इंद्रजीत, नोरंगाबाद के शिव कुमार बिशम्बर का फ़रवरी, सरसा के जडेलसिंह जून से अगस्त तक की पगार अभी तक नहीं दी गई है। वेतन मिलने से इन शिक्षक परिवारों को मुफलिसी के दौर का सामना करना पड़ रहा।
केस: 1
राउप्राविमढ़ा पंचायत समिति की मंजू अग्रवल को जनबरी से बेतन नसीब नहीं हुआ है। कई बार प्रार्थना पत्र दे दिया गया। बीईईओ ऑफिस से कह दिया जाता है आपका वेतन किसी ओर शिक्षिका के खाते में चला गया है दिलवाते हैं। वेतन मिलने से आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
केस:2
पंचायतसमिति बसेड़ी के राउप्रावि बीलोनी के अशोक कुमार शर्मा एंव प्राथमिक विद्यालय रामबक्स का पुरा के रामवीर सिंह मीणा को पिछले मार्च से वेतन नहीं मिला है। ऑफिस की ओर से पे मैनेजर में गड़बड़ी का कारण बताया जाता है। जबकि शिक्षकों का आरोप है बाबूओं ने जानबूझकर डाटा में छेड़खानी की है। उसे सही नहीं किया जा रहा और छह माह से वेतन नहीं दिया जा रहा। वेतन भुगतान को लेकर कार्यालय के चक्कर लगा कर थक चुके पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
केस: 3
पंचायतसमिति बाड़ी के राप्रावि मोहरु का पुरा के मुकेश कुमार मीणा की स्थिति भी यही है इनको भी सिस्टम में गड़बड़ी बताकर मार्च से वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। यही हाल यूपीएस बदरेठा लक्ष्मीनारायण को भी मई से अगस्त तक चार माह का वेतन अभी तक नहीं दिया जा रहा है।
केस:4
पंचायतसमिति सैंपऊ के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बड़ी नगरीया के दिनेश कुमार को भी मार्च से पीएस मठ केंथरी के मोहन सिंह को मई से वेतन नहीं दिया गया है।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी सैंपऊ के अधीन कार्यरत अनेक शिक्षकों को आज भी पिछले 6 से 8 महीने के वेतन के लिए भटकना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यही नहीं कई शिक्षकों की पिछले साल किसी एक माह की या इस साल किसी महीने की बेबजह वेतन रोक रखी है। जिससे शिक्षकों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। पंचायत समिति धौलपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नटपुरा की महिला शिक्षिका को पिछले सात महीनों से बेतन नसीब नहीं हो रहा है। सैंपऊ पंचायत समिति यूपीएस मढ़ा की अल्प वेतन भोगी महिला पैराटीचर को तो जनबरी से वेतन नहीं मिल सका है।
अध्यापिका एकता ने बताया कि 20 जून से 12 दिसम्बर 16 तक प्रसूती अवकाश पर रही सारे कागजात बीईईओ ऑफिस में समय पर जमा करा दिए फिर भी सात महीनों से वेतन रोक रखा है। यह स्थिति इन्ही शिक्षिकाओं के साथ नहीं हैं। जिले के कई अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं को भी पिछले छह से आठ माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे। सिस्टम में गड़बड़ी होने का बहाना बताकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी जाती है।
पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के लिए परिबार का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है, लेकिन उनकी समस्या के निस्तारण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे शिक्षक परिवारों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। यहीं नहीं अनेक शिक्षकों को लालफीताशाही की मेहरबानी के चलते पिछले महीनों का वेतन भी रोक रखा एवं पिछले बर्ष एवं इस सत्र में राज्य सरकार की ओर से बढाए गए डीए एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया।
नगलापूठ की स्वेता शर्मा को पिछले साल नवंबर माह एक माह के प्रसूती अवकाश की अवधि का वेतन नहीं दिया। यूपीएस हैदलपुर की विमला गुर्जर को पिछले बर्ष अक्टूबर गौतमचन्द को फ़रवरी माह का, नगला तलैया के भीकम का फरवरी अप्रैल का, नगला भदौरिया की शालिनी जैन का फ़रवरी से जून तक, उमरारा की जगबीरी का फ़रवरी, जुलाई अगस्त, कासगंज के इंद्रजीत, नोरंगाबाद के शिव कुमार बिशम्बर का फ़रवरी, सरसा के जडेलसिंह जून से अगस्त तक की पगार अभी तक नहीं दी गई है। वेतन मिलने से इन शिक्षक परिवारों को मुफलिसी के दौर का सामना करना पड़ रहा।
केस: 1
राउप्राविमढ़ा पंचायत समिति की मंजू अग्रवल को जनबरी से बेतन नसीब नहीं हुआ है। कई बार प्रार्थना पत्र दे दिया गया। बीईईओ ऑफिस से कह दिया जाता है आपका वेतन किसी ओर शिक्षिका के खाते में चला गया है दिलवाते हैं। वेतन मिलने से आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
केस:2
पंचायतसमिति बसेड़ी के राउप्रावि बीलोनी के अशोक कुमार शर्मा एंव प्राथमिक विद्यालय रामबक्स का पुरा के रामवीर सिंह मीणा को पिछले मार्च से वेतन नहीं मिला है। ऑफिस की ओर से पे मैनेजर में गड़बड़ी का कारण बताया जाता है। जबकि शिक्षकों का आरोप है बाबूओं ने जानबूझकर डाटा में छेड़खानी की है। उसे सही नहीं किया जा रहा और छह माह से वेतन नहीं दिया जा रहा। वेतन भुगतान को लेकर कार्यालय के चक्कर लगा कर थक चुके पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
केस: 3
पंचायतसमिति बाड़ी के राप्रावि मोहरु का पुरा के मुकेश कुमार मीणा की स्थिति भी यही है इनको भी सिस्टम में गड़बड़ी बताकर मार्च से वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। यही हाल यूपीएस बदरेठा लक्ष्मीनारायण को भी मई से अगस्त तक चार माह का वेतन अभी तक नहीं दिया जा रहा है।
केस:4
पंचायतसमिति सैंपऊ के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बड़ी नगरीया के दिनेश कुमार को भी मार्च से पीएस मठ केंथरी के मोहन सिंह को मई से वेतन नहीं दिया गया है।
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