अजमेर.राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले शिक्षकों की लापरवाही उजागर हुई है। मामला बोर्ड की कक्षा 12वीं विज्ञान वर्ग की अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिकाओं से जुड़ा है।
इस विषय की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले शिक्षक ने सात विद्यार्थियों को पहले कुछ और अंक दिए और बाद में उन्हें व्हाइटनर से मिटा कर कम कर दिए। ऐसे में इन विद्यार्थियों की उत्तीर्ण श्रेणी पर भी असर पड़ा और अच्छे कॉलेज में भी एडमिशन नहीं मिल पाया। शिक्षक की लापरवाही का ही नतीजा है कि दो विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा पुन: देने पर विवश हो रहे हैं। यह मामला बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी तक भी पहुंचा है। लेकिन फिलहाल बोर्ड ने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया है। बोर्ड तक पहुंची जानकारी के अनुसार ये सभी विद्यार्थी 12वीं विज्ञान वर्ग के हैं और इनका आरोप है कि शिक्षक की लापरवाही के उनके भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। विद्यार्थियों और उनके शिक्षकों ने धांधली का भी आरोप लगाया है।
लापरवाही का पता ऐसे लगा
वर्ष 2017 मुख्य परीक्षा 12वीं विज्ञान वर्ग के रोल नंबर 2647398 से 2647561 तक के इन विद्यार्थियों ने परिणाम आने के बाद अपने अंग्रेजी में अंक देखे तो इन्हें विश्वास नहीं हुआ। उन्हें 35 से 70 तक अंक मिले, जबकि इन विद्यार्थियों के वैकल्पिक विषयों में 81 से 92 प्रतिशत तक अंक मिले हैं। अंग्रेजी में कम अंक मिलने और अपने परिणाम से असंतुष्ट इन विद्यार्थियों ने बोर्ड से अपनी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन प्रति निकलवाईं। इन उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन प्रति को देख कर विद्यार्थियों के होश उड़ गए। उत्तर पुस्तिका जांचने वाले शिक्षक ने ऐसा लगता है कि जानबूझ कर गड़बडिय़ां की हैं।
यदि किसी शिक्षक ने उत्तर पुस्तिका की जांच में लापरवाही बरती है और जांच के बाद इसकी पुष्टि हो जाएगी। बोर्ड ऐसे शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा और उसे डीबार कर दिया जाएगा।
- प्रो. बीएल चौधरी, अध्यक्ष, माशिबो
प्रकरण 1 : नाम-महिपाल, रोल नंबर-2647454
प्रश्न वार प्राप्तांकों की सारिणी का अवलोकन करने पर पता चलता है कि दो अलग-अलग परीक्षकों ने इसमें अंक भरे हैं। छात्र का आरोप है कि प्रश्न संख्या 1 पर 4 अलग तरह से अंकित है और प्रश्न संख्या 5 पर 4 अलग तरह से अंकित है। प्रश्न सात पर तीन जगह 1-1 अंक देने के बाद उसे बाद में शून्य बनाया गया है। ऐसी ही स्थिति 9 नंबर प्रश्न में दिए अंक पर भी देखने को मिलती है। यहां पहले आधा अंक दिया गया बाद में व्हाइटनर लगा कर शून्य किया गया है। 12वें प्रश्न पर भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है।
प्रकरण 2 : नाम-मनीष कुमार महला, रोल नंबर-2647457
प्रश्न वार प्राप्तांकों की सारिणी में प्रश्न संख्या 4 पर व्हाइटनर लगा कर 3 अंक दिए गए हैं। प्रश्न 12 पर भी मिटा कर कुछ और अंक दिए गए हैं। अंदर उत्तर पुस्तिका में प्रश्नों के उत्तरों में पहले कुछ और अंक दिए गए बाद में उन्हें काट कर शून्य किया गया है।
प्रकरण 3 : नाम - लाला राम बाजिया, रोल नंबर 2647450
वैकल्पिक विषयों में 82.33 प्रतिशत अंक, लेकिन अंग्रेजी में मिले 66 ही। उत्तर पुस्तिका में प्रश्न संख्या 8 और 9 में पूर्व में दिए अंक को काट कर बाद में कम किए गए हैं। इसके निशान स्पष्ट नजर आ रहे हैं।
प्रकरण 4 : नाम - शारदा गोदारा, रोल नंबर 2647524
वैकल्पिक विषयों में 91.67 प्रतिशत अंक और अंग्रेजी में मिले 66 प्रतिशत। उत्तर पुस्तिका के मुख पृष्ठ पर स्थित प्रश्न वार प्राप्तांकों की सारिणी में प्रश्न संख्या 2 पर दिए चार अंक और प्रश्न संख्या 6 व 10 पर दिए चार अंकों में अंतर है। परीक्षार्थियों का आरोप है कि यह दो अलग-अलग परीक्षकों ने अंक दिए हैं। संभव है यह बाद में अंक कम किए गए हों।
इस विषय की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले शिक्षक ने सात विद्यार्थियों को पहले कुछ और अंक दिए और बाद में उन्हें व्हाइटनर से मिटा कर कम कर दिए। ऐसे में इन विद्यार्थियों की उत्तीर्ण श्रेणी पर भी असर पड़ा और अच्छे कॉलेज में भी एडमिशन नहीं मिल पाया। शिक्षक की लापरवाही का ही नतीजा है कि दो विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा पुन: देने पर विवश हो रहे हैं। यह मामला बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी तक भी पहुंचा है। लेकिन फिलहाल बोर्ड ने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया है। बोर्ड तक पहुंची जानकारी के अनुसार ये सभी विद्यार्थी 12वीं विज्ञान वर्ग के हैं और इनका आरोप है कि शिक्षक की लापरवाही के उनके भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। विद्यार्थियों और उनके शिक्षकों ने धांधली का भी आरोप लगाया है।
लापरवाही का पता ऐसे लगा
वर्ष 2017 मुख्य परीक्षा 12वीं विज्ञान वर्ग के रोल नंबर 2647398 से 2647561 तक के इन विद्यार्थियों ने परिणाम आने के बाद अपने अंग्रेजी में अंक देखे तो इन्हें विश्वास नहीं हुआ। उन्हें 35 से 70 तक अंक मिले, जबकि इन विद्यार्थियों के वैकल्पिक विषयों में 81 से 92 प्रतिशत तक अंक मिले हैं। अंग्रेजी में कम अंक मिलने और अपने परिणाम से असंतुष्ट इन विद्यार्थियों ने बोर्ड से अपनी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन प्रति निकलवाईं। इन उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन प्रति को देख कर विद्यार्थियों के होश उड़ गए। उत्तर पुस्तिका जांचने वाले शिक्षक ने ऐसा लगता है कि जानबूझ कर गड़बडिय़ां की हैं।
यदि किसी शिक्षक ने उत्तर पुस्तिका की जांच में लापरवाही बरती है और जांच के बाद इसकी पुष्टि हो जाएगी। बोर्ड ऐसे शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा और उसे डीबार कर दिया जाएगा।
- प्रो. बीएल चौधरी, अध्यक्ष, माशिबो
प्रकरण 1 : नाम-महिपाल, रोल नंबर-2647454
प्रश्न वार प्राप्तांकों की सारिणी का अवलोकन करने पर पता चलता है कि दो अलग-अलग परीक्षकों ने इसमें अंक भरे हैं। छात्र का आरोप है कि प्रश्न संख्या 1 पर 4 अलग तरह से अंकित है और प्रश्न संख्या 5 पर 4 अलग तरह से अंकित है। प्रश्न सात पर तीन जगह 1-1 अंक देने के बाद उसे बाद में शून्य बनाया गया है। ऐसी ही स्थिति 9 नंबर प्रश्न में दिए अंक पर भी देखने को मिलती है। यहां पहले आधा अंक दिया गया बाद में व्हाइटनर लगा कर शून्य किया गया है। 12वें प्रश्न पर भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है।
प्रकरण 2 : नाम-मनीष कुमार महला, रोल नंबर-2647457
प्रश्न वार प्राप्तांकों की सारिणी में प्रश्न संख्या 4 पर व्हाइटनर लगा कर 3 अंक दिए गए हैं। प्रश्न 12 पर भी मिटा कर कुछ और अंक दिए गए हैं। अंदर उत्तर पुस्तिका में प्रश्नों के उत्तरों में पहले कुछ और अंक दिए गए बाद में उन्हें काट कर शून्य किया गया है।
प्रकरण 3 : नाम - लाला राम बाजिया, रोल नंबर 2647450
वैकल्पिक विषयों में 82.33 प्रतिशत अंक, लेकिन अंग्रेजी में मिले 66 ही। उत्तर पुस्तिका में प्रश्न संख्या 8 और 9 में पूर्व में दिए अंक को काट कर बाद में कम किए गए हैं। इसके निशान स्पष्ट नजर आ रहे हैं।
प्रकरण 4 : नाम - शारदा गोदारा, रोल नंबर 2647524
वैकल्पिक विषयों में 91.67 प्रतिशत अंक और अंग्रेजी में मिले 66 प्रतिशत। उत्तर पुस्तिका के मुख पृष्ठ पर स्थित प्रश्न वार प्राप्तांकों की सारिणी में प्रश्न संख्या 2 पर दिए चार अंक और प्रश्न संख्या 6 व 10 पर दिए चार अंकों में अंतर है। परीक्षार्थियों का आरोप है कि यह दो अलग-अलग परीक्षकों ने अंक दिए हैं। संभव है यह बाद में अंक कम किए गए हों।
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