भरतपुर | माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अस्थायी सूची में
परिवेदनाओं के आधार पर थोड़ा फेरबदल कर निदेशालय को 1209 ग्रेड थर्ड
शिक्षकों के प्रमोशन का प्रस्ताव भेज दिया है। इसके बाद भी करौली,
सवाईमाधोपुर, धौलपुर जिले के काफी संख्या में शिक्षक परिवेदना लेकर बुधवार
को उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा के कार्यालय में चक्कर काटते रहे।
अगर अब स्थायी पात्रता सूची में जिन शिक्षकों का नाम नहीं आया है तो उनका परिवेदना देने के बाद रिव्यू डीपीसी में ही नाम सकेगा। अगस्त माह में काउंसलिंग के बाद संभाग के चारों जिलों में 1209 सेकंड ग्रेड शिक्षक मिल जाएंगे। लेकिन उतने ही ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पद भी खाली हो जाएंगे।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से 19 जुलाई को संभाग के 6530 ग्रेड थर्ड शिक्षकों का सेकंड ग्रेड शिक्षक के पद पर प्रमोशन करने के लिए अस्थायी सूची निकाली थी। इस सूची के बाद से ही शिक्षक संगठन हंगामा कर रहे हैं। प्रदेश के हर मंडल में अस्थायी सूची बहुत पहले ही निकाल कर स्थायी सूची पर परिवेदना ली गई।
लेकिन यहां समय पर काम नहीं होने के कारण आनन-फानन में अस्थायी पात्रता सूची निकाली गई। फिर विभाग के कैलेंडर अनुसार स्थायी पात्रता सूची बनाकर निदेशालय को प्रस्ताव भी भेज दिया गया। जहां से 1209 ग्रेड थर्ड शिक्षकों की डीपीसी का प्रस्ताव आरपीएससी को भेजा जाएगा। इसके बाद स्वीकृति मिलते ही काउंसलिंग की तारीख निर्धारित होगी।
6530 शिक्षक और परिवेदना मात्र 350
अस्थायीपात्रता सूची में 6530 ग्रेड थर्ड शिक्षकों को शामिल किया गया। लेकिन रोचक बात यह है कि संभाग के चारों जिलों से मात्र 350 परिवेदना आईं। परिवेदनाओं अस्थायी पात्रता सूची से स्थायी में नाम शामिल करने का मामला अभी भी रहस्य बना हुआ है। क्योंकि अधिकारियों का दावा है कि परिवेदनाएं 21 जुलाई तक मांगी गई थी।
लेकिन 23 जुलाई तक परिवेदनाएं आई हैं। इसके बाद अब स्थायी पात्रता सूची में जिन पात्र शिक्षकों के नाम नहीं आए हैं। उनका नाम भी रिव्यू डीपीसी में शामिल होगा। जबकि स्थायी पात्रता सूची जारी करने के बाद भी परिवेदनाएं मांगी जानी चाहिए थी।
1209 सेकंड ग्रेड शिक्षक मिलेंगे और उतने ही तृतीय श्रेणी के पद खाली होंगे:
जान कर आश्चर्य होगा कि जिले 10 ब्लॉक में तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम के 3428 में से 811, लेवल द्वितीय के 1681 में से 711 पद सालों से खाली चल रहे हैं। अब संभाग के 1209 ग्रेड थर्ड शिक्षकों की डीपीसी हो जाएगा। इनमें 450 से ज्यादा शिक्षक मात्र जिले के ही होंगे। ऐसे में अब जिले में दो हजार से ज्यादा ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पद भी खाली हो जाएंगे।
जबकि राज्य सरकार ने अभी तक ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पद भरने के लिए कोई भर्ती तक नहीं निकाली है। ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने से ग्रामीणों की ओर से तालाबंदी की स्थिति फिर से जाएगी। हालांकि स्थानीय अधिकारियों ने भी इस मामले को लेकर निदेशालय को अवगत करा दिया है।
हिंदी के सबसे ज्यादा और उर्दू के सबसे कम शिक्षक
वर्ष2017-18 की डीपीसी में विभाग ने तय किया है कि कुल रिक्त पदों में से 50 प्रतिशत पदों की डीपीसी की जाएगी। संभाग में करीब 2500 पद खाली हैं। ऐसे में 1209 शिक्षकों के प्रमोशन का प्रस्ताव तैयार किया गया। इनमें विज्ञान के 234, गणित के 222, अंग्रेजी के 102, हिंदी के 266, सामाजिक विज्ञान के 167, संस्कृत के 130, उर्दू के 19, सामान्य के 66, विशेष शिक्षक एक वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक 34 को शामिल किया गया है।
अगर अब स्थायी पात्रता सूची में जिन शिक्षकों का नाम नहीं आया है तो उनका परिवेदना देने के बाद रिव्यू डीपीसी में ही नाम सकेगा। अगस्त माह में काउंसलिंग के बाद संभाग के चारों जिलों में 1209 सेकंड ग्रेड शिक्षक मिल जाएंगे। लेकिन उतने ही ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पद भी खाली हो जाएंगे।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से 19 जुलाई को संभाग के 6530 ग्रेड थर्ड शिक्षकों का सेकंड ग्रेड शिक्षक के पद पर प्रमोशन करने के लिए अस्थायी सूची निकाली थी। इस सूची के बाद से ही शिक्षक संगठन हंगामा कर रहे हैं। प्रदेश के हर मंडल में अस्थायी सूची बहुत पहले ही निकाल कर स्थायी सूची पर परिवेदना ली गई।
लेकिन यहां समय पर काम नहीं होने के कारण आनन-फानन में अस्थायी पात्रता सूची निकाली गई। फिर विभाग के कैलेंडर अनुसार स्थायी पात्रता सूची बनाकर निदेशालय को प्रस्ताव भी भेज दिया गया। जहां से 1209 ग्रेड थर्ड शिक्षकों की डीपीसी का प्रस्ताव आरपीएससी को भेजा जाएगा। इसके बाद स्वीकृति मिलते ही काउंसलिंग की तारीख निर्धारित होगी।
6530 शिक्षक और परिवेदना मात्र 350
अस्थायीपात्रता सूची में 6530 ग्रेड थर्ड शिक्षकों को शामिल किया गया। लेकिन रोचक बात यह है कि संभाग के चारों जिलों से मात्र 350 परिवेदना आईं। परिवेदनाओं अस्थायी पात्रता सूची से स्थायी में नाम शामिल करने का मामला अभी भी रहस्य बना हुआ है। क्योंकि अधिकारियों का दावा है कि परिवेदनाएं 21 जुलाई तक मांगी गई थी।
लेकिन 23 जुलाई तक परिवेदनाएं आई हैं। इसके बाद अब स्थायी पात्रता सूची में जिन पात्र शिक्षकों के नाम नहीं आए हैं। उनका नाम भी रिव्यू डीपीसी में शामिल होगा। जबकि स्थायी पात्रता सूची जारी करने के बाद भी परिवेदनाएं मांगी जानी चाहिए थी।
1209 सेकंड ग्रेड शिक्षक मिलेंगे और उतने ही तृतीय श्रेणी के पद खाली होंगे:
जान कर आश्चर्य होगा कि जिले 10 ब्लॉक में तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम के 3428 में से 811, लेवल द्वितीय के 1681 में से 711 पद सालों से खाली चल रहे हैं। अब संभाग के 1209 ग्रेड थर्ड शिक्षकों की डीपीसी हो जाएगा। इनमें 450 से ज्यादा शिक्षक मात्र जिले के ही होंगे। ऐसे में अब जिले में दो हजार से ज्यादा ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पद भी खाली हो जाएंगे।
जबकि राज्य सरकार ने अभी तक ग्रेड थर्ड शिक्षकों के पद भरने के लिए कोई भर्ती तक नहीं निकाली है। ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने से ग्रामीणों की ओर से तालाबंदी की स्थिति फिर से जाएगी। हालांकि स्थानीय अधिकारियों ने भी इस मामले को लेकर निदेशालय को अवगत करा दिया है।
हिंदी के सबसे ज्यादा और उर्दू के सबसे कम शिक्षक
वर्ष2017-18 की डीपीसी में विभाग ने तय किया है कि कुल रिक्त पदों में से 50 प्रतिशत पदों की डीपीसी की जाएगी। संभाग में करीब 2500 पद खाली हैं। ऐसे में 1209 शिक्षकों के प्रमोशन का प्रस्ताव तैयार किया गया। इनमें विज्ञान के 234, गणित के 222, अंग्रेजी के 102, हिंदी के 266, सामाजिक विज्ञान के 167, संस्कृत के 130, उर्दू के 19, सामान्य के 66, विशेष शिक्षक एक वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक 34 को शामिल किया गया है।
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