अबतक शिक्षकों के तबादले के बारे में सुना जाता रहा है। लेकिन अब संस्कृत
शिक्षा निदेशालय स्कूलों का तबादला कर चुका है। राज्य के 49 स्कूलों का
स्थानांतरण अलग-अलग जिलों में किया गया है। ऐसा स्कूलों में शिक्षकों के
अभाव में गिरते नामांकन को देखते हुए किया गया है।
लेकिन अचानक आए इस नए फरमान ने कम नामांकन वाले संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों की भी नींद उड़ा दी है। सबसे ज्यादा श्रीगंगानगर झुंझनूं के छह-छह स्कूलों का स्थानांतरण किया गया है। शिक्षक संगठन विभाग के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। लेकिन विभाग ने आदेश में यह तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि अगर किसी स्कूल में 15 बच्चों का भी नामांकन है तो उनको स्थानांतरण के बाद किस स्कूल में पढ़ाया जाएगा। जबकि स्कूलों का स्थानांतरण 250 से 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिलों में किया गया है। इसमें अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, पाली, सवाईमाधोपुर के दो-दो, अलवर, बाड़मेर, बूंदी, दौसा, हनुमानगढ़, जालौर, झालावाड़, करौली, राजसमंद के एक-एक, श्रीगंगानगर झुंझनूं के छह-छह, बीकानेर, चूरू के तीन-तीन, जयपुर, जोधपुर के चार-चार राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय का स्थानांतरण दूसरे जिलों में किया गया है। जबकि भरतपुर संभाग में चूरू, जाेधपुर पाली के एक-एक, झुंझनूं के तीन स्कूलों का स्थानांतरण किया है।
8 साल से भर्ती का इंतजार
संभागमें प्रवेशिका विद्यालयों में संस्कृत को छोड़कर बाकी विषय गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, हिंदी आैर अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी है। वर्ष 2010 के बाद संस्कृत शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है। 2015 में संस्कृत शिक्षा विभाग की पदोन्नति की पॉलिसी भी इसका सबसे बड़ा कारण है। क्योंकि संस्कृत विषय को छोड़कर किसी शिक्षक की पदोन्नति नहीं हो सकती है। ऐसे में ्रशिक्षकों का चयन भी हो जाता है तो वे छोड़कर चले जाते हैं। हालांकि आरपीएससी से भर्ती कराने का निर्णय लिया जा चुका है।
कहां-कितने स्कूल
जिलास्कूल
भरतपुर53
धौलपुर 32
करौली 32
सवाईमाधोपुर 52
स्वीकृत में से आधे से भी ज्यादा पद खाली
संभागके चारों जिलों में सालों से संस्कृत शिक्षा के स्कूलों में पद खाली चल रहे हैं। भरतपुर में स्वीकृत 355 में से 139, धौलपुर में 202 में से 105, कराैली में 151 में से 30, सवाई माधोपुर में 253 में से 75 पद खाली चल रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
चूरू के राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय सवाई सांवल सरदारशहर का शेखपुर गंगापुरसिटी, जोधपुर के ब्राह्मणों का मोहल्ला भोजासर का कटकड़ करौली, झुंझनूं के बाकरा द्वितीय का मदनमोहनजी मंदिर के पास पुराना संस्कृत विद्यालय भवन करौली, चारावास खेतड़ी का गढ़ अमावरा बामनवास सवाईमाधोपुर, जसरापुर खेतड़ी का आरपुरा ढाणी बामनवास सवाईमाधोपुर, कराैली के दलपुरा नादौती का चांदनगांव हिंडौन करौली, पाली के सींगला रायपुर स्कूल का विजयपुरा हिंडौन, फालका जैतारण का मालीपुरा वार्ड पांच नगर निगम भरतपुर, सवाईमाधोपुर के कुंडेरा को कीरों की ढाणी सवाईमाधोपुर, इसी जिले के बागवाली की ढाणी सिरवाली स्कूल को बाढ़मोहनपुरा की ढाणी पीलूखेड़ा में स्थानांतरित किया गया है।
लेकिन अचानक आए इस नए फरमान ने कम नामांकन वाले संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों की भी नींद उड़ा दी है। सबसे ज्यादा श्रीगंगानगर झुंझनूं के छह-छह स्कूलों का स्थानांतरण किया गया है। शिक्षक संगठन विभाग के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। लेकिन विभाग ने आदेश में यह तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि अगर किसी स्कूल में 15 बच्चों का भी नामांकन है तो उनको स्थानांतरण के बाद किस स्कूल में पढ़ाया जाएगा। जबकि स्कूलों का स्थानांतरण 250 से 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिलों में किया गया है। इसमें अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, पाली, सवाईमाधोपुर के दो-दो, अलवर, बाड़मेर, बूंदी, दौसा, हनुमानगढ़, जालौर, झालावाड़, करौली, राजसमंद के एक-एक, श्रीगंगानगर झुंझनूं के छह-छह, बीकानेर, चूरू के तीन-तीन, जयपुर, जोधपुर के चार-चार राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय का स्थानांतरण दूसरे जिलों में किया गया है। जबकि भरतपुर संभाग में चूरू, जाेधपुर पाली के एक-एक, झुंझनूं के तीन स्कूलों का स्थानांतरण किया है।
8 साल से भर्ती का इंतजार
संभागमें प्रवेशिका विद्यालयों में संस्कृत को छोड़कर बाकी विषय गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, हिंदी आैर अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी है। वर्ष 2010 के बाद संस्कृत शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है। 2015 में संस्कृत शिक्षा विभाग की पदोन्नति की पॉलिसी भी इसका सबसे बड़ा कारण है। क्योंकि संस्कृत विषय को छोड़कर किसी शिक्षक की पदोन्नति नहीं हो सकती है। ऐसे में ्रशिक्षकों का चयन भी हो जाता है तो वे छोड़कर चले जाते हैं। हालांकि आरपीएससी से भर्ती कराने का निर्णय लिया जा चुका है।
कहां-कितने स्कूल
जिलास्कूल
भरतपुर53
धौलपुर 32
करौली 32
सवाईमाधोपुर 52
स्वीकृत में से आधे से भी ज्यादा पद खाली
संभागके चारों जिलों में सालों से संस्कृत शिक्षा के स्कूलों में पद खाली चल रहे हैं। भरतपुर में स्वीकृत 355 में से 139, धौलपुर में 202 में से 105, कराैली में 151 में से 30, सवाई माधोपुर में 253 में से 75 पद खाली चल रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
चूरू के राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय सवाई सांवल सरदारशहर का शेखपुर गंगापुरसिटी, जोधपुर के ब्राह्मणों का मोहल्ला भोजासर का कटकड़ करौली, झुंझनूं के बाकरा द्वितीय का मदनमोहनजी मंदिर के पास पुराना संस्कृत विद्यालय भवन करौली, चारावास खेतड़ी का गढ़ अमावरा बामनवास सवाईमाधोपुर, जसरापुर खेतड़ी का आरपुरा ढाणी बामनवास सवाईमाधोपुर, कराैली के दलपुरा नादौती का चांदनगांव हिंडौन करौली, पाली के सींगला रायपुर स्कूल का विजयपुरा हिंडौन, फालका जैतारण का मालीपुरा वार्ड पांच नगर निगम भरतपुर, सवाईमाधोपुर के कुंडेरा को कीरों की ढाणी सवाईमाधोपुर, इसी जिले के बागवाली की ढाणी सिरवाली स्कूल को बाढ़मोहनपुरा की ढाणी पीलूखेड़ा में स्थानांतरित किया गया है।
No comments:
Post a Comment