सीकर । जिले में अधिकारियों की मनमर्जी सरकारी आदेशों पर भारी पड़ रही है। वे आदेशों का मखौल तो उड़ा ही रहे हैं, साथ ही सरकारी खर्चे पर खुद का जमकर प्रचार-प्रसार भी करवा रहे हैं। जिले के पिपराली ब्लॉक में ऐसा मामला सामने आया है।
इस होर्डिंग के लगाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि आमजन को यह पता लगे कि निजी विद्यालयों से कहीं ज्यादा योग्य व ज्यादा डिग्री वाले शिक्षक हमारे सरकारी विद्यालयों में हैं। होर्डिंग्स से सरकारी विद्यालयों का प्रचार-प्रसार करना है। निर्देश के बाद जिले के सभी ब्लॉक में होर्डिग्स लगा दिए गए। कहीं भी शिक्षा विभाग या प्रशासन के अधिकारियों की फोटो नहीं लगाई गई। केवल संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों के फोटो व योग्यता ही दर्शाई गई। लेकिन पिपराली ब्लॉक में आदेश के विपरीत हुआ। यहां ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सुरेश वर्मा ने खुद का फोटो हॉडिंग के दायीं तरफ सबसे ऊपर लगवा दिया। शिक्षकों की फोटो सबसे नीचे लगवा दी। ब्लॉक के करीब 202 सरकारी विद्यालयों में ऐसा हुआ है।
अब फिर होगा खर्चा
खुद के फोटो छापने के बाद अब इनको हटवाने की तैयारी की जाएगी। नए सिरे से होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। यह होडिंग्स अब किस मद में लगाए जाएंगे, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी यह कह रहे हैं कि जनसहयोग से ऐसा करवाया जाएगा। एक होर्डिंग पर करीब पांच सौ रुपए का खर्चा माना जा रहा है। ऐसे में करीब एक लाख रुपए का खर्चा होने का अनुमान है। वहीं जानकारों का कहना है कि अब ऑडिट में भी आक्षेप आ सकते हैं।
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इस होर्डिंग के लगाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि आमजन को यह पता लगे कि निजी विद्यालयों से कहीं ज्यादा योग्य व ज्यादा डिग्री वाले शिक्षक हमारे सरकारी विद्यालयों में हैं। होर्डिंग्स से सरकारी विद्यालयों का प्रचार-प्रसार करना है। निर्देश के बाद जिले के सभी ब्लॉक में होर्डिग्स लगा दिए गए। कहीं भी शिक्षा विभाग या प्रशासन के अधिकारियों की फोटो नहीं लगाई गई। केवल संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों के फोटो व योग्यता ही दर्शाई गई। लेकिन पिपराली ब्लॉक में आदेश के विपरीत हुआ। यहां ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सुरेश वर्मा ने खुद का फोटो हॉडिंग के दायीं तरफ सबसे ऊपर लगवा दिया। शिक्षकों की फोटो सबसे नीचे लगवा दी। ब्लॉक के करीब 202 सरकारी विद्यालयों में ऐसा हुआ है।
अब फिर होगा खर्चा
खुद के फोटो छापने के बाद अब इनको हटवाने की तैयारी की जाएगी। नए सिरे से होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। यह होडिंग्स अब किस मद में लगाए जाएंगे, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी यह कह रहे हैं कि जनसहयोग से ऐसा करवाया जाएगा। एक होर्डिंग पर करीब पांच सौ रुपए का खर्चा माना जा रहा है। ऐसे में करीब एक लाख रुपए का खर्चा होने का अनुमान है। वहीं जानकारों का कहना है कि अब ऑडिट में भी आक्षेप आ सकते हैं।
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