जयपुर। शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में स्कूल स्टाफ की फरलो पर रोक लगाने जा रहा है। पहली अप्रैल से प्रदेश के विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन पर हाजिरी लगनी शुरू हो चुकी है। आपको बता दें कि अक्सर शिकायतें मिलती थी कि सरकारी स्कूलों में कुछ अध्यापक सुबह हाजिरी लगाकर अपने निजी कार्य करने के लिए स्कूल से निकल जाते हैं।
शिक्षा विभाग ने इस समस्याओं को हल करने के लिए सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का निर्णय किया है। अब अगर अध्यापक 10 मिनट देरी से स्कूल से पहुंचा तो उसकी आधे दिन की स्वयं छुट्टी लग जाएगी। स्कूल छुट्टी के बाद भी अध्यापकों को बॉयोमीट्रिक मशीन पर हाजिरी लगानी होगी। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की दिक्कत को देखते हुए स्कूलों में टेबलेट दिए जाएगे। इन टेबलेट पर इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। शिक्षा विभाग इंटरनेट के लिए 1200 रुपए देगा। जहां कंप्यूटर की सुविधा है वहां पर ऐसी सुविधा नहीं दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में टेबलेट को एक ही स्थान पर रखा जाएगा। अगर टेबलेट का स्थान बदला गया तो इंटरनेट के जरिए टेबलेट की जगह का पता चल जाएगा। इस पर स्कूल हेड के खिलाफ कार्रवाई होगी। यहां तक कि प्राइमरी स्कूलों में भी बॉयोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगेगी।इससे अध्यापकों की हाजिरी तो सुनिश्चित होगी ही, स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी। वहीं अध्यापकों का कहना है कि इससे अध्यापकों की नियमितता व समय की पाबंदता कायम होगी व उन पर फरलो मारने जैसे लगने वाले मिथ्या आरोपों का भी जवाब दिया जाएगा।
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शिक्षा विभाग ने इस समस्याओं को हल करने के लिए सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का निर्णय किया है। अब अगर अध्यापक 10 मिनट देरी से स्कूल से पहुंचा तो उसकी आधे दिन की स्वयं छुट्टी लग जाएगी। स्कूल छुट्टी के बाद भी अध्यापकों को बॉयोमीट्रिक मशीन पर हाजिरी लगानी होगी। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की दिक्कत को देखते हुए स्कूलों में टेबलेट दिए जाएगे। इन टेबलेट पर इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। शिक्षा विभाग इंटरनेट के लिए 1200 रुपए देगा। जहां कंप्यूटर की सुविधा है वहां पर ऐसी सुविधा नहीं दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में टेबलेट को एक ही स्थान पर रखा जाएगा। अगर टेबलेट का स्थान बदला गया तो इंटरनेट के जरिए टेबलेट की जगह का पता चल जाएगा। इस पर स्कूल हेड के खिलाफ कार्रवाई होगी। यहां तक कि प्राइमरी स्कूलों में भी बॉयोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगेगी।इससे अध्यापकों की हाजिरी तो सुनिश्चित होगी ही, स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी। वहीं अध्यापकों का कहना है कि इससे अध्यापकों की नियमितता व समय की पाबंदता कायम होगी व उन पर फरलो मारने जैसे लगने वाले मिथ्या आरोपों का भी जवाब दिया जाएगा।
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