शिक्षाविभाग में अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान गुरुवार को खुलकर सामने
गई है। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी महिपाल सांदू स्कूलों के निरीक्षण के
बहाने उस स्कूल में पहुंचे जहां बीईईओ बस्तीराम सांगवा की पुत्रवधु की
प्रतिनियुक्ति थी।
गुरुवार को अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी महिपाल सांदू शहर के पास स्थित तीन स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचे। इनमें से एक स्कूल वह थी जिसमें बीईईओ बस्तीराम सांगवा की पुत्रवधु सुमन चौधरी प्रतिनियुक्ति पर है। सांदू ने निरीक्षण के बाद प्रेस नोट जारी कर बताया कि बीईईओ बस्तीराम सांगवा की पुत्रवधु शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति नियमों के विरुद्ध हुई है। चौधरी की प्रतिनियुक्ति केजीबीवि में है। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया है कि शिक्षिका गत सत्र में भी 5 अगस्त 2015 से 4 अप्रेल 2016 तक केजीबीवि लाडनूं में अनियमित प्रतिनियुक्ति की गई थी। सांदू का आरोप है कि पद स्थापित शिक्षिका को हटाकर उनके स्थान पर एक शिक्षाकर्मी को प्रतिनियुक्ति किया गया जो गंभीर अनियमितता है। उन्होंने इसकी जांच करवाने की भी बात कही। उनका कहना है कि प्रतिनियुक्ति पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। सांदू का कहना है कि शिक्षिका चौधरी को बीईईओ के आदेश से 19 जनवरी को कार्यमुक्त बताया गया है। जबकि 26 जनवरी तक उपस्थिति रजिस्टर में उनके साइन है। प्रेस नोट में सांदू के निशाने पर सांगवा रहे।
इनस्कूलों का भी निरीक्षण
अतिरिक्तजिला शिक्षा अधिकारी महिपाल सांदू ने गुरुवार को ही तीन स्कूलों का निरीक्षण किया था। जिसमें राप्रावि कायमखानियों की ढाणी अमरपुरा में कुल नामांकित 65 में से 51 छात्र उपस्थित पाए गए। तीन शिक्षकों में से एक शिक्षिका माया जाखड़ एक फरवरी से मिर्धा कॉलेज के लिए कार्यमुक्त थी। संस्था प्रधान ताराचंद सिसोदिया बोर्ड परीक्षा में अमरपुरा में ड्यूटी दे रहे है। यहां मात्र एक शिक्षाकर्मी के भरोसे स्कूल चल रहा है। उन्होंने कहा कि मिर्धा कॉलेज में कार्यरत शिक्षिका को कार्यमुक्त करवाया जाए। इसके बाद वे राप्रावि मेघवालों की ढाणी में पहुंचे जहां 30 में से 13 छात्र उपस्थित पाए गए।
जिलाशिक्षा अधिकारी चुप
पूरेमामले में प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार गुप्ता तक पहले भी यह विवाद पहुंच चुका है। मगर गुरुवार को यह विवाद फिर सामने आने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी गुप्ता चुप रहे। यहां तक कि उन्होंने कोई बयान भी नहीं दिया। इस मामले को लेकर पहले भी विवाद सामने आए, मगर उच्चाधिकारी जवाब देने से बचते रहे।
इस संबंध में जब बीईईओ बस्तीराम सांगवा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केजीबीवि स्कूल में दूसरा और कोई शिक्षक ड्यूटी करने को तैयार नहीं है। 8वीं की परीक्षा है और प्रतिनियुक्ति भी दो माह की ही है। बच्चों को नुकसान नहीं हो इसके लिए किसी को तो लगाना ही था। उन्होंने सांदू पर आरोप लगाया कि वे दो साल से निजी द्वेषता के चलते उन्हें परेशान करते है। निरीक्षण का केवल बहाना है। वे मुझे परेशान करने में लगे हुए हैं।
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गुरुवार को अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी महिपाल सांदू शहर के पास स्थित तीन स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचे। इनमें से एक स्कूल वह थी जिसमें बीईईओ बस्तीराम सांगवा की पुत्रवधु सुमन चौधरी प्रतिनियुक्ति पर है। सांदू ने निरीक्षण के बाद प्रेस नोट जारी कर बताया कि बीईईओ बस्तीराम सांगवा की पुत्रवधु शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति नियमों के विरुद्ध हुई है। चौधरी की प्रतिनियुक्ति केजीबीवि में है। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया है कि शिक्षिका गत सत्र में भी 5 अगस्त 2015 से 4 अप्रेल 2016 तक केजीबीवि लाडनूं में अनियमित प्रतिनियुक्ति की गई थी। सांदू का आरोप है कि पद स्थापित शिक्षिका को हटाकर उनके स्थान पर एक शिक्षाकर्मी को प्रतिनियुक्ति किया गया जो गंभीर अनियमितता है। उन्होंने इसकी जांच करवाने की भी बात कही। उनका कहना है कि प्रतिनियुक्ति पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। सांदू का कहना है कि शिक्षिका चौधरी को बीईईओ के आदेश से 19 जनवरी को कार्यमुक्त बताया गया है। जबकि 26 जनवरी तक उपस्थिति रजिस्टर में उनके साइन है। प्रेस नोट में सांदू के निशाने पर सांगवा रहे।
इनस्कूलों का भी निरीक्षण
अतिरिक्तजिला शिक्षा अधिकारी महिपाल सांदू ने गुरुवार को ही तीन स्कूलों का निरीक्षण किया था। जिसमें राप्रावि कायमखानियों की ढाणी अमरपुरा में कुल नामांकित 65 में से 51 छात्र उपस्थित पाए गए। तीन शिक्षकों में से एक शिक्षिका माया जाखड़ एक फरवरी से मिर्धा कॉलेज के लिए कार्यमुक्त थी। संस्था प्रधान ताराचंद सिसोदिया बोर्ड परीक्षा में अमरपुरा में ड्यूटी दे रहे है। यहां मात्र एक शिक्षाकर्मी के भरोसे स्कूल चल रहा है। उन्होंने कहा कि मिर्धा कॉलेज में कार्यरत शिक्षिका को कार्यमुक्त करवाया जाए। इसके बाद वे राप्रावि मेघवालों की ढाणी में पहुंचे जहां 30 में से 13 छात्र उपस्थित पाए गए।
जिलाशिक्षा अधिकारी चुप
पूरेमामले में प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार गुप्ता तक पहले भी यह विवाद पहुंच चुका है। मगर गुरुवार को यह विवाद फिर सामने आने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी गुप्ता चुप रहे। यहां तक कि उन्होंने कोई बयान भी नहीं दिया। इस मामले को लेकर पहले भी विवाद सामने आए, मगर उच्चाधिकारी जवाब देने से बचते रहे।
इस संबंध में जब बीईईओ बस्तीराम सांगवा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केजीबीवि स्कूल में दूसरा और कोई शिक्षक ड्यूटी करने को तैयार नहीं है। 8वीं की परीक्षा है और प्रतिनियुक्ति भी दो माह की ही है। बच्चों को नुकसान नहीं हो इसके लिए किसी को तो लगाना ही था। उन्होंने सांदू पर आरोप लगाया कि वे दो साल से निजी द्वेषता के चलते उन्हें परेशान करते है। निरीक्षण का केवल बहाना है। वे मुझे परेशान करने में लगे हुए हैं।
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