बीकानेर/जयपुर। जिले के नोखा पुलिसथाना क्षेत्र में नाबालिग स्कूली
छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में बालिका के पिता ने सोमवार
को राज्य महिला आयोग के सदस्यों से कहा है कि उसकी मानसिक स्थिति अच्छी
नहीं होने के कारण उसने मामला दर्ज कराया है।
हालांकि महिला आयोग के सदस्यों ने कहा कि जब तक पीड़िता का बयान दर्ज नहीं हो जाता तब तक इस नतीजे नहीं पहुंचा जा सकता कि मामला फर्जी है या सही है। आयोग के दल ने पीड़िता के गांव का दौरा कर ग्रामीणों और पीड़िता के पिता तथा परिवार के सदस्यों से बातचीत की।
राज्य महिला आयोग की सदस्य सुषमा कुमावत ने बताया कि पीड़िता के पिता ने उन्हें बताया कि उसकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए उसने मामला दर्ज करवा दिया। पीड़िता का बयान अभी तक दर्ज नहीं हो पाया है। बयान दर्ज होने के बाद ही इस मामले की सच्चाई का पता चल सकेगा।
राजस्थान के गृह मंत्री ने जयपुर में कहा कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी साफ नहीं है क्योंकि कथित घटना दो वर्ष पूर्व घटित हुई थी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने भी पुलिस में मामला देरी से दर्ज कराने पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कथित घटना पर संदेह जताया है।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पीड़िता के पिता के आरोपों के विपरीत तथ्य सामने आने से मामले में संदेह प्रतीत हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।
सर्किल अधिकारी बनवारी लाल ने बताया कि मंगलवार को पीड़िता के बयान दर्ज करवाए जाएंगे।
गौरतलब है कि नोखा तहसील के साजनवासी गांव के एक निजी विद्यालय की छात्रा के पिता परता राम ने जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र देकर विद्यालय के आठ शिक्षकों पर अपनी बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किए जाने और अश्लील वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया था।
जिला पुलिस अधीक्षक को पेश किए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर निजी विद्यालय के शिक्षक विक्रम, वीरें, बिजेन्द्र, विकास, दुलीचन्द, रोहित, पवन और हनुमान के विरुद्ध भादंसं की धारा 376 (डी) और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया।
हालांकि महिला आयोग के सदस्यों ने कहा कि जब तक पीड़िता का बयान दर्ज नहीं हो जाता तब तक इस नतीजे नहीं पहुंचा जा सकता कि मामला फर्जी है या सही है। आयोग के दल ने पीड़िता के गांव का दौरा कर ग्रामीणों और पीड़िता के पिता तथा परिवार के सदस्यों से बातचीत की।
राज्य महिला आयोग की सदस्य सुषमा कुमावत ने बताया कि पीड़िता के पिता ने उन्हें बताया कि उसकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए उसने मामला दर्ज करवा दिया। पीड़िता का बयान अभी तक दर्ज नहीं हो पाया है। बयान दर्ज होने के बाद ही इस मामले की सच्चाई का पता चल सकेगा।
राजस्थान के गृह मंत्री ने जयपुर में कहा कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी साफ नहीं है क्योंकि कथित घटना दो वर्ष पूर्व घटित हुई थी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने भी पुलिस में मामला देरी से दर्ज कराने पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कथित घटना पर संदेह जताया है।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पीड़िता के पिता के आरोपों के विपरीत तथ्य सामने आने से मामले में संदेह प्रतीत हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।
सर्किल अधिकारी बनवारी लाल ने बताया कि मंगलवार को पीड़िता के बयान दर्ज करवाए जाएंगे।
गौरतलब है कि नोखा तहसील के साजनवासी गांव के एक निजी विद्यालय की छात्रा के पिता परता राम ने जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र देकर विद्यालय के आठ शिक्षकों पर अपनी बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किए जाने और अश्लील वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया था।
जिला पुलिस अधीक्षक को पेश किए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर निजी विद्यालय के शिक्षक विक्रम, वीरें, बिजेन्द्र, विकास, दुलीचन्द, रोहित, पवन और हनुमान के विरुद्ध भादंसं की धारा 376 (डी) और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया।
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