जयपुर। उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि कोटा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं के संबंध में निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी।
श्रीमती माहेश्वरी शून्यकाल में कोटा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रही थी।
उन्होंने बताया कि 19 मार्च 2015 को श्री हनुमान सिंह भाटी, कार्यवाहक कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति होने पर कुलपति जे पी सिंघल की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर 2015 को एक अन्य जांच कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी की ओर से 17 मार्च 2016 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में वर्ष 2012 व 2013 में शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितताएं पाई गई जबकि रिपोर्ट में वर्ष 2014 में हुई पदों पर भर्तियों में अनियमितताएं नहीं पाई गई और 5 नवम्बर 2016 को उनको नियुक्तियां दे दी गई। उ
न्होंने बताया कि नियुक्तियों में अनियमितताओं के संबंध में विश्वविद्यालय को लिखा गया है और उनका स्पष्टीकरण भी प्राप्त हो गया है। विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के स्पष्टीकरण तथा जांच रिपोर्ट के प्राप्त करने के बाद आयुक्तालय के उपनिदेशक की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का गठन किया गया। उ
न्होंने बताया कि इसी बीच भर्ती की प्रक्रिया को लेकर एसीबी में भी शिकायत की गई जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2012 एवं 2013 में कोटा विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में अनियमितताओं के संबंध में विभाग द्वारा भी कार्यवाही चल रही है तथा कुलाधिपति को भी इस संबंध में कार्यवाही के लिए पत्र लिखा जा चुका है। उन्होंने बताया कि जोधपुर की जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं पर भी पूर्व में विभाग द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है।
श्रीमती माहेश्वरी शून्यकाल में कोटा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रही थी।
उन्होंने बताया कि 19 मार्च 2015 को श्री हनुमान सिंह भाटी, कार्यवाहक कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति होने पर कुलपति जे पी सिंघल की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर 2015 को एक अन्य जांच कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी की ओर से 17 मार्च 2016 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में वर्ष 2012 व 2013 में शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितताएं पाई गई जबकि रिपोर्ट में वर्ष 2014 में हुई पदों पर भर्तियों में अनियमितताएं नहीं पाई गई और 5 नवम्बर 2016 को उनको नियुक्तियां दे दी गई। उ
न्होंने बताया कि नियुक्तियों में अनियमितताओं के संबंध में विश्वविद्यालय को लिखा गया है और उनका स्पष्टीकरण भी प्राप्त हो गया है। विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के स्पष्टीकरण तथा जांच रिपोर्ट के प्राप्त करने के बाद आयुक्तालय के उपनिदेशक की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का गठन किया गया। उ
न्होंने बताया कि इसी बीच भर्ती की प्रक्रिया को लेकर एसीबी में भी शिकायत की गई जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2012 एवं 2013 में कोटा विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में अनियमितताओं के संबंध में विभाग द्वारा भी कार्यवाही चल रही है तथा कुलाधिपति को भी इस संबंध में कार्यवाही के लिए पत्र लिखा जा चुका है। उन्होंने बताया कि जोधपुर की जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं पर भी पूर्व में विभाग द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है।
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