जयपुर. राजस्थान में शिक्षा
का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के
नियमों में सरकार बड़ा बदलाव करने वाली है। बदलाव ऐसा कि, यदि आपकी आय साल
में 1 लाख से ज्यादा है तो नि:शुल्क प्रवेश भी नहंीं मिल सकेगा...
बीपीएल की बाध्यता होगी खत्म, यह नियम लागू होगा
संवाद सूत्रों ने बताया, आरटीई में नि:शुल्क प्रवेश के नियमों में हो रहे बदलाव के चलते कुछ अभिभावक बच्चों को मुफ्त में दाखिला नहीं दिला पाएंगे। विधि विभाग की मुहर लगते ही नई व्यवस्था जारी हो जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
इसके तहत कमजोर वर्गों में आवेदन के लिए बीपीएल परिवार की बाध्यता खत्म कर दी गई है लेकिन आय सीमा घटाकर एक लाख रुपए कर दी गई है। यानी, अब एक लाख रुपए सालाना से अधिक आय वाले अभिभावकों के बच्चे नि:शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। शिक्षा विभाग के उक्त प्रस्ताव का अंतिम परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद विधि विभाग की मुहर लगते ही सत्र 2017-18 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
इसलिए किया आय का प्रावधान
आरटीई में पिछले साल तक आय सीमा 2.5 लाख रुपए थी। राज्य में पिछले सत्र में आय सीमा का प्रावधान हटाकर कमजोर वर्ग श्रेणी में मात्र बीपीएल परिवारों के बच्चों को ही आवेदन के पात्र माना गया था। इसके खिलाफ गैर सरकारी संस्था अभ्युत्थानम् सोसायटी कोटज़् में गई और सुप्रीम कोर्ट तक मामला चला।
कोर्ट ने निर्देश दिए कि सरकार आय सीमा निधाज़्रित करे। 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश- आरटीई के तहत निजी स्कूलों की प्रवेश स्तर की कक्षाओं में कुल भरी गई सीटों के मुकाबले 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश देने होते हैं। इनके भौतिक सत्यापन के बाद शिक्षा विभाग फीस का पुनभज़्रण करता है। प्रवेश आवेदन के लिए एससी, एसटी, एचआईपी पॉजीटिव, कैंसर पीडि़त अभिभावकों के बच्चे, विधवा, परित्यक्ता के बच्चे भी पात्र हैं। अन्य श्रेणियों में आवेदन योग्यता में आय सीमा का दायरा तय रहेगा।
हमने नए सिरे से आय सीमा निर्धारित की
आय सीमा निर्धारित की गई है। इससे कमजोर वर्गो के बच्चों को भी आवेदन के लिए अतिरिक्त अवसर मिलेंगे। नियमानुसार नोटिफिकेशन शीघ्र जारी किया जाएगा। - वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्यमंत्री
बीपीएल की बाध्यता होगी खत्म, यह नियम लागू होगा
संवाद सूत्रों ने बताया, आरटीई में नि:शुल्क प्रवेश के नियमों में हो रहे बदलाव के चलते कुछ अभिभावक बच्चों को मुफ्त में दाखिला नहीं दिला पाएंगे। विधि विभाग की मुहर लगते ही नई व्यवस्था जारी हो जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
इसके तहत कमजोर वर्गों में आवेदन के लिए बीपीएल परिवार की बाध्यता खत्म कर दी गई है लेकिन आय सीमा घटाकर एक लाख रुपए कर दी गई है। यानी, अब एक लाख रुपए सालाना से अधिक आय वाले अभिभावकों के बच्चे नि:शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। शिक्षा विभाग के उक्त प्रस्ताव का अंतिम परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद विधि विभाग की मुहर लगते ही सत्र 2017-18 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
इसलिए किया आय का प्रावधान
आरटीई में पिछले साल तक आय सीमा 2.5 लाख रुपए थी। राज्य में पिछले सत्र में आय सीमा का प्रावधान हटाकर कमजोर वर्ग श्रेणी में मात्र बीपीएल परिवारों के बच्चों को ही आवेदन के पात्र माना गया था। इसके खिलाफ गैर सरकारी संस्था अभ्युत्थानम् सोसायटी कोटज़् में गई और सुप्रीम कोर्ट तक मामला चला।
कोर्ट ने निर्देश दिए कि सरकार आय सीमा निधाज़्रित करे। 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश- आरटीई के तहत निजी स्कूलों की प्रवेश स्तर की कक्षाओं में कुल भरी गई सीटों के मुकाबले 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश देने होते हैं। इनके भौतिक सत्यापन के बाद शिक्षा विभाग फीस का पुनभज़्रण करता है। प्रवेश आवेदन के लिए एससी, एसटी, एचआईपी पॉजीटिव, कैंसर पीडि़त अभिभावकों के बच्चे, विधवा, परित्यक्ता के बच्चे भी पात्र हैं। अन्य श्रेणियों में आवेदन योग्यता में आय सीमा का दायरा तय रहेगा।
हमने नए सिरे से आय सीमा निर्धारित की
आय सीमा निर्धारित की गई है। इससे कमजोर वर्गो के बच्चों को भी आवेदन के लिए अतिरिक्त अवसर मिलेंगे। नियमानुसार नोटिफिकेशन शीघ्र जारी किया जाएगा। - वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्यमंत्री
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