बारां। मौजूदा दौर में सरकारी नौकरी को हर कोई बड़ी सौगात मानता है, नौकरी मिलने के बाद वह तथा उसके परिजन एक अलग अहसास में जीते हैं। इस दौर में चपरासी के लिए पीएचडी करने वाले लोग भी कतार में रहते हैं, लेकिन बारां में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो चौंकाने वाला है।
शुक्रवार रात शहर कोतवाली में सहायक निदेशक अभियोजन शिवदयाल बंसल ने दो युवकों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज से विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति हासिल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उनके कार्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अमराराम की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी। उसकी जगह परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाने थी। इसके लिए बलराम ने खुद को मृतक का पुत्र बताते हुए नौकरी के लिए आवेदन किया। बाद में उसे अनुकम्पा नियुक्ति भी दे दी गई।
पड़ौसी है दोनों युवक
आरोपित युवक बलराम व मृतक अमराराम का पुत्र राजू पड़ौसी हैं। बलराम के पिता का वास्तविक नाम कन्हैया लाल है तथा वह एसी वर्ग में आता है। जबकि मृतक अमराराम राजपूत था। बलराम राजू को प्रलोभन देकर सरकारी नौकरी हथियाने में सफल हो गया।
यह है मामला
थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार सहायक निदेशक कार्यालय में पदस्थ बारां निवासी अमराराम की करीब 15 वर्ष पहले नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई थी। तब उसके बच्चे छोटे होने से किसी को नियमानुसार अनुकम्पा नौकरी नहीं मिली थी। तब से मृतक के परिजन नौकरी के लिए कतार में थे। करीब दो वर्ष पूर्व बलराम ने खुद को अमराराम का छोटा पुत्र बताते हुए नौकरी के लिए आवेदन किया। इसके लिए उसने मृतक के पुत्र राजू के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कराए थे। करीब डेढ़ साल से वह सहायक निदेशक कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी कर रहा है।
मृतक की पुत्री ने की थी शिकायत
इस मामले की शिकायत मृतक अमराराम की पुत्री संतोष ने जयपुर स्थित अभियोजन निदेशालय को की थी। वहां से निर्देश मिलने के बाद सहायक निदेशक अभियोजन ने जांच की। जिसमें शिकायत के सही होने की पुष्टि हो गई। इसकी रिपोर्ट बंसल ने 1 जुलाई 2016 को निदेशलय को भेजी। वहां से आदेश मिलने पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
सहायक निदेशक अभियोजन की रिपोर्ट के आधार पर बलराम व राजू के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने तथा धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।
विजयशंकर शर्मा, सीआई व शहर कोतवाली प्रभारी
शुक्रवार रात शहर कोतवाली में सहायक निदेशक अभियोजन शिवदयाल बंसल ने दो युवकों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज से विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति हासिल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उनके कार्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अमराराम की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी। उसकी जगह परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाने थी। इसके लिए बलराम ने खुद को मृतक का पुत्र बताते हुए नौकरी के लिए आवेदन किया। बाद में उसे अनुकम्पा नियुक्ति भी दे दी गई।
पड़ौसी है दोनों युवक
आरोपित युवक बलराम व मृतक अमराराम का पुत्र राजू पड़ौसी हैं। बलराम के पिता का वास्तविक नाम कन्हैया लाल है तथा वह एसी वर्ग में आता है। जबकि मृतक अमराराम राजपूत था। बलराम राजू को प्रलोभन देकर सरकारी नौकरी हथियाने में सफल हो गया।
यह है मामला
थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार सहायक निदेशक कार्यालय में पदस्थ बारां निवासी अमराराम की करीब 15 वर्ष पहले नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई थी। तब उसके बच्चे छोटे होने से किसी को नियमानुसार अनुकम्पा नौकरी नहीं मिली थी। तब से मृतक के परिजन नौकरी के लिए कतार में थे। करीब दो वर्ष पूर्व बलराम ने खुद को अमराराम का छोटा पुत्र बताते हुए नौकरी के लिए आवेदन किया। इसके लिए उसने मृतक के पुत्र राजू के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कराए थे। करीब डेढ़ साल से वह सहायक निदेशक कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी कर रहा है।
मृतक की पुत्री ने की थी शिकायत
इस मामले की शिकायत मृतक अमराराम की पुत्री संतोष ने जयपुर स्थित अभियोजन निदेशालय को की थी। वहां से निर्देश मिलने के बाद सहायक निदेशक अभियोजन ने जांच की। जिसमें शिकायत के सही होने की पुष्टि हो गई। इसकी रिपोर्ट बंसल ने 1 जुलाई 2016 को निदेशलय को भेजी। वहां से आदेश मिलने पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
सहायक निदेशक अभियोजन की रिपोर्ट के आधार पर बलराम व राजू के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने तथा धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।
विजयशंकर शर्मा, सीआई व शहर कोतवाली प्रभारी
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