डूंगरपुर। पंचायत सहायक भर्ती के एक दिन पहले तक तो विभाग और सरकार स्पष्ट निर्देश जारी नहीं कर पाए और अब आनन-फानन में संस्थाप्रधानों को एपीओ और निलंबन की कार्रवाई का डर दिखाकर चयन सूचियां मांगी जा रही है।
संस्थाप्रधान के गले की फांस बनी इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर चहुंओर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। लेकिन, ऊपर से मिले निर्देशों के बाद अधिकारियों के सख्त रवैये से वरीयता सूचियों पर विवशता के ठप्पे लग रहे हैं।
यह है मामला
पंचायत सहायक भर्ती को लेकर शुक्रवार का दिन तय था। गाइड लाइन का अभाव एवं 'स्थानीयÓ को लेकर जिले में यह भर्ती प्रक्रिया लगभग नहीं हो पाई। ऐसे में शासन सचिवालय के निर्देशों के बाद डीईओ-बीईईओ कार्यालय से शनिवार को संस्थाप्रधानों को दूरभाष पर कहा गया कि उन्हें किसी भी सूरत में तीन नाम चयन करने हैं। ऐसे में अनुभव की पात्रता को लेकर संस्थाप्रधानों ने सवाल भी खड़े किए। पर, एपीओ, निलंबन, नाम आगे प्रेषित करने सहित कई तरह के फरमानों ने संस्थाप्रधानों को असमंजस में डाल दिया।
संस्थाप्रधानों पर दोहरी मार
एक तरफ विभागीय अधिकारियों की ओर से संस्थाप्रधानों पर दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ एसडीएमसी कमेटी और ग्रामीणों का विरोध अलग से झेलना पड़ रहा है। कई गांवों में कमेटियां अपने स्वयं के स्तर पर ही वरीयता बनाकर संस्थाप्रधानों पर थोप रही हैं।
पहले दिन 39, दूसरे दिन 217
शुक्रवार शाम तक माध्यमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत 39 स्कूलों में चयन प्रक्रिया पूर्ण होने की बात सामने आ रही थी। अधिकारियों के दबाव के बाद शनिवार शाम तक 291 ग्राम पंचायतों में से 217 स्कूलों में चयन प्रक्रिया की रिपोर्ट आ गई थी और देर शाम तक आंकड़े अपडेट करवाए जा रहे थे।
जाओ और चयन करवाओ
पंचायत भर्ती को लेकर 15 स्कूलों में सर्वाधिक विरोध-प्रदर्शन होने की स्थिति पर शासन सचिव से निर्देशानुसार डीईओ माध्यमिक ने शनिवार को आदेश जारी किए। इसके तहत 15 शिक्षा अधिकारियों की विशेष ड्यूटी लगाते हुए उन्हें हर हाल में चयन करवाने के निर्देश दिए।
संस्थाप्रधान के गले की फांस बनी इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर चहुंओर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। लेकिन, ऊपर से मिले निर्देशों के बाद अधिकारियों के सख्त रवैये से वरीयता सूचियों पर विवशता के ठप्पे लग रहे हैं।
यह है मामला
पंचायत सहायक भर्ती को लेकर शुक्रवार का दिन तय था। गाइड लाइन का अभाव एवं 'स्थानीयÓ को लेकर जिले में यह भर्ती प्रक्रिया लगभग नहीं हो पाई। ऐसे में शासन सचिवालय के निर्देशों के बाद डीईओ-बीईईओ कार्यालय से शनिवार को संस्थाप्रधानों को दूरभाष पर कहा गया कि उन्हें किसी भी सूरत में तीन नाम चयन करने हैं। ऐसे में अनुभव की पात्रता को लेकर संस्थाप्रधानों ने सवाल भी खड़े किए। पर, एपीओ, निलंबन, नाम आगे प्रेषित करने सहित कई तरह के फरमानों ने संस्थाप्रधानों को असमंजस में डाल दिया।
संस्थाप्रधानों पर दोहरी मार
एक तरफ विभागीय अधिकारियों की ओर से संस्थाप्रधानों पर दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ एसडीएमसी कमेटी और ग्रामीणों का विरोध अलग से झेलना पड़ रहा है। कई गांवों में कमेटियां अपने स्वयं के स्तर पर ही वरीयता बनाकर संस्थाप्रधानों पर थोप रही हैं।
पहले दिन 39, दूसरे दिन 217
शुक्रवार शाम तक माध्यमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत 39 स्कूलों में चयन प्रक्रिया पूर्ण होने की बात सामने आ रही थी। अधिकारियों के दबाव के बाद शनिवार शाम तक 291 ग्राम पंचायतों में से 217 स्कूलों में चयन प्रक्रिया की रिपोर्ट आ गई थी और देर शाम तक आंकड़े अपडेट करवाए जा रहे थे।
जाओ और चयन करवाओ
पंचायत भर्ती को लेकर 15 स्कूलों में सर्वाधिक विरोध-प्रदर्शन होने की स्थिति पर शासन सचिव से निर्देशानुसार डीईओ माध्यमिक ने शनिवार को आदेश जारी किए। इसके तहत 15 शिक्षा अधिकारियों की विशेष ड्यूटी लगाते हुए उन्हें हर हाल में चयन करवाने के निर्देश दिए।
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