राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल पाठ्यक्रम की अर्थशास्त्र की पुस्तक में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी फैसले और कैशलेस संकल्पना का पाठ पढ़ाया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया और कैशलेस की मुहिम को आगे बढ़ाने के क्रम में राजस्थान सरकार प्रदेश की स्कूलों में कैशलेस का यह पाठ जोड़ने जा रही है. स्कूल पाठ्यक्रम में कैसलेस और डिजिटल इंडिया के पाठ को पढ़ाने की तैयारी के साथ ही शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए अपने अधिकारियों को भी कैसलेस के लिए ट्रेनिंग भी दी है.
बोर्ड में लेनदेन कैशलेस, दस्तावेजों के लिए भी डिजिटल ट्रांजेक्शन
शिक्षा बोर्ड की ओर से सोमवार को अजमेर के बोर्ड परिसर स्थित विद्यार्थी सेवा केंद्र पर स्वाइप मशीन की व्यवस्था करते हुए सभी लेनदेन कैशलेस कर दिए हैं. अब विद्यार्थी दस्तावेजों के बदले शुल्क डिजिटली कर सकेंगे.
दो साल से परीक्षा से जुड़े सभी मानदेय कैशलेस
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी ने बताया कि पिछले दो साल से बोर्ड परीक्षा से जुड़े सभी मानदेय का भुगतान कैशलेस कर रहा है. परीक्षकों और स्कूलों को सीधे उनके खाते में भुगतान किया जा रहा है. कैश के बजाया बोर्ड आरटीजीएस और चेक से भुगतान करता है.
छात्रों से अभिभावकों तक पहुंचेगा 'कैशलेस' संदेश
आगामी सत्र से किस तरह से कैशलेस ट्राजेक्शन किया जा सकता है या फिर कैशलेस इंडिया की ओर से कैसे बढ़ा जाए इसे 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाएगा. इससे स्टूडेंट्स कैशलेस को लेकर जागरुक हो सकेंगे. साथ ही अभिभावकों तक भी ये संदेश बखूबी पहुंचाया जा सकेगा और वे अपने परिजनों को कैसे डिजिटल और कैशलेस हों इसके लिए बेहतर तरीके से समझा सकेंगे.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने अधिकारियों से चर्चा की है और उन्हें प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. मंत्री देवनानी ने बताया कि विभाग में नकद भुगतान के बजाय ई-ट्रांजेक्शन पर भी जोर दिया जाएगा.
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया और कैशलेस की मुहिम को आगे बढ़ाने के क्रम में राजस्थान सरकार प्रदेश की स्कूलों में कैशलेस का यह पाठ जोड़ने जा रही है. स्कूल पाठ्यक्रम में कैसलेस और डिजिटल इंडिया के पाठ को पढ़ाने की तैयारी के साथ ही शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए अपने अधिकारियों को भी कैसलेस के लिए ट्रेनिंग भी दी है.
बोर्ड में लेनदेन कैशलेस, दस्तावेजों के लिए भी डिजिटल ट्रांजेक्शन
शिक्षा बोर्ड की ओर से सोमवार को अजमेर के बोर्ड परिसर स्थित विद्यार्थी सेवा केंद्र पर स्वाइप मशीन की व्यवस्था करते हुए सभी लेनदेन कैशलेस कर दिए हैं. अब विद्यार्थी दस्तावेजों के बदले शुल्क डिजिटली कर सकेंगे.
दो साल से परीक्षा से जुड़े सभी मानदेय कैशलेस
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी ने बताया कि पिछले दो साल से बोर्ड परीक्षा से जुड़े सभी मानदेय का भुगतान कैशलेस कर रहा है. परीक्षकों और स्कूलों को सीधे उनके खाते में भुगतान किया जा रहा है. कैश के बजाया बोर्ड आरटीजीएस और चेक से भुगतान करता है.
छात्रों से अभिभावकों तक पहुंचेगा 'कैशलेस' संदेश
आगामी सत्र से किस तरह से कैशलेस ट्राजेक्शन किया जा सकता है या फिर कैशलेस इंडिया की ओर से कैसे बढ़ा जाए इसे 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाएगा. इससे स्टूडेंट्स कैशलेस को लेकर जागरुक हो सकेंगे. साथ ही अभिभावकों तक भी ये संदेश बखूबी पहुंचाया जा सकेगा और वे अपने परिजनों को कैसे डिजिटल और कैशलेस हों इसके लिए बेहतर तरीके से समझा सकेंगे.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने अधिकारियों से चर्चा की है और उन्हें प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. मंत्री देवनानी ने बताया कि विभाग में नकद भुगतान के बजाय ई-ट्रांजेक्शन पर भी जोर दिया जाएगा.
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