राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री की अनूठी पहल तीन बालिकाओं को बनाया एक दिन का मंत्री
राजस्थान में महिलाओं के कम होते लिंगानुपात और 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' मुहिम को प्रभावी बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने एक अनूठी पहल की है.
उन्होंने प्रदेश की तीन बालिकाओं को एक दिन का मंत्री (सांकेतिक) बनाकर उनसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 10 हजार 500 मोबाइल और 282 महिला सुपरवाइजर को आइपैड देने की स्वीकृति भी करवाई.
शासन सचिवालय परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस को सार्थक सिद्ध करते हुए मंत्री भदेल ने गरिमा बालिका संरक्षण एवं सम्मान पुरस्कार 2016-17 की विजेता राजसंमद निवासी जशोदा गमेती, टोंक निवासी सोना बैरवा और प्रीति कंवर राजावत को एक दिन के लिए मंत्री का प्रभार सौंप दिया. यही नहीं उन्हें मंत्रालय में होने वाले कार्य-कलापों से भी अवगत कराया.
उल्लेखनीय है कि तीनों लड़कियों ने न केवल बाल विवाह के विरूद्ध आवाज उठाई बल्कि अपने आसपास होने वाले बाल विवाह पर भी रोक लगवाई.
मंत्री भदेल ने कहा कि मैं इस सांकेतिक सम्मान के जरिए समाज को यह संदेश देना चाहती हूं कि बालिकाएं किसी भी मायने में कम नहीं हैं. उन्हें अगर उड़ने की आजादी दी जाए तो वे पूरे आसमान को नाप सकती हैं. समाज महिलाओं को कमतर नहीं आंके और उन्हें समान अवसर दे. उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा तो वे एक दिन खुद को जरूर साबित कर देंगी.
उन्होंने कहा कि इन बालिकाओं के जरिए हमने प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 10 हजार 500 एंड्राइड फोन और महिला सुपरवाइजर्स के लिए 282 आइपैड की स्वीकृति (सांकेतिक) जारी करवाई है.
राजस्थान में महिलाओं के कम होते लिंगानुपात और 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' मुहिम को प्रभावी बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने एक अनूठी पहल की है.
उन्होंने प्रदेश की तीन बालिकाओं को एक दिन का मंत्री (सांकेतिक) बनाकर उनसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 10 हजार 500 मोबाइल और 282 महिला सुपरवाइजर को आइपैड देने की स्वीकृति भी करवाई.
शासन सचिवालय परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस को सार्थक सिद्ध करते हुए मंत्री भदेल ने गरिमा बालिका संरक्षण एवं सम्मान पुरस्कार 2016-17 की विजेता राजसंमद निवासी जशोदा गमेती, टोंक निवासी सोना बैरवा और प्रीति कंवर राजावत को एक दिन के लिए मंत्री का प्रभार सौंप दिया. यही नहीं उन्हें मंत्रालय में होने वाले कार्य-कलापों से भी अवगत कराया.
उल्लेखनीय है कि तीनों लड़कियों ने न केवल बाल विवाह के विरूद्ध आवाज उठाई बल्कि अपने आसपास होने वाले बाल विवाह पर भी रोक लगवाई.
मंत्री भदेल ने कहा कि मैं इस सांकेतिक सम्मान के जरिए समाज को यह संदेश देना चाहती हूं कि बालिकाएं किसी भी मायने में कम नहीं हैं. उन्हें अगर उड़ने की आजादी दी जाए तो वे पूरे आसमान को नाप सकती हैं. समाज महिलाओं को कमतर नहीं आंके और उन्हें समान अवसर दे. उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा तो वे एक दिन खुद को जरूर साबित कर देंगी.
उन्होंने कहा कि इन बालिकाओं के जरिए हमने प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 10 हजार 500 एंड्राइड फोन और महिला सुपरवाइजर्स के लिए 282 आइपैड की स्वीकृति (सांकेतिक) जारी करवाई है.
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