झालावाड़. । जिले में 'यू-डाइस ' डाटा आवेदन फॉर्म को हल्के में ले रहे संस्था प्रधानों और स्कूलों के लिए चेतावनी भरी खबर है। जिन स्कूलों के फार्म नहीं भरे गए हैं उनके प्रति विभाग सख्त होने जा रहा है।
अधिकरियों के मुताबिक ऐसे स्कूलों को कानूनी कार्रवाई समेत आर्थिक दंड तक का सामना करना पड़ सकता है।
मान्यता पर खतरा है। विभागीय सुविधाएं अटकेंगी सो अलग। आंकड़ों के मुताबिक आखिरी तारीख 7 नवम्बर निकलने के बाद भी 113 स्कूलों से ये आवेदन नहीं भरे गए हैं।
पुनर्भरण राशि भी रोक ली जाएगी
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना (न्यूपा) की ओर से जिला सूचना प्रणाली और सैकंडरी एज्युकेशन मैंनेजमेंट सिस्टम को एकीकृत करके 'यू डाइस डाटा फार्म तैयार किया गया है। इसके तहत जिले के सभी निजी और राजकीय 2200 विद्यालयों को 30 सितम्बर 2016 के रिकॉर्ड के अनुसार 7 नवंबर तक डाटा फॉर्म भरकर नोडल केन्द्रों या सर्वशिक्षा अभियान के कार्यालय में जमा कराना था। लेकिन, अब तक भी जिले के करीब 113 विद्यालयों ने आवेदन भरकर नहीं दिए हैं।
'यू-डाइस ' नहीं भरने वाले निजी विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की भी तैयारी है। आरटीई प्रवेश पर मिलने वाली 25 पुनर्भरण राशि भी रोक ली जाएगी।
नहीं मिलेगी सहायता
'यू डाइस' के तहत जानकारी नहीं देने वाले विद्यालय को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्वशिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली किसी भी तरह की सहायता नहीं दी जाएगी। इस डाटा को भरने के बाद सभी विद्यालयों को 'यू डाइस' कोड दिया जाएगा। कोड के आधार पर ही सहायता राशि दी जाएगी।
इसी के आधार पर ही बोर्ड परीक्षाओं में आवेदन किया जा सकेगा।डाइस कोड आवेदन-पत्र में लिखना होगा। अधिकारियों का कहना है कि तय तिथि तक जिन विद्यालयों ने डाटा फॉर्म नहीं भरा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
यह होगा फायदा
डाटा को एक जगह एकत्र करने और विद्यालयों में शिक्षा की सही स्थिति का पता लगाने के लिए सभी विद्यालयों को डाटा फॉर्म भरना अनिवार्य है। इससे विद्यालयों में मौजूद एकेडमिक-नॉन एकेडमिक स्टाफ, स्कूल भवन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पुस्तकालय, परीक्षा परिणाम, छात्र संख्या आदि की जानकारी मानव संसाधन मंत्रालय को एक क्लिक पर ही मिल जाएगी। इसी आधार पर स्कूलों को बजट-संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। अभी सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में 6 ऑपरेटर के माध्यम से ऑनलाइन डाटा फीडिंग किया जा रहा है।
यू-डाइस डाटा ऑनलाइन भरा जा रहा है
अभी एसएसए के माध्यम से स्कूलों का यू-डाइस डाटा ऑनलाइन भरा जा रहा है। कई स्कूलों ने आफलाइन आवेदन भरकर नहीं दिए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-रवीन्द्र कुमार शर्मा, जिला समन्वयक सर्वशिक्षा अभियान,झालावाड
अधिकरियों के मुताबिक ऐसे स्कूलों को कानूनी कार्रवाई समेत आर्थिक दंड तक का सामना करना पड़ सकता है।
मान्यता पर खतरा है। विभागीय सुविधाएं अटकेंगी सो अलग। आंकड़ों के मुताबिक आखिरी तारीख 7 नवम्बर निकलने के बाद भी 113 स्कूलों से ये आवेदन नहीं भरे गए हैं।
पुनर्भरण राशि भी रोक ली जाएगी
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना (न्यूपा) की ओर से जिला सूचना प्रणाली और सैकंडरी एज्युकेशन मैंनेजमेंट सिस्टम को एकीकृत करके 'यू डाइस डाटा फार्म तैयार किया गया है। इसके तहत जिले के सभी निजी और राजकीय 2200 विद्यालयों को 30 सितम्बर 2016 के रिकॉर्ड के अनुसार 7 नवंबर तक डाटा फॉर्म भरकर नोडल केन्द्रों या सर्वशिक्षा अभियान के कार्यालय में जमा कराना था। लेकिन, अब तक भी जिले के करीब 113 विद्यालयों ने आवेदन भरकर नहीं दिए हैं।
'यू-डाइस ' नहीं भरने वाले निजी विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की भी तैयारी है। आरटीई प्रवेश पर मिलने वाली 25 पुनर्भरण राशि भी रोक ली जाएगी।
नहीं मिलेगी सहायता
'यू डाइस' के तहत जानकारी नहीं देने वाले विद्यालय को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्वशिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली किसी भी तरह की सहायता नहीं दी जाएगी। इस डाटा को भरने के बाद सभी विद्यालयों को 'यू डाइस' कोड दिया जाएगा। कोड के आधार पर ही सहायता राशि दी जाएगी।
इसी के आधार पर ही बोर्ड परीक्षाओं में आवेदन किया जा सकेगा।डाइस कोड आवेदन-पत्र में लिखना होगा। अधिकारियों का कहना है कि तय तिथि तक जिन विद्यालयों ने डाटा फॉर्म नहीं भरा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
यह होगा फायदा
डाटा को एक जगह एकत्र करने और विद्यालयों में शिक्षा की सही स्थिति का पता लगाने के लिए सभी विद्यालयों को डाटा फॉर्म भरना अनिवार्य है। इससे विद्यालयों में मौजूद एकेडमिक-नॉन एकेडमिक स्टाफ, स्कूल भवन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पुस्तकालय, परीक्षा परिणाम, छात्र संख्या आदि की जानकारी मानव संसाधन मंत्रालय को एक क्लिक पर ही मिल जाएगी। इसी आधार पर स्कूलों को बजट-संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। अभी सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में 6 ऑपरेटर के माध्यम से ऑनलाइन डाटा फीडिंग किया जा रहा है।
यू-डाइस डाटा ऑनलाइन भरा जा रहा है
अभी एसएसए के माध्यम से स्कूलों का यू-डाइस डाटा ऑनलाइन भरा जा रहा है। कई स्कूलों ने आफलाइन आवेदन भरकर नहीं दिए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-रवीन्द्र कुमार शर्मा, जिला समन्वयक सर्वशिक्षा अभियान,झालावाड
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